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केरल के वामपंथी विधायक केटी जलील ने कही राष्ट्रविरोधी बात, POK को बताया आजाद कश्मीर, भाजपा ने कहा- जलील पाकिस्तानी जासूस हैं

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क्या ऐसा कोई कर सकता है कि जिस थाली में खाए उसी में छेद करे। भारत में कई लोग ऐसे हैं जो जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनके मन में भारत के प्रति नफरत है और पाकिस्तान के प्रति प्यार है। अब यहां यह सवाल उठता है कि पाकिस्तान से प्यार है तो पाकिस्तान चले जाएं। लेकिन नहीं, वो रहेंगे भारत में ही जिससे वे अपना एजेंडा चला सकें और विदेश की फंडिंग पर आराम से जी सकें। ऐसा ही एक उदाहरण हैं- केरल के वामपंथी विधायक केटी जलील। भारत के प्रति नफरत उनके दिलोदिमाग में कूट-कूटकर भरा है। प्रतिबंधित संगठन सिमी का सदस्य रहे जलील ने हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट में POK को आजाद कश्मीर बताया है। वो यहीं नहीं रुके उन्होंने कश्मीर से 370 खत्म किए जाने का भी विरोध किया और कहा कि जब से 370 को हटाया गया है कश्मीर में सेना की मौजूदगी बढ़ गई है और इससे कश्मीर की खूबसूरती भी छिन गई है। केरल की विधानसभा में विधायक केटी जलील को अगर भारतीय संविधान पर भरोसा होता तो वे POK को आजाद कश्मीर बताने की जगह कहते कि संपूर्ण कश्मीर हमारा है। लेकिन वो ऐसा नहीं कहेंगे क्योंकि उन्हें दोनों हाथों में लड्डू चाहिए। जलील अक्सर भारत विरोधी बातें करते रहते हैं और अब POK पर उनके बयान की काफी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

जलील ने कहा- कश्मीर के चेहरे पर चमक नहीं

केरल के पूर्व मंत्री और सीपीआई-एम नेता केटी जलील ने एक फेसबुक पोस्ट में न सिर्फ भारतीय सेना की आलोचना की है, बल्कि भारतीय कश्मीर को भारीतय अधीन वाला कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ बताया है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि जम्मू कश्मीर में हर जगह सेना की तैनाती है और कश्मीर के लोग हंसना भूल गए हैं। उन्होंन कहा, “कश्मीर के चेहरे पर चमक नहीं है। हर जगह बंदूक के साथ सैनिक हैं। पुलिसकर्मियों के कंधों पर भी बंदूकें हैं। आम लोगों के चेहरों पर कोई उदासी नहीं थी। ऐसा लगता है कि कश्मीरी लोग हंसना भूल गए हैं।” केटी जलील ने अपने पोस्ट में आगे कहा, “ग्रीन दशकों से कश्मीर का रंग रहा है। सड़क के किनारे हर सौ मीटर पर सशस्त्र सैनिकों को देखा जा सकता है।” जलील ने अपने कश्मीर दौरे के संबंध में एक फेसबुक पोस्ट में यह टिप्पणी की। मलयालम में लिखी पोस्ट में केरल के विधायक ने कहा कि कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से को आजाद कश्मीर के रूप में जाना जाता है और यह ऐसा क्षेत्र है जहां पाकिस्तान सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है।

जलील पाकिस्तानी जासूस हैः के. सुरेंद्रन

इस पर केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि पूर्व मंत्री और वाम समर्थित विधायक के.टी. जलील एक “पाकिस्तानी जासूस है, और उसे पाकिस्तान जाकर रहना चाहिए। सुरेंद्रन ने कश्मीर को ‘भारत अधिकृत कश्मीर’ और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ के रूप में वर्णित करने पर जलील के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। भाजपा नेता ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति यह स्वीकार नहीं कर सकता कि कश्मीर भारत का हिस्सा है, तो उसके लिए पाकिस्तान जाना बेहतर है। उन्होंने कहा कि अगर जलील अकेले पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं तो उन्हें पड़ोसी देश भेज दिया जाना चाहिए।

भारत में रहकर पाकिस्तान के प्रति निष्ठा रखते हैं जलील

सुरेंद्रन ने कहा कि भारत में रहते हुए भी कई लोग पाकिस्तान के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं और जलील उनमें से एक है। भाजपा नेता ने कहा कि जलील को अपना विधायक पद छोड़ देना चाहिए और अपने बयान पर देश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अनजाने में नहीं बल्कि जानबूझकर की गई गलती थी। उन्होंने यह भी कहा कि जलील ने पूरे केरल वासियों का अपमान किया है।

दिलचस्प है जलील की सफाई

जलील के खिलाफ दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में और एक अन्य तिरुवनंतपुरम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई गई है। भारी विरोध के बाद अपने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक जलील की सफाई भी दिलचस्प है, उन्होंने दावा किया कि बयान का गलत अर्थ निकाला गया। हालांकि, उन्होंने अपने बयान के केवल एक हिस्से पर सफाई दी और दूसरे हिस्से पर खामोशी बरती। जलील ने विवाद बढ़ने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट पर मलयालम भाषा में लिखा, “मुझे केवल उन लोगों के लिए सहानुभूति है जो “आजाद कश्मीर” का अर्थ नहीं समझते हैं, जब इसे डबल इन्वर्टेड कॉमा में लिखा जाता है। हालांकि, अपनी सफाई के दौरान जलील ने “भारत अधीन जम्मू और कश्मीर” के बारे में कोई सफाई नहीं दी।

माकपा ने जलील की टिप्पणी से खुद को अलग किया

मामला तूल पकड़ने पर केरल की सत्तारूढ़ पार्टी माकपा ने जलील की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। पार्टी विधायक एसी मोइदीन ने स्पष्ट किया कि जलील का रुख वाम दल का नहीं है। मार्क्सवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री एमवी गोविंदन ने भी कहा कि भारत और कश्मीर पर वाम दल का रुख बहुत स्पष्ट है।

जलील की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्यः आरिफ मोहम्मद खान

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने जलील की टिप्पणी पर कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। न केवल यह अस्वीकार्य है, मुझे आश्चर्य है कि क्या ये टिप्पणियां किसी साहित्य के माध्यम से या कुछ जानने के बाद या सिर्फ अज्ञानता से की गईं। मुझे नहीं पता। मुझे इस तरह की टिप्पणी के लिए बहुत खेद है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मैं इस तरह की टिप्पणियों से आहत हूं।” आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के विधायक से “राष्ट्रीय अखंडता” पर सवाल भी किया। खान ने कहा, “क्या हमें अपनी स्वतंत्रता की अहमियत का एहसास नहीं है? क्या हमें अपनी राष्ट्रीय अखंडता के महत्व का एहसास नहीं है? हम इस तरह की बातें कैसे कह सकते हैं?”

केंद्रीय मंत्रियों ने कहा- राष्ट्र विरोधी

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने जलील के बयान को अपमानजनक करार दिया। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी जलील की टिप्पणी को राष्ट्र विरोधी करार दिया। मुरलीधरन ने जलील की टिप्पणी को लेकर केरल सरकार पर निशाना साधा। विद्यार्थी परिषद ने बताया देश विरोधी बयान जलील की टिप्पणी से आक्रोशित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा तिरुवनंतपुरम शहर के पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई गई। विधायक जलील के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उनकी टिप्पणी को ‘राष्ट्र-विरोधी’ बताया गया है।

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