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चुनावी नतीजों से पहले अच्छे दिन की आहट, आईटी कंपनियों में नौकरियां 3 साल के शीर्ष स्तर पर

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आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की बढ़ती खबरों और चुनावी गर्माहट के बीच अब अच्छे दिन के संकेत भी आने शुरू हो गए हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत के आईटी सेक्टर में नौकरियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार देश के आईटी सेक्टर में पिछले 12 महीने में एक लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई है। आईटी क्षेत्र में नौकरियों का यह आंकड़ा पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा है। यह रिपोर्ट सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी के कंज्यूमर पिरामिड्स सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। यह नरेन्द्र मोदी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि है। साथ ही, यह विरोधियों को जवाब भी है क्योंकि विपक्षी पार्टियां बेरोजगारी को लेकर सरकार को निशाना बनाती रही हैं।

सात कंपनियों में ही एक लाख से ज्यादा नौकरियां
यह खबर महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले दो-तीन सालों से आईटी सेक्टर में नौकरियां कम होने की रिपोर्ट्स आ रही थीं। सबसे ज्यादा नौकरियां देने वालों में शुमार आईटी सेक्टर में 2016-17 में 30,181 नई नौकरियां ही मिली थीं। 2017-18 में हालत सुधरी, लेकिन नौकरियों का आंकड़ा 82,919 ही रहा जो एक लाख से काफी कम था। 2018-19 में इसमें तेजी आई है और देश की शीर्ष सात आईटी कंपनियों ने ही 1,04,820 लोगों को रोजगार दिया है। इन कंपनियों में टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल, विप्रो, टेक महिंद्रा और कॉग्निजेंट शामिल हैं।

इंफोसिस में 642% ज्यादा भर्तियां
2018-19 में अब तक एचसीएल में 12,328 और विप्रो में 8,559 नई नौकरियां पैदा हुई हैं। ये आंकड़े 2018-19 की पहली तीन तिमाही के हैं और चौथी तिमाही के नतीजे आने पर इसमें वृद्धि तय है। वहीं, एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में आईटी सेक्टर के लिए भर्तियों में टीसीएस ने 377 फीसदी तो इंफोसिस ने 642 फीसदी इजाफा किया है। इसमें बताया गया है कि 2017-18 के दौरान ऑटोमेशन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे कारणों के असर से इन बड़ी कंपनियों में नई भर्तियां कम तो हुई ही थीं, कर्मचारियों को छंटनी का भी सामना करना पड़ा था।

इन 3 कंपनियों की सबसे अहम भूमिका
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो- देश की इन तीन शीर्ष आईटी कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2019 में अपने कर्मचारियों की संख्या में करीब सात गुना इजाफा किया है। इन कंपनियों में पिछले एक साल में कुल 64,805 कर्मचारी बढ़े। यह आंकड़ा कुल नई नौकरियों की संख्या में से छंटनी के शिकार लोगों की संख्या घटाकर निकाला गया है। गौरतलब है कि इन तीनों कंपनियों में 2018 में 9,864 और 2017 में 48,350 कर्मचारी बढ़े थे।

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