रूसी सुरक्षा एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक जिस आत्मघाती हमलावर अजामोव माशाहोन्त को गिरफ्तार किया है, वह उज्बेकिस्तान का नागरिक है। पैगम्बर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए अजामोव इसी साल 2022 में तुर्की से स्पेशल ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद ISIS सरगना युसुफ ताजिके के आदेश पर रूस आ गया और यहां से भारत जाना था। भारत में आतंक फैलाने और बदला लेने के लिए उसे आतंकियों से स्लीपर सेल से जरूरी सामान लेना था। अब भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और घरेलू आंतरिक सुरक्षा व काउंटर-खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीमें रूस का दौरा कर सकती हैं। ये टीमें रूस में गिरफ्तार आत्मघाती हमलावर माशाहोन्त से मास्को में पूछताछ करेंगी।ताकि आतंकी की प्लानिंग, टारगेट और उसके पीछे किन लोगों के नापाक मंसूबे हैं, उसका खुलासा हो सके। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अजामोव का टारगेट पीएम मोदी और कुछ में नुपूर शर्मा को बताया जा रहा है।
पीएम मोदी की आतंक के खिलाफ रणनीति काम आई, रूस ने तत्काल साझा की जानकारी
पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत आतंक के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है। भारत की इस रणनीति को दुनिया के कई देशों का खुलकर समर्थन भी मिल रहा है। इसी कड़ी में नवंबर 2021 में भारत और रूस के बीच एक सुरक्षा समझौता किया गया था। ये समझौता रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पेत्रुशेव और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच हुआ था। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच जानकारी साझा करने और एक दूसरे को सपोर्ट करने की बात कही गई थी। यही वजह है कि 27 जुलाई को रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस से एंटी टेरर एजेंसी को ISIS आतंकी की गिरफ्तारी की जानकारी मिली थी। उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने देश में 35 जगहों पर छापेमारी की है और संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
ISIS सरगना युसुफ ताजिके ने गिरफ्तार आतंकी को नुपूर शर्मा की हत्या का जिम्मा सौंपा
रूस की एजेंसी ने भारतीय नेतृत्व के किसी बड़े नेता पर आत्मघाती हमला करने की साजिश रचने के लिए इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के एक आतंकवादी को पकड़ा है। रूस की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने बताया कि गिरफ्तार अजामोव ने आत्मघाती हमला करने के लिए प्रशिक्षण लिया था। यह भी जानकारी में आया है कि गिरफ्तार आईएसआईएस आतंकी को भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हत्या करने का जिम्मा सौंपा गया था। वहीं, इस्लामिक स्टेट के एक आतंकवादी को हिरासत में लिए जाने के बाद आतंकवाद से संबंधित मामलों पर भारत को पूर्ण सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने का आश्वासन दिया है।
Key points:
-IS operative name Azamov Mashahont; born in 1992
-Points to he bcmng operative this year; his Turkey visit
-In India he was to have a meet someone in preparation of attack
-Motive of attack was “insulting remarks on Prophet Muhammad” https://t.co/z3va1llX3b— Sidhant Sibal (@sidhant) August 22, 2022
रूस में गिरफ्तार ISIS आतंकी ने उगले राज; तुर्की में मिली 3 महीने की ट्रेनिंग
उज्बेकिस्तान के गिरफ्तार आतंकी ने रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस को बताया कि उसका जन्म 1992 में हुआ है। वह आईएसआईएस से बेहद प्रभावित है और इसी साल उसने ISIS सरगना युसुफ ताजिके के सामने शपथ ली थी। इसके बाद उसे स्पेशल ट्रेनिंग के लिए तीन महीने के लिए तुर्की भेजा गया। तुर्की से ट्रेनिंग के बाद ISIS सरगना युसुफ ताजिके के आदेश पर वह रूस आया और यहां से भारत मिशन पर जाना था। अजामोव ने बताया कि भारत में पैगंबर मोहम्मद के अपमान का बदला लेने के लिए एक शख्स उसे हमले के लिए जरूरी सामान देता, ताकि पैगम्बर मोहम्मद का अपमान करने वालों से बदला लिया जा सके।
टेलिग्राम बन रहा आतंक का जरिया, आतंकी अजामोव इसी के जरिए ISIS के संपर्क में आया
रूसी सुरक्षा एजेंसी फेडरल सेक्योरिटी सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार आतंकी अजामोव उज्बेकिस्तान का नागरिक है। वो टेलीग्राम के जरिए आतंकी सगंठन ISIS के संपर्क में आया। इसी प्लेटफॉर्म पर उसकी आतंकियों से बात शुरू हुई। टेलीग्राम पर ही अजामोव माशाहोन्त को कट्टरता का पाठ पढ़ाया गया। आतंकियों ने चैट के जरिए शख्स को संगठन में शामिल होने के लिए तुर्की आने का बुलावा भेजा। अजामोव की ISIS के लोगों से पहली मुलाकात अप्रैल 2022 में तुर्की के शहर इस्तांबुल में हुई थी।भारत से मिलना था हत्या के लिए हथियार, सुसाइड अटैक की ट्रेनिंग में टॉप कमांडर से संपर्क
अजामोव माशाहोन्त ने सुरक्षा एजेंसी को बताया है कि ISIS सरगना युसुफ ताजिके के सामने उसे संगठन में शामिल किया गया। अजामोव की भर्ती ISIS संगठन के सबसे खतरनाक टीम यानी आत्मघाती हमलावर के तौर पर की गई थी। इसके बाद सुसाइड अटैक करने की 3 महीने की कड़ी ट्रेनिंग उसे दी गई। इस दौरान वह ISIS के टॉप कमांडरों के संपर्क में रहा था। रूस से होते हुए मिशन को अंजाम देने के लिए भारत आने वाला था। इस ऑपरेशन में दो लोग उसकी मदद करने वाले थे। रूस में मौजूद शख्स उसे वीजा, पासपोर्ट समेत दूसरे जरूरी डॉक्यूमेंट्स देता और भारत में मौजूद शख्स उसे जरूरी हथियार और को-ऑर्डिनेट्स देता। हालांकि इसके पहले ही वो रूसी सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया।
बड़ा सवाल- अजामोव को भारत में मददगार कौन ? क्या ISIS का स्लीपर सेल है
अब जल्द ही भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और घरेलू आंतरिक सुरक्षा व काउंटर-खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीमें रूस का दौरा कर गिरफ्तार आत्मघाती हमलावर माशाहोन्त से मास्को में पूछताछ करेंगी। दो एजेंसियां मुख्य रूप से तीन सवालों का जवाब तलाशने के लिए रूस जाएंगी। इस मामले में अब एजेंसी विदेश में भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने के आरोप में जांच कर सकती है। एजेंसी पता लगाएगी कि अजामोव माशाहोन्त को भारत आने के लिए कौन वीजा देने वाला था? इसके अलावा वह भारत में किसके संपर्क में था, जो उसे हथियार देता? तीसरा महत्वपूर्ण सवाल है कि क्या देश में ISIS का स्लीपर सेल एक्टिव है?ISIS ने 50 पन्नों में दी थी पैगंबर मोहम्मद के अपमान का बदला लेने की धमकी
बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान के बाद जून 2022 में ISIS ने 50 पन्नों का एक धमकी भरा पत्र जारी किया था। दरअसल, भारतीय उप-महाद्वीप में सक्रिय ISIS के खुरसान प्रांत गुट ने ये पत्र जारी किया था। इस पत्र में ISIS ने अपने लड़ाकों से भारत में हमला करने का आह्वान भी किया। भारत में ISIS आतंकी संगठन को गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत बैन किया हुआ है।