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हिमाचल प्रदेश बर्बादी के कगार पर, कांग्रेस सरकार ने 10 महीने में 11 हजार करोड़ का कर्ज लिया

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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश की बदहाली शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सरकार बनाते ही 10 महीने के अंदर 11 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है। यही नहीं, 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लिया जा चुका है लेकिन प्रदेश के विकास और जनहित के कार्यों के लिए इसमें से फूटी कौड़ी तक खर्च नहीं हुई। कानून व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। हिमाचल की जनता कांग्रेस की गारंटियां पूरी होने का बेसब्री से इंतजार कर रही है लेकिन उसके नेता दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान हिमाचल में दी गई गारंटियां पूरी करने की डींगें हांक रहे हैं। एक तरफ विकास नहीं तो वहीं दूसरी तरफ कर्ज के बोझ तले डूबता राज्य। मुफ्त की गारंटी और रेवड़ी देने वाली पार्टी जहां भी सरकार में आई उस राज्य की स्थिति डांवाडोल ही है। चाहे दिल्ली हो, हिमाचल हो, राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो या फिर कर्नाटक हो। कांग्रेस ने मुफ्त की गारंटी का झांसा देकर हिमाचल और कर्नाटक में बहुमत तो हासिल कर लिया और सरकार भी बना ली। लेकिन अब वहां विकास के लिए पैसे ही नहीं हैं यानि इनकी नीयत ही साफ नहीं है, कर्ज लेने के बाद भी विकास के कार्य न होना इसी को दर्शाता है। 

कांग्रेस सरकार ने 10 माह में लिए 11 हजार करोड़ का लोन
कांग्रेस सरकार ने हिमाचल में सरकार बनने के 10 महीने में ही लगभग 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण ले चुकी है, लेकिन प्रदेश के विकास और जनहित के कार्यों के लिए इसमें से फूटी कौड़ी तक खर्च नहीं हुई। आरटीआई की सूचना के अनुसार 10 माह में प्रदेश सरकार 10,300 करोड़ रुपये का ऋण ले चुकी है। सरकार ने इसके अलावा लगभग 1000 करोड़ रुपये का ऋण अन्य संस्थाओं से लिया है, जबकि सरकार ने न तो कोई नया संस्थान खोला और न ही किसी पुराने संस्थान को अपग्रेड किया।

पांच साल में हिमाचल की जनता के सिर पर होगा 60 हजार करोड़ रुपये कर्ज
स्वास्थ्य विभाग में एक भी डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती नहीं हुई। अन्य विभागों का भी यही हाल है। इस लिहाज से इस सरकार के 5 साल के कार्यकाल में न तो विकास का कोई नया काम होगा और न ही नई भर्ती। इसके बावजूद सरकार की ओर से लिया जाने वाला ऋण 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। विकास और जनहित के अन्य कार्यों के लिए पैसे की कमी का रोना रोने वाली इस सरकार ने नियम-कानून को ताक पर रखकर कई मुख्य संसदीय सचिव बना दिए। कैबिनेट रैंक के कई अन्य पद सृजित करके उन पर चहेतों की ताजपोशी करने में कोई कंजूसी नहीं की गई, लेकिन सार्वजनिक तौर पर कंगाली का राग अलापा जाता रहा। जाहिर है कि 10 माह में लिया गया 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण सरकार द्वारा अपने ऐशोआराम और चहेतों को रेवड़ियां बांटने पर ही खर्च किया गया।

प्रदेश में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं से ही विकास कार्य
प्रदेश में विकास के केवल वही काम चल रहे हैं, जिनके लिए केंद्र से पैसा मिल रहा है। प्रदेश के स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा है। नमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क सड़क योजना, सेंट्रल रोड फंड, नेशनल हाईवे, फोरलेन व बीआरओ की सड़कें, रेलवे, जल जीवन मिशन आदि।

कांग्रेस सरकार ने 1 हजार 500 संस्थान बंद कर दिए
हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा। डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल बीजेपी के मीडिया प्रभारी करण नंदा की ओर से ली गई आरटीआई का हवाला देते हुए कहा कि “सरकार ने दिसंबर, 2022 से लेकर अक्टूबर, 2023 तक 10 हजार 300 करोड़ रुपए का लोन ले लिया है”। उन्होंने कहा कि “प्रदेश में कोई विकास का काम तो हो ही नहीं रहा। बावजूद इसके सरकार लोन लेने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार है, जिसने सत्ता में आने के बाद से केवल संस्थान बंद करने का काम किया। बिंदल ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से अब तक कांग्रेस 1 हजार 500 संस्थान बंद कर चुकी है”।

सरकार बनते ही कांग्रेस ने दिया था महंगाई का तोहफा! डीजल के दाम बढ़ाए
कांग्रेस पार्टी ने गारंटी और मुफ्त योजनाओं का वादा कर चुनावी बाजी तो जीत ली, मगर इसे लागू करने के लिए खजाने में धन ही नहीं है। कहां तो महंगाई से निजात दिलाने और बिजली फ्री देने का था वादा और कहां सरकार बनने के एक महीने में ही डीजल के दाम बढ़ा दिए गए। कांग्रेस ने जिन गारंटी का वादा किया है अगर इसे लागू किया जाए तो सरकारी खजाने में हर साल 4000 करोड़ रुपये चाहिए। हिमाचल में सुक्खू सरकार ने डीजल पर तीन रुपये वैट बढ़ा दिए हैं जिसके बाद अब 83.02 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर डीजल की कीमत 86.05 रुपये प्रति लीटर हो गया। हिमाचल में डीजल के दाम बढ़ने से जहां एक तरफ महंगाई बढी वहीं बस ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्टरों की मुश्किलें भी बढ़ गई। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले गारंटी कार्ड जारी किया था। उसमें कई सारे वादे किए गए थे। इनमें पुरानी पेंशन लागू करना, 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर माह 1500 रुपये, गाय-भैंस पालकों से रोजाना दस लीटर दूध खरीदना और युवा स्टार्टअप के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में दस-दस करोड़ रुपये का ऋण वितरण आदि शामिल थे। गारंटी पूरी करने की बात तो दूर सरकार ने दूर उलटे डीजल के दाम बढ़ाकर जनता को महंगाई का तोहफा दिया।

कांग्रेस की गारंटी योजनाओं पर एक नजर –

कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में 10 गारंटी का किया था वादा
कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सत्ता में आने के बाद 10 गारंटी योजनाओं का वादा किया था। कांग्रेस ने जिन 10 गारंटी योजनाओं के जरिये महिलाओं से लेकर युवाओं तक को रिझाने के लिए पेंशन से लेकर रोजगार तक को शामिल किया था। कांग्रेस ने राज्य के बागवानों को भी अपनी फसल की कीमत लगाने का मौका देने का वादा किया था। पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए गोबर खरीदी और दूध व्यापार के लिए भी गारंटी में शामिल किया गया था। महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए बिजली यूनिट भी फ्री देने का वादा किया गया था।

कांग्रेस की 10 गारंटी
1. पुरानी पेंशन स्कीम बहाल होगी।
2. महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे।
3. महंगाई की मार से बचाने के लिए राज्य में 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी।
4. बेरोजगारी से निपटने के लिए युवाओं को 5 लाख रोजगार की सौगात दी जाएगी।
5. बागवानों के फलों की कीमत तय करने का अधिकार होगा।
6. युवाओं के लिए 680 करोड़ का स्टार्टअप फंड भी जारी किया जाएगा।
7. मोबाइल क्लिनिक से हर गांव-गांव तक पहुंचेगी स्वास्थ्य सुविधाएं और मुफ्त इलाज।
8. हर विधानसभा में खुलेंगे 4 इंग्लिश मीडियम स्कूल।
9. गाय-भैंस पालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदा जाएगा।
10. 2 रुपये किलो में गोबर की खरीद की जाएगी।

पुरानी पेंशन के लिए सालाना 600 करोड़ रुपये चाहिए
कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सरकारी कर्मियों से पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। हिमाचल प्रदेश में तकरीबन हर विधानसभा क्षेत्र में दस पंद्रह हजार सरकारी कर्मचारी हैं। सेवारत्त और रिटायर्ड कर्मियों की संख्या देखें तो वह लगभग साढ़े चार लाख के आसपास है। हर साल पंद्रह-बीस प्रतिशत कर्मी रिटायर होते हैं तो कुछ नए पद भी भरे जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में मौजूदा स्थितियों में पुरानी पेंशन लागू होती है तो हर साल सरकारी खजाने पर लगभग 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। पुरानी पेंशन में केवल बेसिक तय होता है। उसमें डीआर ‘महंगाई राहत’ जुड़ती रहती है। पे कमीशन के जरिए पेंशन रिवाइज होती रहती है। अगर पेंशन का डीआर बकाया है तो उसका एरियर मिल जाता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सरकार का खर्च बढ़ जाएगा।

महिलाओं को 1500 रुपये, मतलब 2700 करोड़ सालाना चाहिए
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की दस गारंटी में महिलाओं के लिए भी घोषणा की गई थी। इसमें कहा गया था कि 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर माह 1500 रुपये की सुनिश्चित आय दी जाएगी। विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की संख्या 27,36,306 है। इनमें से 21,01,483 महिलाओं ने वोट डाला है। चूंकि इस गारंटी में शामिल होने के लिए आयु तय की गई है, ऐसे में 15 लाख महिलाएं भी यह राशि लेने के लिए योग्य हैं तो इसके लिए हर माह 225 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए सरकारी खजाने पर सालाना 2700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

स्टार्टअप निधि के लिए 680 करोड़ रुपये जुटाने होंगे
कांग्रेस घोषणापत्र के मुताबिक प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में दस करोड़ रुपये की स्टार्टअप निधि प्रदान की जाएगी। इसके लिए भी 680 करोड़ रुपये जुटाने होंगे। पांच लाख युवाओं को नौकरी देनी है। गाय-भैंस पालकों से रोजाना दस लीटर दूध खरीदना है। सरकार, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए दो रुपये किलो गोबर खरीदेगी। इस पर भी खर्च आएगा। हर विधानसभा क्षेत्र में चार अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूल खुलेंगे। हर गांव में अस्पताल की गाड़ी पहुंचेगी। हर माह तीन सौ यूनिट बिजली फ्री मिलेगी। इन सभी कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट का इंतजाम करना होगा।

कांग्रेस की सरकार अब संसाधन होने पर महिलाओं को देगी 1500 रुपये
हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पता चल गया कि जो गारंटी दी गई थी वो अभी पूरी नहीं की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि अब संसाधन होने पर सरकार महिलाओं 1500 रुपये देगी। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा, “हम जनता की उम्मीदों और किए गए वादों को पूरा करेंगे। हम इसे पहली कैबिनेट बैठक में करेंगे। कर्मचारियों के लिए ओ.पी.एस., महिलाओं के लिए 1500 रुपये, एक लाख नौकरियां, प्रियंका गांधी जी ने जो घोषणाएं की हैं, ये सब लागू हो जाएगा।” वहीं एक अन्य वीडियो में सीएम सुक्खू ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा, “हमने वादा किया था, इसलिए हमें व्यवस्था करनी होगी। वर्तमान में, हम 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी पुरुषों और महिलाओं को 1500 रुपये दे रहे हैं। अब, हमें करना होगा।” 18 से 60 साल की महिलाओं को दें और हम उस दिशा में सोच रहे हैं। हमने एक महीने में इसे पूरा करने का वादा नहीं किया है। हमने पांच साल के लिए वादा किया है और हमारी गारंटी योजना पांच साल के लिए है। हमारे संसाधन बढ़ रहे हैं और फिर हम उन्हें 1500 रुपये दे सकते हैं।”

सुक्खू ने कहा- हमारी गारंटी योजना पांच साल की है
चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन योजना, 1 लाख नौकरियां, महिलाओं को 1,500 रुपये देने का जो वादा किया गया है उसे हम लागू करेंगे। सरकार बन जाने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”हमने कोई एक महीने का वादा नहीं किया है। हमने पांच साल का वादा किया है। हमारी गारंटी योजना पांच साल की है। संसाधन बढ़ने पर ही 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे।” कांग्रेस पार्टी अब कह रही, हमने कोई एक महीने में देने का वादा नहीं किया।

पीएम मोदी ने रेवड़ी कल्चर के झांसे में आने से किया था आगाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होंने देशवासियों से रेवड़ी कल्चर से सावधान रहने की बात कही थी क्योंकि ये देश के लिए घातक है। पीएम मोदी ने कहा था कि हमारे बुजुर्गों ने कहा था कि आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया वाली नीति सही नहीं है। आमदनी से ज्यादा खर्च करने पर आम आदमी हो या सरकार कर्ज के बोझ तले दब जाती है। ऐसे में न तो व्यक्ति का विकास हो सकता है और न ही सरकारें लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए विकास कार्य करवा सकती हैं।

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