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मोदी राज में भारत ने हासिल किया एक और मुकाम, चीन को पीछे छोड़ यूनिकॉर्न क्लब में दूसरे स्थान पर पहुंचा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार नया-नया मुकाम हासिल करता जा रहा है। जिस तरह सरकार स्टार्टअप सेक्टर को सुविधाएं और प्रोत्साहन दे रही है, उससे देश में यूनिकॉर्न बनने वाले स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज भारत उभरते हुए यूनिकॉर्न वाले देशों में चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया कि सबसे उभरते हुए यूनिकॉर्न वाले देशों में भारत अब दुनिया का नंबर 2 है, चीन से आगे हैं। हमारा मजबूत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र भारतीय स्टार्टअप को यूनिकॉर्न क्लब में ज़ूम करने में सक्षम बना रहा है। भारत में 32 उभरते हुए यूनिकॉर्न कंपनियां बनी हैं। जबकि चीन में भारत के मुकाबले 27 यूनिकॉर्न कंपनियां बनी हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले साल 2021 में भी भारत ने चीन को यूनिकॉर्न के मामले में पीछे छोड़ दिया था। साल 2021 में भारत में जहां 33 यूनिकॉर्न बनी थीं, तो चीन में यूनिकॉर्न की संख्या सिर्फ 19 रही थी। यूनिकॉर्न क्लब में नंबर एक की पोजीशन पर अमेरिका है। यूनिकॉर्न के तहत वे स्टार्टअप आते हैं जिनकी वैल्यू एक बिलियन डालर से ज्यादा होती है।

2014 से पहले देश के केवल चार स्टार्टअप ही यूनिकॉर्न क्लब में थे। वहीं 2021 में भारत में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले 33 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न का दर्जा पाने में सफल रहे। इसके साथ ही भारत में मौजूद कुल यूनिकॉर्न की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर 90 हो गई। इसके अलावा स्टार्टअप की संख्या जहां पांच साल पहले 500 से कम थी, वहीं आज भारत 68,222 स्टार्टअप की संख्या के साथ दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है। 

भारत में स्टार्टअप सेक्टर को काफी समर्थन मिल रहा है। निवेशक भी इसमें काफी रुचि दिखा रहे हैं। इसकी वजह से स्टार्टअप इकाइयों में सालाना निवेश 11 अरब डॉलर से बढ़कर 36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। 2010 से 2014 के दौरान स्टार्टअप्स में सिर्फ 3.2 अरब डॉलर का निवेश हुआ था। वहीं 2014 से 4 दिसंबर, 2021 तक इनमें कुल निवेश 38.4 बिलियन डॉलर हुआ। अब कई बड़े स्टार्टअप अपने आईपीओ लॉन्च कर रहे हैं और मार्केट से पैसे जुटाए हैं। इससे उम्मीद है कि 2022 में करीब 50 स्टार्टअप यूनीकॉर्न बन सकते हैं। 

मोदी सरकार ने छह साल पहले 2016 में स्टार्टअप इंडिया को लॉन्च किया था। इसके बाद मोदी सरकार ने स्टार्टअप्स के विकास के लिए बेहतर माहौल दिया, जिसका नतीजा है कि स्टार्टअप्स के क्षेत्र में क्रांति हुई है। युवाओं के अपने कारोबार को लेकर बढ़ते रुझान और मोदी सरकार के द्वारा नए कारोबारियों को प्रोत्साहित करने की वजह से देश का स्टार्टअप इकॉसिस्टम मजबूत हुआ है। देश के 625 जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप है और आधे से अधिक स्टार्टअप दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में हैं।

 

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