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नीति आयोग की रिपोर्ट में विकास के 16 पैमानों में 14 पर गुजरात का प्रदर्शन शानदार, केजरीवाल कह रहे-बीजेपी ने कुछ नहीं किया

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नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) सूचकांक के मुताबिक विकास के 16 पैमानों में 14 पर गुजरात का शानदार प्रदर्शन रहा है। गुजरात स्वास्थ्य और इंफ्रस्ट्रक्चर Infrastructure में 1st Rank पर है। रहने लायक शहर एवं मोहल्ले के मामले में तीसरे नंबर पर है। शान्ति, न्याय एवं मजबूत संस्थाओं के मामले में 2nd Rank पर है। गरीबी हटाने में 16वें नंबर पर है। इतना ही नहीं विकास के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए वर्ष 2004 से लेकर 2014 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात को 285 अवार्ड प्रदान किए हैं। इसके साथ ही गुजरात में वाइब्रेंट समिट की वजह से कई नई व्यावसायिक इकाइयां स्थापित हुई हैं। इससे गुजरात देश-विदेश में टूरिज्म हब के रूप में भी विकसित हुआ है। वर्तमान में राज्य में 10 लाख सूक्ष्म, मध्यम और बड़ी औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग 26 लाख रोजगार सृजित किए गए हैं। लेकिन झूठ के महारथी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि बीजेपी ने राज्य में 27 साल में कुछ नहीं किया।

नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों के इस सूचकांक (Sustainable Development Index) में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें 16 पैमाने हैं, जिनके आधार पर राज्यों को नंबर दिए जाते हैं, इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं- गरीबी की समाप्ति यानी कौन सा राज्य गरीबी को खत्म करने में कितना सफल रहा है। अच्छा स्वास्थ्य और जीवन स्तर, साफ पानी और स्वच्छता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा यानी पढ़ाई ऐसी हो, जिसमें क्वालिटी भी हो और अच्छा काम और आर्थिक विकास। इन सभी पैमाने पर गुजरात का प्रदर्शन शानदार रहा है। यही वजह है कि गुजरात के लोग 27 साल से बीजेपी शासन को पसंद करते आ रहे हैं।

केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का ऐलान 2020-21 के बजट में किया था, जिसका मकसद देश के सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है। उदाहरण के तौर पर देखें तो हरियाणा के 90.88 प्रतिशत घरों में नल का पानी पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह गुजरात के 83.09 प्रतिशत घरों में यह सुविधा पहुंचाई जा चुकी है। लेकिन ऐसे भी राज्य हैं, जिनका प्रदर्शन इस लिहाज से अच्छा नहीं है। मिसाल के तौर पर छत्तीसगढ़ में सिर्फ 12.51 प्रतिशत घरों में नल का पानी पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह पश्चिम बंगाल में सिर्फ 9.93 प्रतिशत घरों को ही नल का पानी मिलता है।

नीति आयोग राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में इनकी प्रगति को पैमाना बनाता है और इसी के आधार पर इनकी रैंकिंग करता है। गुजरात के विकास की बात करें तो यहां से कपड़े सबसे ज्यादा निर्यात किए जा रहे हैं, देश भर की तुलना में अकेले 12% हिस्सा गुजरात का है। गुजरात की जीडीपी बहुत हद तक कपड़ा उद्योग पर निर्भर है, एक अनुमान के मुताबिक गुजरात की पूरी जीडीपी में तकरीबन 23% योगदान कपड़ा उद्योग का है। गुजरात की 16% उपजाऊ जमीन पर कपास की खेती हो रही है, यह देशभर में से पहले स्थान पर है। इसके बाद भी केजरीवाल कह रहे हैं कि गुजरात में 27 साल में कुछ विकास का काम नहीं किया गया।

‘वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन’ की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2003 में की थी। इस सम्मेलन में राज्य के विकास में काफी योगदान दिया है। इसकी शुरुआत राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने, प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी लाने और औद्योगिक क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार पैदा करने के व्यापक उद्देश्य के साथ की गई थी। 2003 में पहला वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन शुरू होने के बाद 2019 तक यह द्विवार्षिक सम्मेलन आयोजित होता रहा। गुजरात ने पिछले दो दशकों में वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। ऐसा इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन की वजह से देश-विदेश के निवेशक और व्यवसायी राज्य में विभिन्न प्रकार के व्यवसाय और निवेश कर रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेता और प्रतिनिधिमंडलकों का भी इसमें सक्रिय योगदान रहा है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल ट्रेड शो के माध्यम से उत्पादों को प्रदर्शित करके उपभोक्ताओं का एक व्यापाक आधार भी विकसित किया जा रहा है।

 

 

 

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