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पहले रामचरितमानस और अब महंत राजू दास पर हमला, स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव की हिन्दुओं को आपस में लड़ाने की साजिश

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मुलायाम सिंह यादव ने एक बार कहा था कि जो बेटा बाप का नहीं हो सकता, वो किसी का नहीं हो सकता। मुलायम सिंह की यह बात आज सही साबित हो रही है। जो बेटा पद के लिए बाप से बगावत कर सकता है, वो सत्ता के लिए भगवान को भी नहीं छोड़ सकता। अखिलेश यादव ने हिन्दुओं के खिलाफ जातीय और धर्म युद्ध छेड़ दिया है। इस युद्ध में उन्होंने स्वामी प्रासद मौर्य को अपना सेनापति बनाया है। स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश के इशारे पर पहले रामचरितमानस को निशाना बनाया, अब सीधे सांधु-संतों पर हमले करवा रहे हैं। बुधवार (15 फरवरी, 2023) को लखनऊ के ताज होटल में आयोजित एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास पर हमला किया गया। 

स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने महंत राजू दास पर किया हमला

हालांकि महंत राजू दास और स्वामी प्रसाद मौर्य एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों को महंत राजू दास पर हमला करते देखा जा सकता है। राजू दास पर उस समय हमला किया गया, जब वो ताज होटल से बाहर निकल रहे थे। वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक राजू दास के पीछे दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक शख्स पीछे से राजू दास को पकड़ लिया और हाथापाई करने लगा। 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने साधु-संतों को बताया भगवा आतंकी 

इस घटना के बाद महंत राजू दास ने कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्य पर केस दर्ज कराऊंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वह कार्यक्रम से लौट रहे थे। तभी स्वामी प्रसाद ने उन्हें भगवा आतंकी कहा। उनके समर्थकों ने मारपीट की। स्वामी प्रसाद के समर्थकों ने मुझे पीटा। हम 3-4 लोग थे, स्वामी के साथ 50 लोग थे। स्वामी प्रसाद ने अपने समर्थकों को मेरी तरफ ललकारा। स्वामी प्रसाद ने कहा कि मारो इसे यही राजूदास है। आतंकी फंडिग के तहत देश में दंगा फैलाने की कोशिश की जा रही है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का दुर्भाग्य है कि उनकी पार्टी का बंटाधार करने पर ये तुले हुए हैं। इनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। इसलिए ये राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। समाज को बांटने की कोशिश हो रही है।

राजू दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी चेतावनी 

राजू दास ने चेतावनी देते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बुधवार के पूरे घटनाक्रम की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ को दी जाएगी। साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गुरुवार को लखनऊ में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। राजू दास ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य का उनके ऊपर लगाया गया आरोप पूरी तरह निराधार है। उन्होंने कहा कि हम लोग लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य एक तरफ संविधान और समानता की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ साधु-संतों को गाली दे रहे हैं। रामचरितमानस को जलाने की बात कर रहे हैं।

सपा की सरकार में रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाएंगे- स्वामी

स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार रामचरितमानस का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर दिए गए अपने बयान को वापस लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं और वह अपना बयान वापस नहीं लेने वाले हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को जलाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अपमान के नाम पर लगातार हिन्दू धर्म और उसकी धार्मिक पुस्तकों को निशाना बना रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब भी समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी मैं इसपर ज़रूर प्रतिबंध लगवाने का काम करूंगा।

अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा हिन्दू संतों और धार्मिक ग्रंथों का अपमान

सपा नेता मौर्य की रामचरितमानस के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुप्पी साधने का ही दुष्परिणाम है कि अब सपाई और स्वामी समर्थकों का हौसला बढ़ता जा रहा है। वे हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को जलाने तक की धृष्टता करने लगे हैं। सपा सुप्रीमो हिंदू धर्म ग्रंथ और हिंदुओं के अपमान को बढ़ावा दे रहे हैं। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य और उसके समर्थकों की इस मुहिम के पीछे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और मंडल की राजनीति करने वाली लाबी काम कर रही है। जो अपने राज में दलितों, पिछड़ों और गरीबों का कल्याण नहीं कर पाये। 

सपा का इतिहास रहा है हिंदुओं की खिलाफत, मुस्लिमों के लिए कारसेवकों पर चलवाईं गोलियां
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस को लेकर दी गई विवादित टिप्पणी के बाद से सियासी पारा स्वामी के समर्थकों की काली करतूत ने और चढ़ा दिया है। यूपी की राजधानी लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का घोर पाप किया है। हालांकि हिंदुओं की खिलाफत का समाजवादी पार्टी का काला इतिहास रहा है। राम जन्मभूमि आंदोलन के समय अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलाने का आदेश सपा सरकार ने ही दिया था। इस कार्रवाई में कई लोग मारे गए थे। उस समय उत्तर प्रदेश के सीएम मुलायम सिंह यादव थे। वो पहले ही ऐलान कर चुके थे कि अयोध्या में ‘परिंदा’ पर नहीं मार पाएगा। लेकिन उनका ये बयान उनके लिए ही चुनौती बन गया। तुष्टिकरण की हद देखिए कि उनका कहना था कि अगर गोली चलाने का आदेश न देते तो मुसलमानों का देश से विश्वास उठ जाता।लखनऊ में स्वामी के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियों को आग के हवाले किया
मुलायम सिंह यादव न अयोध्या में कारसेवकों को रोक पाए और न ही श्रीराम मंदिर निर्माण। जन-जन की आस्था नगरी अयोध्या में भव्य मंदिर अगले साल देशवासियों के लिए खुल जाएगा। अब समाजवादी पार्टी के अराजक तत्व अपने नेता स्वामी प्रसाद के नेतृत्व में उन्हीं प्रभु श्रीराम के परम-पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान करने पर तुले हैं। राजधानी लखनऊ में स्वामी के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियों को आग के हवाले कर दिया। वे अपनी ओर से हिंदू जनमानस को भड़काने का पूरी तरह से प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने होंठ सिले हुए हैं। अलबत्ता उनकी एक नेत्री रोली मिश्रा में जरूर आत्मसम्मान जागा है और उसके आपत्ति जताते हुए स्वामी समर्थकों से सवाल किया है कि आज आप लोग अराजक होकर हमारे धर्म ग्रन्थों को जला रहे हैं? कल को तो आप सनातनियों की हत्या भी कर सकते हैं?

सपा नेता मौर्य ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताकर खड़ा किया विवाद
रामचरितमानस की समर्थकों द्वारा प्रतियां जलाने से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस को सामाजिक भेदभाव और नफरत फैलाने वाला कहकर विवाद खड़ा कर दिया है। एक समाचार चैनल से बात करते हुए सपा नेता ने कहा कि महाकाव्य के कुछ छंद पिछड़े समुदाय और दलितों के लिए “जातिवादी और अपमानजनक” हैं और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। मौर्य ने तो यहां तक कह दिया कि जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर रामचरितमानस की कतिपय पंक्तियों से यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान होता है, तो वह निश्चय ही ‘धर्म’ नहीं, ‘अधर्म’ है।सपा प्रत्याशी गुलशन यादव ने प्रतापगढ़ में किया था रामायण का अपमान
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने हिंदू आस्था का पहले बार अपमान नहीं किया है। इससे पहले भी पिछले साल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गुलशन यादव पर हिंदू धर्म की धार्मिक पुस्तकों और चिह्नों को अपमानित करने का आरोप लगा है। 27 फरवरी 2022 की इस घटना को लेकर यादव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई। इसमें वादी द्वारा कहा गया कि, “मैं अपने बरामदे में बैठा था। तभी गाड़ी से 25-30 आदमियों के साथ गुलशन यादव आए। हम सुबह वोट दे कर रामायण पढ़ रहे थे। तब माँ की गाली देते हुए वो बोले कि तू मुझे वोट नहीं दिला रहा। तू योगी को वोट दिला रहा। हमें वोट दिलाओ। वो हमारी फोटो और पीतल का दीपक भी उठा ले गए। रामायण को फेंका और योगी की फोटो जूते से कुचला। फिर उनके साथ वाले कार्यकर्ता उस फोटो को अपने साथ ले गए।अखिलेश यादव ने हिंदू साधु-संतों का ‘चिलमजीवी’ कहकर किया था अपमान

दरअसल, असली बात तो यही है कि समाजवादी पार्टी की सारी राजनीति हिंदू विरोध पर ही टिकी हुई है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी में हिन्दू धर्म और संस्कृति का अपमान करने वालों का जमावड़ा है। जहां सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने हिन्दू कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, वहीं मौजूदा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साधु-संतों को ‘चिलम जीवी’ बताकर अपमान किया था। ऐसे में उनके समर्थकों के बारे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कानपुर के आर्यनगर से सपा के विधायक और उम्मीदवार रहे अमिताभ बाजपेई का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वो भगवान हनुमान और सुंदरकांड का अपमान करने वाला बयान देते नजर आ रहे हैं।

मेरे पास सुंदर पत्नी है और मैं कांड करता हूं- सपा विधायक ने ऐसे की सुंदरकांड की व्याख्या 

कानपुर के आर्यनगर से सपा के विधायक और उम्मीदवार अमिताभ बाजपेई का वायरल वीडियो  14 फरवरी, 2022 को वैवाहिक वर्षगांठ के मौके पर घर में कराए सुंदरकांड का पाठ का था। बाजपेई ने रोड शो के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के वस्त्रों पर कटाक्ष करने के दौरान बेशर्मी से सुंदरकांड की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि आज मेरी वैवाहिक वर्षगांठ की सिल्वर जुबली है। मैंने इस मौके पर सुंदरकांड करवाया तो मेरे मित्र बोलने लगे कि सुंदरकांड क्यों करवाया, कहीं घूमने-फिरने जाते। मैंने मित्रों से कहा कि मेरे पास तो सुंदर पत्नी है और मैं कांड करता रहता हूं, इसलिए मैंने सुंदरकांड करवाया है। विधायक इतने पर ही नहीं रुके और उन्होंने अपनी पत्नी की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखा। अपनी स्वयं की पत्नी का भी कहकर अपमान कर दिया। विधायक ने सामने खड़े लोगों से कहा कि आप की पत्नी भी तो काफी सुंदर हैं। आप सब लोगों ने तो मेरी पत्नी को देखा ही है, वह काफी सुंदर है। आजकल तो घर-घर जा रही है। जिसने नहीं देखा है तो देख लेना, लेकिन कुछ ऐसा-वैसा मत कर देना, नहीं तो मैं कांड कर दूंगा।

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