Home समाचार International Yoga Day: योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है- प्रधानमंत्री मोदी

International Yoga Day: योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अमेरिका से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब यूएन जनरल एसेम्बली में योग दिवस का प्रस्ताव आया, तो रिकॉर्ड देशों ने इसे समर्थन दिया था। तब से लेकर आज तक, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के जरिए योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, ग्लोबल स्पिरिट बन गया है। वीडियो संदेश के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं आज शाम साढ़े पांच बजे के आसपास संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग कार्यक्रम में शामिल होउंगा। भारत के आह्वान पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों का एक साथ आना ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है। आज पूरी दुनिया में करोड़ों लोग ‘Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam’, की थीम पर एक साथ योग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस के मौके पर कहा, ‘इस साल योग दिवस के कार्यक्रमों को ‘Ocean Ring of Yoga’ ने और विशेष बना दिया है। ‘Ocean Ring of Yoga’ का ये आइडिया योग के विचार और समुद्र के विस्तार के पारस्परिक संबंध पर आधारित है। सेना के जवानों ने भी हमारे जलस्रोतों के साथ एक ‘योग भारतमाला और योग सागरमाला’ बनाई है। इसी तरह, आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक भारत के दो रिसर्च बेस यानि पृथ्वी के दो ध्रुव भी योग से जुड़ रहे हैं। योग के इस अनूठे सेलिब्रेशन में देश-दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज स्वरूप में शामिल होना, योग के प्रसार और प्रसिद्धि को उसके महात्म्य को उजागर करता है।’

फाइल फोटो

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे योग, इसके संबंध में ग्रन्थों में कहा गया है- व्यायामात् लभते स्वास्थ्यम्, दीर्घ आयुष्यम् बलम् सुखम्! अर्थात्, योग से, व्यायाम से हमें स्वास्थ्य, आयुष और बल मिलता है। योग एक ऐसे स्वस्थ और सामर्थ्यशाली समाज का निर्माण करता है, जिसकी सामूहिक ऊर्जा कई गुना ज्यादा होती है। आज देश का मन बदला है, इसीलिए जन और जीवन बदला है। योग हमारी अन्तः दृष्टि को विस्तार देता है। योग हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें जीव मात्र की एकता का अहसास कराती है, जो हमें प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देती है। इसलिए, हमें योग के जरिए हमारे अंतर्विरोधों को खत्म करना है। हमें योग के जरिए हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को खत्म करना है। हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘योग के लिए कहा गया है- ‘योगः कर्मसु कौशलम्’। यानी, कर्म में कुशलता ही योग है। आजादी के अमृतकाल में ये मंत्र हम सभी के लिए बहुत अहम है। जब हम अपने कर्तव्यों के लिए समर्पित हो जाते हैं, तो हम योग की सिद्धि तक पहुंच जाते हैं। योग के जरिए हम निष्काम कर्म को जानते हैं, हम कर्म से कर्मयोग तक की यात्रा तय करते हैं। मुझे विश्वास है, योग से हम अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे और इन संकल्पों को भी आत्मसात करेंगे। हमारा शारीरिक सामर्थ्य, हमारा मानसिक विस्तार, हमारी चेतना शक्ति, हमारी सामूहिक ऊर्जा विकसित भारत का आधार बनेंगे।’

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