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कर्नाटक के CM सिद्धारमैया जमीन घोटाले में और घिरे, लोकायुक्त और ईडी की FIR से डरी सीएम की पत्नी की अंतरात्मा जागी, करोड़ों के 14 प्लॉट लौटाने की पेशकश ने खोली पोल

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कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों के जमीनों के खेल में किए गए पाप बार-बार उजागर हो रहे हैं। प्रियंका वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा पर जमीन के खेल में करोड़ों के वारे-न्यारे करने का केस चल ही रहा है। अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पर भी जमीनों के खेल में ईडी शिकंजा कसती जा रही है। दिग्गज कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के दबाव में मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से उनकी पत्नी ने उस जमीन के बदले मैसूर के पॉश इलाके में 14 प्लॉट हासिल कर लिए, जो कानूनन उनकी थी ही नहीं। इस जमीन घोटाले मामले में मैसूर लोकायुक्त ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 30 सितंबर को इन सभी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी की जांच से डरी सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती अब MUDA को 14 विवादित प्लॉटों को वापस करने जा रही हैं। इससे यह अपने-आप ही साबित हो रहा है कि उन्होंने न सिर्फ घोटाला किया है, बल्कि अपनी गंभीर गलती मान भी ली है।

उस जमीन के बदले 14 प्लॉट दिए, जो कानूनन सीएम की पत्नी की नहीं थी
आइये पहले जानते हैं कि मूडा (MUDA) का यह मुद्दा असल में क्या है। दरअसल, कई साल पहले अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीनें ली थी। इसके बदले MUDA ने 50:50 की स्कीम दी। इसके तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50 प्रतिशत साइट या एक वैकल्पिक साइट देने का प्रावधान किया गया। आरोप है कि MUDA ने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में की गुना ज्यादा थी। सबसे बड़ी बात तो यह कि इस 3.16 एकड़ जमीन पर भी पार्वती का कोई कानूनी अधिकार ही नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही सिद्धारमैया की पत्नी को प्लॉट आवंटन दे दिया।

गवर्नर ने दिए जांच के आदेश, सिद्धारमैया की याचिका हाईकोर्ट में खारिज
इस करोड़ों के घोटाले का खुलासा एक्टिविस्टों के माध्यम से हुआ। कर्नाटक के एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा ने आरोप लगाया था कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर 14 महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल किया। इन लोगों का आरोप है कि MUDA में 5 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इधर राज्यपाल ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी। CM ने 19 अगस्त को इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 24 सितंबर को हाईकोर्ट ने MUDA स्कैम में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को बरकरार रखा। जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, ‘याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।’

और ये रही सीएम सिद्धारमैया पर लगे इन आरोपों की फेहरिस्त

  • सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत कसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है।
  • स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्युमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
  • 1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। इसलिए उनके इस घोटाले से जुड़े होने की संभावना बहुत ज्यादा हैं। उन्होंने अपनी पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की।
  • सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डिनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी। 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-JDS गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी CM थे।
  • योजना के तहत, जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है। उन्हें मुआवजे के रूप में वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है।
  • भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं।

2014 में जब सिद्धारमैया CM थे तब भी ने मुआवजे के लिए किया था आवेदन
घोटाले की जांच की मांग की गई 5 जुलाई 2024 को एक्टिविस्ट कुरुबरा शांथकुमार ने गवर्नर को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि मैसुरु के डिप्टी कमिश्नर ने MUDA को 8 फरवरी 2023 से 9 नवंबर 2023 के बीच 17 पत्र लिखे हैं। 27 नवंबर को शहरी विकास प्राधिकरण, कर्नाटक सरकार को 50:50 अनुपात घोटाले और MUDA कमिश्नर के खिलाफ जांच के लिए लिखा गया था। बावजूद, MUDA के कमिश्नर ने हजारों साइटों को आवंटित किया। सिद्धारमैया बोले कि 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। भू-आवंटन में गड़बड़ी मामले में मैसुरु में लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआइआर में सिद्दरमैया, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य को नामजद किया गया है।

अंतरात्मा की आवाज सुनकर भूखंडों को वापस करने का लिया फैसला
इसके साथ ही सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। लोकायुक्त और ईडी की एफआईआर डरी मुख्यमंत्री की पत्नी की अंतरात्मा जाग गई। सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) को पत्र लिखकर केसर गांव में 3.16 एकड़ भूमि के के मुआवजे के बदले विजयनगर चरण 3 और 4 में उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की। ये वही प्लॉट हैं, जो उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों के केंद्र में हैं। एक बयान उन्होंने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन रही हैं। इसलिए इन भूखंडों को वापस करने जा रही हैं। बड़ा सवाल यह है कि यदि सीएम की पत्नी को प्लॉटों को आवंटन सही हुआ था तो उन्होंने खुद ही इन्हें वापस करने की पेशकश क्यों की। इससे साफ है जमीनों के इस घोटाले में बहुत बड़ा खेल हुआ है। जिसकी परतें अब खुलने लगी हैं।

सीएम के खिलाफ शिकायत करने वाली एक्टिविस्ट के खिलाफ कराई एफआइआर
एक ओर सीएम की पत्नी प्लॉटों को वापसी की बात कर रही हैं, तो दूसरी ओर सीएम के खिलाफ शिकायत करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया जा रहा है। MUDA घोटाले में शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। महिला ने आरोप लगाया है कि कृष्णा ने संपत्ति के मामले में उसे धमकाया था। पुलिस के मुताबिक मैसुरु जिले के नंजनगुड की रहने वाली शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि कृष्णा ने 18 जुलाई को उसे और उसकी मां को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी और कहा था कि वह अपने ससुराल वालों के साथ एक संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद से दूर रहे। कृष्णा ने आरोप को फर्जी बताते हुए मांग की है कि पुलिस मामले की गहन जांच करे ताकि सच सामने आ सके। सीएम के खिलाफ शिकायत करने के चलते ही उन्हें फंसाने की साजिश की जा रही है।

भाजपा बोली- प्लॉट लौटाने का मतलब है सीएम की पत्नी ने गलती मानी
भाजपा के प्रवक्ता शहवाज पूनावाला ने कहा, “अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कोई नैतिक और कानूनी अधिकार नहीं बनता कि वो मुख्यमंत्री बने रहें। आज कांग्रेस पार्टी ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ बन चुकी है। भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें सिद्धारमैया का परिवार शामिल है। कांग्रेस इस पर चुप्पी साधे हुए है। कर्नाटक भाजपा प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के प्लॉट लौटाने का फैसला घोटाले में गलती मानने के समान है। विजयेंद्र ने उनके इस कदम को राजनीतिक नाटक बताया और कहा कि करोड़ों का जमीन घोटाला करने वाले सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से तत्काल हट जाना चाहिए। दूसरी ओर पत्नी के जमीन वापस करने के फैसले का बचाव करते हुए CM सिद्धारमैया ने X पर लिखा, ‘मेरी पत्नी पार्वती ने मैसूर में MUDA को जमीन वापस कर दी है। मेंटर टॉर्चर झेलने से परेशान मेरी पत्नी ने ये प्लॉट वापस करने का फैसला लिया है, जिससे मैं भी हैरान हूं। सीएम चाहे जो कहें, लेकिन यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही है कि यदि 14 प्लॉटों को आवंटन नियमों के अनुरूप किया गया था, तो उनको अंतरात्मा का आवाज पर वापस करने की नौबत क्यों आई?

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