यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए आपरेशन गंगा चलाया जा रहा है। आपरेशन गंगा के तहत अब तक हजारों भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है। खास बात है कि पीएम मोदी सरकार ने बड़ा दिल रखते हुए इस आपरेशन के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के अलावा कुछ अन्य देशों के नागरिकों को भी रेस्क्यू किया है। बांग्लादेश के नागरिकों को रेस्क्यू किये जाने पर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है और उनका शुक्रिया अदा किया है। उधर पाकिस्तानी युवती आसमा शफीक को भी भारतीय दल ने यूक्रेन से सुरक्षित निकाल लिया है। वह जल्द अपने देश लौटेंगी। इस मदद के लिए आसमा ने पीएम मोदी व भारतीय दूतावास का आभार माना है।
‘ऑपरेशन गंगा’ में अब तक 18 हजार से ज्यादा भारतीयों की स्वदेश वापसी
यूक्रेन के पड़ोसी देशों से ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अब तक 18 हजार से ज्यादा भारतीयों को विशेष उड़ानों से स्वदेश वापस लाया जा चुका है। फरवरी-22 में शुरू हुई विशेष उड़ानों के माध्यम से ‘ऑपरेशन गंगा’ का आरंभ हुआ। इसके अंतर्गत 75 से ज्यादा विशेष नागरिक उड़ानों द्वारा साढ़े पंद्रह हजार से ज्यादा भारतीयों एयरलिफ्ट किया गया। जबकि भारतीय वायु सेना (IAF) के 12 विमान 2467 यात्रियों को वापस लेकर आए। भारत ने 32 टन से अधिक राहत सामग्री भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजी है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत दो विशेष नागरिक उड़ानों के द्वारा मंगलवार को 410 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया है।
बांग्लादेश के 9 नागरिकों को भी निकाला, पीएम शेख हसीना बोलीं- थैंक्यू मोदी जी
मोदी सरकार ने इस संकट के समय अपने नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी का मार्ग तो प्रशस्त किया ही, इसके साथ ही बड़ा दिल रखते हुए अपने पड़ौसी देशों के भी बच्चों को रणभूमि से वापस लाकर मानवता का परिचय दिया है। भारतीय अधिकारियों ने ‘आपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से 9 बांग्लादेशियों को भी सुरक्षित निकाला है। इस पर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है।
‘ऑपरेशन गंगा’ में भारतीयों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिको का भी रेस्क्यू
भारत ने इनके अलावा पाकिस्तानी, नेपाली व ट्यूनीशिया के विद्यार्थियों को भी यूक्रेन में अपने बचाव अभियान के तहत सुरक्षित निकाला है। जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों व अन्य देशों के लोगों को निकालने में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर पुतिन व जेलेंस्की जंग रोक कर मानवीय गलियारे से लोगों को सुरक्षित निकालने का मौका दे रहे हैं। वहां फंसे कई पाकिस्तानी भी कीव स्थित भारतीय दूतावास की मदद लेकर निकल रहे हैं। ये लोग भारत का आभार जता रहे हैं।
पाकिस्तानी युवती को यूक्रेन से निकाला, पीएम मोदी व भारतीय दूतावास का जताया आभार
ऐसी की एक पाकिस्तानी युवती आसमा शफीक को भी भारतीय दल ने यूक्रेन से सुरक्षित निकाल लिया है। वह जल्द अपने देश पाकिस्तान लौटेंगी। इस मदद के लिए आसमा ने पीएम मोदी व भारतीय दूतावास का आभार माना है। आसमा ने कहा, ‘मेरा नाम आसमा शफीक है। मैं कीव में स्थित भारतीय दूतावास की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें हरसंभव मदद की। हम यहां बहुत कठिन परिस्थिति में फंस गए थे। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की भी शुक्रगुजार हूं कि उनकी बदौलत हम यहां से निकल पाए, मदद करने के लिए लिए आपका धन्यवाद। भारतीय दूतावास की बदौलत हम घर सुरक्षित जा रहे हैं। थैंक्यू।
#WATCH | Pakistan’s Asma Shafique thanks the Indian embassy in Kyiv and Prime Minister Modi for evacuating her.
Shas been rescued by Indian authorities and is enroute to Western #Ukraine for further evacuation out of the country. She will be reunited with her family soon:Sources pic.twitter.com/9hiBWGKvNp
— ANI (@ANI) March 9, 2022
पाकिस्तानी नागरिक आसमा शफीक युद्धग्रस्त इलाके में फंस गई थी
पाकिस्तानी नागरिक आसमा शफीक को कीव स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बचा लिया है। वह युद्धग्रस्त इलाके में फंस गई थी । वह भारी मुसीबतों का सामना कर रही थी। इसी बीच उसे भारतीय दूतावास से लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयासों का पता चला तो उसने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर आसमा को भी अन्य भारतीयों के साथ निकालकर पश्चिमी यूक्रेन ले जाया जा रहा है। वह जल्द ही अपने परिवार तक पहुंच जाएगी।
आपदा के समय एक बार फिर संकटमोचक बने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सवा सौ करोड़ लोगों की उम्मीद और भरोसे का प्रतीक बने हुए हैं। लोगों के भरोसे को बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी दिन-रात लगातार काम करते रहते हैं। कितना भी कठिन काम हो, कोई भी मसला हो, प्रधानमंत्री मोदी मदद के लिए हाथ बढ़ा देते हैं। अब यूक्रेन में फंसे छात्रों की स्वदेश वापसी के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा की कमान उन्होंने खुद अपने हाथ में ले ली है। यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक और उच्च स्तरीय बैठक की। दो घंटे से ज्यादा समय तक चली इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैठक में फैसला किया गया कि चार केंद्रीय मंत्री यूक्रेन के सीमावर्ती पड़ोसी देशों में जाकर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित लाने में मदद करेंगे। इन मंत्रियों में हरदीप सिंह पुरी, ज्योर्तिादित्य सिंधिया, जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह और किरण रिजिजू शामिल हैं। ये सभी केंद्रीय मंत्री विशेष दूत के रूप में वहां जाएंगे। ये चारों मंत्री वहां की स्थिति के हिसाब से तत्काल फैसला लेकर भारतीय छात्रों की दिक्कतों को तुरंत दूर कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान की लगातार मॉनिटिरंग कर रहे हैं। इस संकट के दौरान रूस से राष्ट्रपति पुतिन से बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी पहले विश्व नेता हैं। उन्होंने पुतिन के सामने भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी का मुद्दा उठाया और अब वापसी पर भारतीय झंडे तिरंगे को देखकर रूसी सेना के जवान उन्हें सुरक्षित निकलने में मदद कर रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में भी प्रधानमंत्री ने भारतीयों छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण ही पोलैंड भारतीय छात्रों को बिना वीजा आने की अनुमति दे रहा है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर विदेश मंत्री एस जयशंकर यूक्रेन के सभी सीमावर्ती देशों के साथ संपर्क में लगातार बने हुए हैं। उनकी कोशिश संकटग्रस्त देश में भी भारतीय छात्रों को हर संभव सुविधा मुहैया कराने की है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इससे पहले भी अभियान चलाकर भारत एक विश्व शक्ति बनकर उभर रहा है। कोरोना महामारी, अफगानिस्तान संकट समेत ऐसे कितने ही मौके आए, जबकि पीएम मोदी संकटमोचक के रूप में सामने आए।
सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्वदेश पहुंचा चुका है भारत
भारत कोरोना काल में ‘वंदे भारत मिशन’ के जरिए सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्वदेश ला चुका है। चीन, ईरान, इटली और जापान जैसे देशों से हजारों भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया। कोरोना प्रभावित इलाकों से भारत ने सिर्फ अपने नागरिकों को ही नहीं 10 से भी ज्यादा देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला। इनमें मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मैडागास्कर, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं।
सऊदी अरब में फंसे लोगों की वतन वापसी
पूरी दुनिया में जहां कहीं भी भारतीय मुसीबत में होती है, मोदी सरकार प्राथमिकता के आधार पर उनकी मदद करती है। 19 जून, 2019 को ही मोदी सरकार ने सऊदी अरब में फंसे भारतीयों की सकुशल वतन वापसी कराई। दरअसल सऊदी अरब में दो कंपनियों की आपसी लड़ाई में सैंकड़ों भारतीय वहां फंस गए थे। मोदी सरकार की पहल पर 1200 भारतीय वतन वापस लाए गए। इनमें 500 के लगभग पंजाबी थे। वतन लौटे पंजाबियों ने वापसी के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया।
अफगानिस्तान संकट: तालिबान के कारण देश छोड़ने वालों को मिली मदद
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे बाद वहां भारी अफरातफरी का माहौल बन गया था। हवाई अड्डे पर लोगों की भारी भीड़ के कारण लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। ऐसे में मोदी सरकार संकटमोचक बनकर अफगानिस्तान में फंसे अपने देश के नागरिकों को वहां से सुरक्षिक निकाल आई। वीजा नीति में बदलाव किया गया। e-Emergency X-Misc Visa कैटेगरी की शुरुआत की गई। इससे तालिबान से अपनी जान बचाने के लिए वहां से तुरंत निकलने की कोशिश में लगे लोगों को काफी मदद मिली।
सुनामी से प्रभावित टोंगा को 2 लाख डॉलर की सहायता
भारत ने सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट से प्रभावित टोंगा को तत्काल राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए 2 लाख डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी। विदेश मंत्रालय ने टोंगा में सुनामी के कारण हुए नुकसान और विनाश के लिए सरकार और लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की। संकट की घड़ी में वहां के लोगों के साथ खड़ा हो कर मोदी सरकार ने फिर अपनी अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। 2018 में चक्रवात गीता से हुई तबाही के समय भी भारत सरकार टोंगा के साथ मजबूती के साथ खड़ी थी। गौरतलब है कि 15 जनवरी, 2022 को टोंगा साम्राज्य ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी की चपेट में आ गया था। इससे देश की आबादी का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ था और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को भी नुकसान पहुंचा था।