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दिल्ली में केजरीवाल की ‘कट्टर घोटालेबाज सरकार’, सिसोदिया शिक्षा मॉडल में लूट की छूट, सैनिक स्कूल प्रबंधन घोटाले में मंत्री और AAP के नेता शामिल

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भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकलकर आई आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के कीचड़ में धंसती जा रही है, जिसे साफ करने का दावा अरविंद केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के दौरान किया था। केजरीवाल सरकार के घोटालों की सूची इतनी लंबी होती जा रही है कि इसे ‘कट्टर घोटालेबाज सरकार’ कहा जाने लगा है। इसे देखकर कहा जा रहा है कि केजरीवाल की अपने बारे में की गई भविष्यवाणी सत्य साबित हो रही है,जिसमें उन्होंने खुदके भ्रष्टाचार के दलदल में धंसने की आशंका जतायी थी। पिछले आठ सालों में क्लासरूम घोटाला,आबकारी घोटाला, विज्ञापन घोटाला, बस घोटाला, मार्शल घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक घोटाला जैसे कई घोटाले हुए और अब सैनिक स्कूल घोटाला सामने आया है।

भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ा शहीद भगत सिंह सैनिक स्‍कूल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 27 अगस्त, 2022 को दिल्ली के झरोदा कलां में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया। यह दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है। लेकिन इस स्कूल के खुलने की पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। केजरीवाल सरकार ने अपनी ही आम आदमी पार्टी की नेता श्रीशा राव को कंपनी खुलवाकर ठेका दे दिया। हैरानी की बात यह है कि अभी कंपनी के खुले हुए दो महीने भी नहीं हुए थे और कंपनी के पास सैनिक स्कूल के प्रबंधन का कोई अनुभव भी नहीं था, फिर भी दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की मेहरबानी से सरकारी खजाने को लूटने का ठेका मिल गया। 

कंपनी बनने के डेढ़ महीने बाद मिला ठेका

बीजेपी नेता अमित खरखरी का दावा है कि 15 नवंबर, 2021 को श्रीशा राव नई कंपनी साइकोरियन एजुकेशन लिमेटेड बनाती है। जिसका डायरेक्टर राजलक्ष्मी, सतीश गंगा और मनीष जोशी को बनाया गया। उस समय इस कंपनी के रजिस्टर्ड होने के डेढ़ महीने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बिना किसी अनुभव के साइकोरियन एजुकेशन लिमिटेड को सेना के लिए तैयारी करवाने के लिए स्कूल संचालन का ठेका दे दिया। इसके बाद श्रीशा ने दिल्ली के सभी स्कूलों का दौरा किया। उन्होंने 12 जून, 2021 को 14 एकड़ के झरोदा स्कूल की जानकारी दी। इसके बाद सिसोदिया और केजरीवाल सेना भर्ती के लिए दिल्ली एनसीआर में पहला स्कूल होने की घोषणा कर दी।

आम आदमी पार्टी की नेता हैं श्रीशा राव

अब आपको श्रीशा राव के बारे में बताते हैं। श्रीशा राव आम आदमी पार्टी की नेता हैं। वह काफी समय से आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई है। वह पार्टी के कोर ग्रुप की बेहद करीब है। 2019 के आम चुनाव के दौरान हरियाणा में आम आदमी पार्टी की स्टार प्रचारक थी। श्रीशा राव की तस्वीर मीग-21 से एफ-16 मार गिराने वाले अभिनंदन की पत्नि के रूप में वायरल हुई थी। श्रीशा राव ने आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना के लिए भी चुनाव प्रचार किया था।

मनीष सिसोदिया की करीबी होने की वजह से मिला ठेका

श्रीशा राव दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की करीबी हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल को लेकर पहली बार 10 फरवरी, 2021 को सिसोदिया से मुलाकात की थी। इसके ठीक एक महीने बाद 9 मार्च, 2021 को सिसोदिया ने दिल्ली में पहले सैनिक स्कूल की घोषणा की। 15 जुलाई, 2021 को श्रीशा फिर सिसोदिया से मिली। इसके बाद अक्टूबर में श्रीशा ने इस सैनिक स्कूल के बारे में जिस तरह का पोस्ट किया, उससे पता चलता है कि श्रीशा को पहले से सैनिक स्कूल की जिम्मेदारी मिलने का भरोसा था। इसके बाद श्रीशा ने नवंबर में Saikorian Education Pvt Ltd कंपनी बनाया और डेढ़ महीने बाद कंपनी को ठेका मिल गया।

घोटाला उजागर होने के बाद श्रीशा का ट्विटर अकाउंट डिलीट

जब यह घोटाला उजागर हुआ तो ट्विटर पर लोगों ने श्रीशा को ट्रोल करना शुरू किया। इसके बाद 19 सितंबर, 2022 को श्रीशा ने कुछ समय के लिए अपना ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिया। जब श्रीशा ने अपने ट्विटर अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट किया, तो लोग उन पर टूट पड़े। इस बीच उन्होंने 16 लोगों को अनफॉलो कर दिया। जब विवाद बढ़ने लगा तो श्रीशा ने अपना ट्विटर हैंडल हमेशा के लिए बंद कर दिया। इस तरह श्रीशा घोटाले के आरोप से भागने की कोशिश कर रही है। 

सत्य हुई अपने बारे में केजरीवाल की भविष्यवाणी

गौरतलब है कि कट्टर ईमानदार और भ्रष्टाचार के कीचड़ को साफ करने का दावा करने वाले केजरीवाल खुद कीचड़ फैलाते नजर आ रहे हैं। सैनिक स्कूल घोटाले से साबित हो रहा है कि केजरीवाल ने खुद अपने बारे में जो आशंका व्यक्त की थी, वह सत्य साबित हो रही है। उन्होंने अन्ना आंदोलन के दौरान कहा था, “इस कुर्सी के अंदर कुछ न कुछ समस्या है। जो इस कुर्सी के ऊपर बैठता है। वो ही गड़बड़ हो जता है। तो कही ऐसा तो नहीं इस आंदोलन से जब विकल्प निकलेगा और वो लोग कुर्सी पर जाकर बैठेंगे। कही वो न भ्रष्ट हो जाए। कही वो न गड़बड़ करने लगे।”

आइए देखते हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किस तरह भ्रष्टाचार को संरक्षण और प्रोत्साहन दे रहे हैं और भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन कर रहे हैं…

घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया का महिमामंडन

गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है। इसको लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुजरात का दो दिवसीय दौरा किया। 22 अगस्त, 2022 को दोनों गुजरात में मुफ्त की रेवड़ी बांटने में व्यस्त थे। लेकिन केजरीवाल के चेहरे पर सीबीआई की छापेमारी और सिसोदिया की गिरफ्तारी का डर साफ नजर आ रहा था। केजरीवाल ने यह भी आशंका जतायी कि सिसोदिया को जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने मनीष सिसोदिया का महिमामंडन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने सिसोदिया को आजाद भारत और दुनिया का सबसे बेहतर शिक्षा मंत्री घोषित कर दिया। केजरीवाल इतने पर नहीं रूके। उन्होंने सिसोदिया को ‘भारत रत्न’ देने की मांग कर सबको हैरान कर दिया।  

शिक्षा में सुधार के लिए भारत रत्न की मांग

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”जिस व्यक्ति को पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था सौंप देनी चाहिए। जिस व्यक्ति ने 5 साल के अंदर करिश्मा करके दिखा दिया, मौजूदा रवायती पार्टियां जो 70 साल में वह 5 साल में कर दिया, जिस व्यक्ति ने सरकारी स्कूलों को शानदार बना दिया, उस व्यक्ति पर सीबीआई की रेड कराते हो, शर्म नहीं आती। ऐसे व्यक्ति को तो भारत रत्न मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री को बुलाना चाहिए, कि जो भी पार्टी हो, पार्टीबाजी थोड़ी करनी है, देश का विकास करना है, मनीष जी बैठिए बताइए कैसे शिक्षा व्यवस्था ठीक करनी है।”

केजरीवाल ने खेला जाति कार्ड

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल मनीष सिसोदिया की संभावित गिरफ्तारी को लेकर इतने डरे हुए हैं कि अब जातिवाद का सहारा ले रहे हैं। केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया पर सीबीआई रेड से राजपूत, ब्राह्मण, बनिए, अमीर, गरीब, महिलाएं, बुजुर्ग सभी नाराज हैं। केजरीवाल और सिसोदिया पर जैसे-जैसे शिकंजा कसता जा रहा है। दोनों जाति का कार्ड खेलने में लग गए हैं। इससे पहले मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया था, “मेरे पास भाजपा का संदेश आया है- “आप” तोड़कर भाजपा में आ जाओ, सारे CBI ED के केस बंद करवा देंगे मेरा भाजपा को जवाब- मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूँ, राजपूत हूँ। सर कटा लूँगा लेकिन भ्रष्टाचारियो-षड्यंत्रकारियोंके सामने झुकूँगा नहीं। मेरे ख़िलाफ़ सारे केस झूठे हैं।जो करना है कर लो।”

सत्येंद्र जैन को ‘पद्म विभूषण’ देने की मांग

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन का बचाव करते हुए उनका खूब महिमामंडन किया। जून 2022 में उन्होंने कहा था कि सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया है और उन्हें ‘पद्म विभूषण’ जैसे देश के सबसे बड़े सम्मान देने चाहिए। उन्होंने देश को मोहल्ला क्लीनिक का एक मॉडल दिया, जिसको देखने के लिए देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से लोग आ रहे हैं, वहीं दिल्ली को एक ऐसा हेल्थ मॉडल दिया कि दिल्ली के अंदर सबका इलाज फ्री हो रहा है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने दावा किया कि में सत्येंद्र जैन सीबीआई व इनकम टैक्स की जांच की तरह ईडी की जांच में भी पाक साफ निकलेंगे। 

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ पुख्ता सबूत-कोर्ट

भले दिल्ली सीएम केजरीवाल अपने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को पाक साफ बताने में लगे हो और उन्हें ‘पद्म विभूषण’ देने की मांग कर रहे हो। लेकिन दिल्ली की एक कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत होने की बात मानी है। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लिया। कोर्ट ने सख्त टिप्णी करते हुए कहा कि पहली नजर में उनकी संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इसके बावजूद कट्टर ईमानदार होने का ढोल पीटने वाले केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को अभी तक मंत्री पद से नहीं हटाया है।

स्कूल खूले – 0, शराब के ठेके खूले – 850

सोशल मीडिया पर मनीष सिसोदिया के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का भी खुलासा किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि सिसोदिया को भारत रत्न नहीं, भ्रष्टाचार करने के लिए लानत रत्न मिलना चाहिए। सिसोदिया ने दिल्ली में एक भी स्कूल नहीं खोला। यहां तक कि स्कूल के कमरे बनवाने में भ्रष्टाचार किया। स्कूल का एक कमरा बनवाने में 25 लाख रुपये खर्च किए। जबकि कमरा इससे कम में बन सकता था। वहीं शराब ठेके से तुलना करते हुए लोग कह रहे हैं कि दिल्ली में एक भी स्कूल नहीं खुला, लेकिन शराब के 850 ठेके खुल गए।

शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया आरोपी नंबर 1

क्लासरूम बनवाने में कथित घोटाले और दिल्ली की शराब नीति को लेकर केजरीवाल के दूसरे करीबी मनीष सिसोदिया बुरी तरह घिर चुके हैं। उनके आवास एवं अन्य 20 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी हो चुकी है। सीबीआई ने शराब घोटाले में 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है, जिसमें मनीष सिसोदिया को पहला आरोपी बनाया है। दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में अनियमितता पाई गई, जिसके बाद भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की अनिवार्य मंजूरी उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी थी। सीबीआई ने शराब नीति की आड़ में हुए करोड़ों के घोटाले का पता लगाने के लिए ही छापेमारी की कार्रवाई की थी।

शराब नीति में मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप

1- मनीष सिसोदिया पर आबकारी पॉलिसी फॉर्मेशन और एक्जीक्यूशन में सरकारी नियमों का उल्लघंन का आरोप।
2- एलजी की इजाजत के बिना शराब उत्पादकों को फायदा पहुंचाने का आरोप।
3- शराब विक्रेताओं के EMD (Earnest Money Deposite) ऐसे ही वापिस कर देने का भी आरोप।
4- L1,L7 लाइसेंस देने की प्रक्रिया में घोटाले का आरोप।
5- केन बीयर देने की पॉलिसी भी ठीक नहीं।

दिल्ली सरकार के राजकोष को 144 करोड़ रुपये का नुकसान

दिल्ली की केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति की वजह से राजकोष को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। शराब कारोबारियों को लाइसेंस हासिल करने में अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचाया गया। आबकारी विभाग ने कोविड​​-19 वैश्विक महामारी के नाम पर लाइसेंसधारियों को निविदा लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी। लाइसेंस के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि भी तब वापस कर दी गई, जब वह हवाई अड्डा अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में विफल रहा था। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई आबकारी नीति, 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था और इसके तहत निजी बोलीदाताओं को शहरभर में 32 क्षेत्रों में 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे।

आइए देखते हैं केजरीवाल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप-

1.केजरीवाल और उनके रिश्तेदार पर घोटाले के आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार विनय बंसल को मई 2018 में तीस हजारी कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो (एसीबी) ने पीडब्ल्यूडी घोटाले में विनय बंसल को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने बंसल की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। आरोप है कि सुरेंद्र बंसल ने अनुमानित लागत 4 लाख 90 हजार से 46 फीसदी नीचे पर पीडब्ल्यूडी का टेंडर हासिल किया था। उनके द्वारा कराए गए रोड और सीवर के काम की क्वालिटी भी ठीक नहीं होने की बात कही गई थी। इस जांच में महादेव कंपनी से सीमेंट और लोहा खरीदने का पता लगा, लेकिन इस कंपनी से कोई कारोबार हुआ ही नहीं था। विनय बंसल अपने पिता सुरेंद्र बंसल के साथ 50 फीसदी के पार्टनर थे। इनसे पूछा गया कि महादेव कौन सी कंपनी थी। इसका उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सुरेंद्र, विनय बंसल और PWD के कई अधिकारियों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए थे।

2. मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव ही भ्रष्टाचार में लिप्त

केजरीवाल के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। केजरीवाल जो भ्रष्टाचार को तनिक भी बर्दाश्त न करने की कसमें खाते हैं, उन्हीं को ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने मई 2015 में पत्र लिखकर राजेन्द्र कुमार के भ्रष्टाचार के बारे में बताया था। राजेन्द्र कुमार ने 2007-2015 के बीच अपने रिश्तेदारों की कम्पनी को दिल्ली सरकार में काम करने का ठेका दिया और उसके बदले में धन भी लिया। इस तरह से दिल्ली सरकार को 12 करोड़ का चूना लगाया और खुद अपने लिए तीन करोड़ रुपये भी कमा लिए। ऐसे थे भ्रष्टाचार विरोधी मुख्यमंत्री केजरीवाल के सचिव, जिन्हें 4 जुलाई 2016 को कार्यलय से गिरफ्तार किया गया और 22 दिनों बाद सीबीआई अदालत ने उन्हें जमानत दी।

3. ‘टॉक टू ए के’ घोटाला

सीबीआई उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ ‘टॉक टू ए के’ घोटाला में भी भ्रष्टाचार के मामले दर्ज कर जांच कर रही है। उन्होंने केजरीवाल के टॉक टू एके कार्यक्रम के प्रचार के लिए 1.5 करोड़ रुपये में एक पब्लिक रिलेशन कंपनी को काम सौंप दिया। जबकि मुख्य सचिव ने इसके लिए इजाजत नहीं देने को कहा था लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी। लगता है सिसोदिया ने फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया।

4.सत्येंद्र जैन का हवाला लिंक

सत्येंद्र जैन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ईमानदारी का सर्टिफिकेट बांटने वाले केजरीवाल के मजबूत स्तंभ सत्येंद्र जैन पर हवाला के जरिए 16.39 करोड़ रुपए मंगाने का आरोप है। ये वो जानकारी है जिसे आयकर विभाग ने ट्रेस किया है। सूत्र बताते हैं कि सत्येंद्र जैन के करीबी कोड वर्ड के साथ नकद में रुपए ट्रेन के माध्यम से कोलकाता भेजते थे और कोलकाता के हवाला कारोबारी छद्म कंपनियों के नाम से जैन की कंपनी में शेयर खरीदने के बहाने पैसे चेक या आरटीजीएस के माध्यम से लौटाते थे।

5.स्वास्थ्य मंत्री ने पुत्री को बनाया सरकार में सलाहकार

सीबीआई स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की पुत्री सौम्या जैन को मोहल्ला क्लीनिक परियोजना में सलाहकार बनाये जाने की जांच कर रही है। उपराज्यपाल के आदेश के बाद यह जांच हो रही है। मंत्री सत्येन्द्र जैन का कहना है कि उनकी पुत्री एक रुपया लिए बगैर काम कर रही है।

6.खाद्य मंत्री असीम खान ने खाया रुपया

केजरीवाल के खाद्य मंत्री असीम अहमद खान ने अपने विधानसभा क्षेत्र मटियामहल में एक बिल्डर से निर्माण कार्य जारी रखने के लिए 6 लाख रुपयों की मांग की थी, जिसकी रिकार्डिंग करके बिल्डर ने सभी जगह भेज दी। इसके दबाव में केजरीवाल को अपने मंत्री को बर्खास्त करना पड़ा।

7. महिला व बाल विकास मंत्री का भ्रष्टाचार

केजरीवाल के सामाजिक कल्याण, महिला व बाल विकास मंत्री संदीप कुमार ने राशन कार्ड बनवाने के लिए एक महिला के साथ जबरदस्ती संबंध बनाये। इन संबंधों की सीडी सार्वजनिक होने पर केजरीवाल को इन्हें भी मंत्रालय से बर्खास्त करना पड़ा।

8. पूर्व कानून मंत्री पर फर्जी डिग्री बनाने का मामला

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया था कि उन्होंने सत्र 1994-97 के दौरान मुंगेर (बिहार) के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। मामला पकड़ में आने के बाद पता चला कि तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर तोमर को कानून की डिग्री जारी कर दी गई थी। डिग्री लेते समय माइग्रेशन सर्टिफिकेट और अंकपत्र जमा करने पड़ते हैं। लेकिन तोमर द्वारा जमा किए गए दोनों सर्टिफिकेट अलग-अलग विश्वविद्यालयों के हैं। अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद का अंकपत्र और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी का माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा किया गया। दोनों विश्वविद्यालयों ने इन प्रमाणपत्रों की वैधता को खारिज कर दिया है।

9. बायो डी कंपोजर मामले में प्रचार पर ज्यादा खर्च

दिल्ली में एक RTI से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक केजरीवाल सरकार ने बायो डी कंपोजर के छिड़काव पर 68 लाख रुपये खर्च किए जबकि उसके प्रचार पर 23 करोड़ रुपये खर्च कर डाले। दिल्ली में इस योजना से अब तक 955 किसानों को फायदा पहुंचा है। RTI से इसका खुलासा हुआ है।

9. शिक्षा लोन से ज्यादा विज्ञापन पर खर्च 

दिल्ली सरकार ने 2015 में “दिल्ली उच्च शिक्षा और कौशल विकास गारंटी योजना” शुरू की थी। इस योजना का मकसद, दिल्ली से 10वीं या 12वीं करने वाले छात्रों को कॉलेज में पढ़ाई करने हेतु 10 लाख रुपए तक के लोन की सुविधा उपलब्ध कराना है। वित्त वर्ष 2021-22 में इस योजना का लाभ पाने के लिए 89 छात्रों ने आवेदन किया, जिसमें से केवल दो छात्रों को ही लोन मिला। योजना के तहत 10 लाख तक लोन मिलता है, ऐसे में अगर मान लिया जाए कि इन छात्रों को अधिकतम 20 लाख तक का लोन मिला होगा, तब भी दिल्ली सरकार के द्वारा किया विज्ञापन का खर्च योजना से कई गुना अधिक है। दिल्ली सरकार ने इस साल इस योजना के विज्ञापन पर 19 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह जानकारी न्यूज़लॉन्ड्री ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए हासिल की।

10. विज्ञापन घोटाला

केजरीवाल पर विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप है। इसके लिए उनकी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूले भी जाने हैं। जांच में पाया गया है कि सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से केजरीवाल ने अपनी और अपनी पार्टी का चेहरा चमकाने की कोशिश की है। इनमें से उनकी पार्टी की ओर से दिए गए कई झूठे और बेबुनियाद विज्ञापन भी शामिल हैं। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार भी केजरीवाल सरकार पर दूसरे राज्यों में अपने दल का प्रचार करने के लिए दिल्ली की जनता के खजाने पर डाका डालने का आरोप है। पहले साल के काम-काज पर तैयार रिपोर्ट कहती है कि पहले ही साल में केजरीवाल सरकार ने 29 करोड़ रुपये दूसरे राज्यों में अपने दल के विज्ञापन पर खर्च किए। 2015-16 में केजरीवाल ने जनता के 522 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च कर किए थे।

11. स्ट्रीट लाइट घोटाला

आप नेता राखी बिड़लान पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। आरटीआई के हवाले से दावा करते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि मंगोलपुरी में 15 हजार की सोलर स्ट्रीट लाइट को एक लाख रुपये और 10 हजार में लगने वाली सीसीटीवी कैमरे पर 6 लाख रुपये खर्च किए गए।

12. सीएनजी घोटाला

केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुके कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार के एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। अंग्रेजी समाचार पोर्टल टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 10,000 कारों में जो सीएनजी किट लगावाए हैं, वो फर्जी कंपनी ने तैयार किए हैं। ये सारे सीएनजी किट 10 महीनों के भीतर कारों में फिट किए गए थे। सबसे बड़ी बात ये है कि फर्जी सीएनजी किट कंपनी को इसका ठेका ऑड-इवन के फौरन बाद दिया गया था। जाहिर है कि इसके समय को लेकर भी दिल्ली सरकार की मंशा संदेहों से परे नहीं है।

13. बीआरटी कॉरीडोर तोड़ने में घोटाला

केजरीवाल सरकार पर दिल्ली में बीआरटी कॉरीडोर को तोड़ने के लिए दिए गए ठेके में भी धांधली का आरोप लग चुका है। आरोपों के अनुसार इस मामले में दिल्ली सरकार ने ठेकेदार को तय रकम के अलावा कंक्रीट और लोहे का मलबा भी दे दिया, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये में थी। इस मामले में 2017 में एसीबी छापेमारी करके कुछ दस्तावेज भी जब्त कर चुकी है।

14. संसदीय सचिव घोटाला ?

13 मार्च, 2015 को आप सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया। ये जानते हुए भी कि यह लाभ का पद है, उन्होंने ये कदम उठाया। दरअसल उनकी मंशा अपने सभी साथियों को प्रसन्न रखना था। उनका इरादा अपने विधायकों को लालबत्ती वाली गाड़ी, ऑफिस और अन्य सरकारी सुविधाओं से लैस करना था, ताकि उनके ये भ्रष्ट साथी ऐश कर सकें। लेकिन कोर्ट में चुनौती मिली तो इनकी हेकड़ी गुम हो गई। हालांकि केजरीवाल सरकार ने ऐसा कानून भी बनाने की कोशिश कि जिससे संसदीय सचिव का पद संवैधानिक हो जाए। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश से मजबूर होकर ये फैसला निरस्त करना पड़ा।

15. चीनी की खरीद में घोटाला

केजरीवाल सरकार पर प्याज के बाद 2015 में चीनी की खरीद में घोटाला करने का आरोप भी लगा। चीनी खरीद में घोटाले की शिकायत एक आरटीआई कार्यकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो से की। आरोप लगाया गया कि दिल्ली सरकार ने कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बाजार में सस्ती दरों पर चीनी उपलब्ध होने के बाद भी महंगी दरों पर भुगतान किया। इसमें सिर्फ संबंधित विभाग का अधिकारी व मंत्री ही नहीं मुख्यमंत्री कार्यालय भी शामिल रहे। शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने आपात स्थिति के लिए एक करोड़ किलो से ज्यादा चीनी 34 रुपए किलो के हिसाब से दो निजी कंपनियों से खरीदी जबकि उस समय आम बाजार में चीनी का थोक रेट 30 रुपए किलो था।

16. केजरीवाल सरकार में हो चुका है प्याज घोटाला

आरटीआई के माध्यम से हुए खुलासे में पता लगा कि केजरीवाल सरकार ने 2015 में प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते जो 40 रुपए किलो प्याज बेचे थे उनकी खरीद कीमत महज 18 रुपए प्रति किलो थी। आरटीआई के माध्यम से यह बात सामने आई कि दिल्ली सरकार ने 2637 टन प्याज 18 रुपये प्रति किलो की कीमत पर नासिक की स्माल फार्मर एग्री-बिजनेस कोन्सोट्रीयम से खरीदा था। सरकार ने 14-20 रुपये की कीमत पर प्याज खरीदा जिसकी औसत कीमत 18 रुपये प्रति किलो होती है। वहीं बाजार में इसे 40 रुपए में 10 रुपये की सब्सिडी के साथ बेचा गया।

17. दवा घोटाला

केजरीवाल सरकार ने अपनी मोहल्ला क्लीनिक का खूब ढिंढोरा पीटा। वो दावा करते रहे हैं कि गरीब जनता के स्वास्थ्य के ख्याल से उठाया गया ये कदम बहुत फायदेमंद साबित होगा। लेकिन अब पता चल रहा है कि केजरीवाल और उनके गैंग के लोग भले ही इसका फायदा उठा रहे हों, उनकी गंदी नीयत के चलते अब गरीबों की जान पर बन आई है। इसका खुलासा तब हुआ जब 1 जून, 2017 को एसीबी ने दवा प्रोक्योरमेंट एजेंसी के ताहिरपुर, जनकपुरी और रघुवीर नगर स्थित सेंटर के गोदामों पर छापा मारा। एसीबी को यहां से भारी मात्र में एक्सपाइरी मेडिसिन के साथ दवाओं की खरीद-फरोख्त के बिल भी मिले। ये दवा घोटाला करीब 300 करोड़ रुपये का बताया गया। यहां गौर करने वाली बात ये है कि सीएम ने अपने खासम-खास और कई घोटालों के आरोपी स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के दबाव में दवाई खरीदने का काम मेडिकल सुपरिन्टेंडेन्ट से छीनकर, सेन्ट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी को दे दिया था। यानी लूट के लिए ऊपर से नीचे तक पूरी तैयारी की गई थी।

AAP के 43 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले

दिल्ली विधानसभा 2020 में नवनिर्वाचित आम आदमी पार्टी के कुल 62 विधायकों की पड़ताल करेंगे केजरीवाल के भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा खोखला नजर आएगा। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के आधे से अधिक विधायक गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों के आरोपी है। गंभीर अपराधों में वांछित ऐसे 31 आप विधायकों में से किसी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है, तो किसी पर दुष्कर्म का केस दर्ज है। आम आदमी पार्टी के चुने गए आधे से अधिक विधायकों का कच्चा चिट्ठा का खुलासा चुनावी हलफनामे में खुद विधायकों द्वारा दी गई जानकारी से हुआ है। गैर सरकारी संस्था एशोसियशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुने गए कुल 43 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है, जिनमें से 37 पर गंभीर किस्म के मुकदमे चल रहे हैं।

आम आदमी पार्टी में दागी विधायकों की संख्या बढ़ी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ अराजकता से ही नहीं, बल्कि आपराधियों से भी भरी हुई है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के 57 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे संगीन अपराधों के तहत केस दर्ज हैं और ये जेल भी जा चुके हैं। पार्टी के कई विधायकों पर संगीन आरोप लग चुके हैं और कई तो जेल की हवा भी खा चुके हैं। समय के साथ केजरीवाल के साथी असीम अहमद, राखी बिड़लान, अमानतुल्ला, दिनेश मोहनिया, अलका लांबा, अखिलेश त्रिपाठी, संजीव झा, शरद चौहान, नरेश यादव, करतार सिंह तंवर, महेन्द्र यादव, सुरिंदर सिंह, जगदीप सिंह, नरेश बल्यान, प्रकाश जरावल, सहीराम पहलवान, फतेह सिंह, ऋतुराज गोविंद, जरनैल सिंह, दुर्गेश पाठक, धर्मेन्द्र कोली और रमन स्वामी जैसे आप विधायक और नेताओं पर आरोपों की लिस्ट लंबी होती गई है। जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी सी प्रजापति ने दिल्ली पुलिस से सूचना के अधिकार के तहत आम आदमी पार्टी के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी। उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ अपराधियों की पार्टी बनकर रह गई है।

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