दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने आप को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी ऊपर समझने लगे हैं। उन्हें न तो किसी प्रोटोकॉल की परवाह है, ना ही अपने देश के सबसे बड़े नायकों की। 02 अक्टूबर, 2022 को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर राजघाट और विजय घाट पर नहीं पहुंच कर दोनों महापुरुषों का अपमान किया। केजरीवाल ने ना सिर्फ गांधी जी का अपमान किया, बल्कि करोड़ों गुजरातियों का भी अपमान किया। केजरीवाल के पास गुजरातियों से वोट मांगने का वक्त है, लेकिन बापू को प्रोटोकॉल के तहत श्रद्धांजलि देने का वक्त नहीं था। इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखा है।
उपराज्यपाल विजय सक्सेना ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल को 5 पन्नों का पत्र लिखकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री या अन्य किसी मंत्री के नहीं आने पर या शामिल नहीं होने पर सवाल उठाया है। उपराज्यपाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आए लेकिन कुछ ही देर बाद चले गए। सक्सेना ने 10 पॉइंट में लिखे इस लेटर में आरोप लगाया है कि तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। उन्होंने यहां तक लिखा है कि सिर्फ अखबारों में विज्ञापन जारी कर देना काफी नहीं है।
Delhi LG VK Saxena wrote to CM Arvind Kejriwal for his absence at Raj Ghat and Vijay Ghat yesterday during the Birth Anniversary of Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri. pic.twitter.com/yprIpyLvsR
— ANI (@ANI) October 3, 2022
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अपने पत्र में दिल्ली सीएम को लिखा, ”बहुत दुख और निराशा के साथ मैं आपके संज्ञान में आपके और आपकी सरकार की ओर से कल गांधी जयंती और भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की सालगिरह पर आयोजित समारोह की उपेक्षा की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं। मैं यह बताने को विवश हूं कि ना तो आप और ना ही आपके कोई मंत्री राजघाट या विजय घाट पर मौजूद थे, जबकि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर, सभी दलों के नेता, विदेशी दूत और आम लोग बापू और शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बेमन से कुछ मिनटों तक मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने इसे वहां रुकने लायक नहीं समझा।”
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा कि प्रथम दृष्टया यह मामला जानबूझकर प्रोटोकॉल तोड़ने का मामला मालूम पड़ता है। पत्र में यह भी लिखा है कि इस तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन दिल्ली सरकार की तरफ से किया जाता है और जो निमंत्रण पत्र जाता है, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम से जाता है। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री निमंत्रण देकर खुद अनुपस्थित थे। दरअसल केजरीवाल उस दिन गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे थे। केजरीवाल ने गुजरात के आदिवासी इलाके में एक जनसभा को संबोधित किया। आम आदमी पार्टी (आप) की गुजरात इकाई के मुताबिक केजरीवाल सुरेंद्रनगर जिले और साबरकांठा जिले के खेड़ब्रह्मा शहर में जनसभाओं को संबोधित किया। इन जनसभाओं के दौरान भगवंत मान भी मौजूद रहे।
उपराज्यपाल की ओर से लिखे गए पत्र के बाद एक बार फिर से दिल्ली में राजनीति तेज हो सकती है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने उपराज्यपाल का पत्र शेयर करते हुए लिखा कि 2 अक्टूबर को दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल का राजघाट पर गैर मौजूद रहना अत्यंत गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि राजघाट, विजय घाट पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, PM मोदी सहित सभी गणमान्य लोग आते हैं। निमंत्रण दिल्ली के CM की तरफ़ से दिया जाता है। ये महात्मा गांधी का, शास्त्री जी का और देश की परम्पराओं का अपमान है।
कल 2 अक्टूबर को दिल्ली के CM का ग़ायब रहना अत्यंत गम्भीर
राजघाट विजय घाट पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति , PM सहित सभी गणमान्य लोग आते है
निमंत्रण दिल्ली के CM की तरफ़ से जी होता है
ये महात्मा गांधी का, शास्त्री जी का और देश की परम्पराओं का अपमान है
letter by @LtGovDelhi : pic.twitter.com/UxZjuBdoRb
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) October 3, 2022