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‘रेपिस्तान’ बन रहा राजस्थान देशभर में हो रहा शर्मसार, प्रियंका गांधी को नहीं महिलाओं के दर्द से कोई सरोकार

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अबलाओं की अस्मत पर यूपी में हंगामा, राजस्थान में चुप्पी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को महिला होने के बावजूद लगता है महिलाओं की पीड़ा के कोई सरोकार नहीं है। न ही उनकी बेटी प्रियंका गांधी को राजस्थान की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार नजर आते हैं। यह और बात है कि यदि यही अत्याचार उत्तर प्रदेश या अन्य किसी बीजेपी शासित राज्य में घटित हो जाएं तो वह सियासत करने का कोई मौका नहीं गंवाती हैे। महिलाओं की अस्मत लुटने के मामले में राजस्थान देशभर में शर्मसार हो रहा है, लेकिन राहुल-प्रियंका के कदम इस ओर नहीं उठ रहे हैे। क्योंकि यहां पर उनकी पार्टी की सरकार जो है। हाल ही में शिक्षा के मंदिरों में शिक्षकों के द्वारा छात्राओं के साथ यौैन अपराध सुर्खियों में हैं।

रेप में राजस्थान देशभर में पहले नंबर पर
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं की अस्मत लुटने के मामले में राजस्थान देशभर में पहले नंबर पर है। एनसीआरबी के मुताबिक साल 2020 में देशभर में कुल 28046 रेप के मामले दर्ज हुए। इनमें से अकेले राजस्थान में ही 5310 बलात्कार के केस दर्ज हुए। हैरानी की बात यह भी है कि दूसरे नंबर पर आने वाले राज्य की तुलना में गहलोत सरकार के कार्यकाल में दोगुने मामले दर्ज हुए।

देश में मासूमों से 49 फीसदी रेप अकेले राजस्थान में
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार नाबालिगों के साथ तो राजस्थान में और भी बुरा हाल हो रहा है। हवस के दरिंदे मासूमों को भी नहीं बख्श रहे हैं। उन्हें प्रदेश की पुलिस का कोई खौफ नहीं है। 18 वर्ष से कम उम्र की बलात्कार पीड़िताओं की संख्या देशभर में 2640 रही। अकेले राजस्थान में ही 49 फीसदी यानी 1279 नाबालिगों का बलात्कार हुआ।

कांग्रेस सरकार के बाद बढ़े बलात्कार
ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ पिछले साल में महिलाओं के साथ यह बर्बरता हुई। 2019 में भी राजस्थान में ऐेसे ही हालात थे। पुलिस की बजाए बलात्कारियों के हौसले बुलंद थे। इसी के कारण बेखौफ भूखे-भेड़ियों ने मासूम बच्ची, नाबालिग किशोरी, आदवासी महिला, बेटी और दलित विवाहिता किसी को भी नहीं बख्शा। गहलोत सरकार आने के बाद 2019 की पहली तिमाही में ही एक हजार से ज्यादा अबलाओं की अस्मत लुट चुकी थी।

हाथरस गैंगरेप पर हंगामा, राजस्थान पर मौन
आपको याद ही होगा कि पिछले साल सितंबर माह में यूपी के हाथरस में युवती के साथ बलात्कार के बाद पीड़िता की मौत का मामला कितना तूल पकड़ा था। हाथरस गैंगरेप की घटना के विरोध में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हाथरस कूच किया था। नेता द्वय ने इस घटना के लिए योगी सरकार को जिम्मेवार ठहराया। दिलचस्प तथ्य यह है कि उसी सितंबर माह में उनकी पार्टी द्वारा शासित राजस्थान में बलात्कार की एक नहीं, कई घटनाएं हुईं, लेकिन यहां राहुल-प्रियंका ने बलात्कारियों को सजा दिलवाने के लिए आवाज उठाना तो दूर पीड़िताओं और उनके परिजनों से मिलना तक जरूरी नहीं समझा। पिछले साल उसी समय की रेप की कुछ घटनाओं की बानगी ये है….

जयपुर – स्कूल जा रही किशोरी को उठाया, तीन दरिंदों ने किया गैंगरेप
सीकर – किशोरी के रेप, वीडियो भी बनाया, वायरल की धमकी देकर फिर रेप
बारां – दो नाबालिग बहनों को घर के उठाया, कोटा ले जाकर किया गैंगरेप

दलित हितैषी की खुली पोल, बढ़ रहे केस

पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर दलित हितैषी होने का प्रपंच कर रही कांग्रेस के कार्यकाल में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। राजस्थान में वर्ष 2018 में अनुसूचित जाति के खिलाफ 4607 मामले दर्ज हुए थे। अगले साल यानी कि कांग्रेस की सत्ता आने के बाद 2019 में अनुसूचित जाति के खिलाफ केस बढ़कर 6794 हो गए। कोरोना काल के बावजूद साल 2020 में इनमें और वृद्धि हुई। यह बढ़कर 7017 मामले हो गए। महिलाओं के खिलाफ सर्वाधिक मामलों में भी राजस्थान देश में तीसरे नंबर पर है।

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