गुजरात विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर गुरुवार को होने वाला है, लेकिन खुद को पाटीदार नेता बताने वाले हार्दिक पटेल का चेहरा एकबार फिर से बेनकाब हो गया है। अबकी बार हार्दिक के सहयोगी रहे दिनेश बंभानिया ने ही उनके धोखे को उजागर किया है। बंभानिया के मुताबिक हार्दिक ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के साथ सीक्रेट मीटिंग की थी। मीडिया के सामने बंभानिया के इन आरोपों ने चुनाव से एक दिन पहले गुजरात की पाटीदार राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस खुलासे से एक साथ कई सवाल भी खड़े हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि हार्दिक ने किस हैसियत से वाड्रा के साथ डील की ? जबकि, कांग्रेस आधिकारिक तौर पर उन्हें पार्टी का सदस्य मानने से भी इनकार कर चुकी है।
वाड्रा-हार्दिक में डील क्या हुई ?
कुछ दिन पहले ही हार्दिक पटेल से अलग होने वाले दिनेश बंभानिया ने कबूल किया है कि हार्दिक पटेल ने दिल्ली में कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से मुलाकात की थी। हालांकि उन्हें यह नहीं बताया गया कि गांधी परिवार के चर्चित दामाद के साथ हार्दिक की क्या सीक्रेट डील हुई? बंभानिया ने कहा है कि उन्हें यह बताना चाहिए कि रॉबर्ट वाड्रा से मुलाकात में उनकी क्या बात हुई ? इस सीक्रेट डील में हार्दिक और वाड्रा ने एक-दूसरे से क्या वादा किया ?
#VadraEntersGujaratPolls | Is it true that Vadra discussed Patidar quota with Hardik Patel? A day after ‘Chitgate,’ Republic exposes Vadra-Hardik meet. Fire in your views using the hashtag and share your views now!
— Republic (@republic) December 13, 2017
राहुल से मुलाकात में क्या साजिश हुई ?
बंभानिया ने ये भी कहा है कि हार्दिक ने अपने साथियों से राहुल गांधी के साथ फाइव स्टार होटल में हुई ‘सीक्रेट मीटिंग’ की बात भी छिपा ली थी। बंभानिया के मुताबिक हार्दिक ने अक्टूबर में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि, PAAS नेताओं द्वारा कई बार पूछे जाने के बाद भी हार्दिक ने कभी राहुल गांधी से मुलाकात का खुलासा नहीं किया। गौरतलब है कि बंभानिया इन सीक्रेट मुलाकातों के लिए जिस समय का हवाला दे रहे हैं उस दौरान कांग्रेस और हार्दिक दोनों की ओर से ऐसी किसी मीटिंग से इनकार कर दिया गया था।
हार्दिक पटेल ने पाटीदारों से धोखा क्यों किया ?
जाहिर है कि इस नए खुलासे से हार्दिक से जुड़े मुट्ठीभर पाटीदार खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। बंभानिया ने ये भी कहा है कि, अपनी रैलियों में हार्दिक खुलकर कह रहे हैं कि वह कांग्रेस को पसंद नहीं करते। फिर, आखिर क्या बात है जिसकी वजह से उन्होंने कांग्रेस के साथ समझौता किया है? इतना ही नहीं बंभानिया ने पूछा है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में पटेल आरक्षण को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है। फिर, किस सीक्रेट डील के तहत वे कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे हैं।’
कांग्रेस की एक और झूठ का पर्दाफाश
बंभानिया के खुलासों से यह तो साफ लगता है कि अक्टूबर में राहुल-हार्दिक की मुलाकात की खबरें सच थीं। फिर, सवाल उठता है कि खुद को देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का दंभ भरने वाली कांग्रेस को इसे छिपाने के लिए झूठ क्यों बोलना पड़ा ? क्योंकि हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पाकिस्तानी राजनयिकों की गुप्त मुलाकात की बात को भी कांग्रेस ने नकार दिया था। बाद में जब सच्चाई सामने आ गई तब खुद मनमोहन सिंह को ही ऐसी बैठक में शामिल होने की बात कबूल करनी पड़ गई।
.@vaishnavi_1001 reports on Patidar leader Hardik Patel’s meeting with Congress President-elect Rahul Gandhi and brother-in-law Robert Vadra pic.twitter.com/lWSeWLoje6
— TIMES NOW (@TimesNow) December 13, 2017
क्या वाड्रा बन चुके हैं कांग्रेस के सदस्य ?
रॉबर्ट वाड्रा भारतीय राजनीति का एक दागदार नाम है। उनकी सबसे बड़ी काबलियत यही है कि वे सोनिया गांधी के दामाद हैं, लेकिन जब भी वे भ्रष्टाचार के मामलों में विवादों में घिरते हैं, तो कांग्रेस उन्हें निजी व्यक्ति बताकर उनके कुकर्मों से पीछा छुड़ाने की कोशिश करती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर वे कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं तो किस हैसियत से उन्होंने हार्दिक पटेल के साथ सीक्रेट चुनावी डील की?
हार्दिक पटेल की रॉबर्ट वाड्रा और उनके साले राहुल गांधी के साथ जो भी सीक्रेट डील हुई, देश को उसके बारे में जानने का पूरा अधिकार है। खासकर गुजरात के मतदाताओं को इस डील के बारे में जानकारी मिलना बहुत जरूरी है। क्योंकि, कांग्रेस वहां इसी के बहाने मतदाताओं को अबतक गुमराह करती आई थी, लेकिन अब दूध का दूध पानी का पानी साफ हो गया है। ऐसे में मतदाताओं को इन सीक्रेट मीटिंग्स के पीछे कई असली सच्चाई पता चलनी ही चाहिए।