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काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं को भीड़ से मिली मुक्ति, दिव्यांगों-बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएं

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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से दिलचस्पी ली थी और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा था। इस लिए इस कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के लिए अनके व्यवस्थाएं की गई हैं, जिनमें म्यूजियम, स्प्रिचुअल बुक सेंटर, आभासी म्यूजियम, गंगा व्यू गैलरी, धरोहर केंद्र, फूड कोर्ट, वैदिक केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र, भोगशाला, ओडीओपी प्रोडॅक्ट शॉप और मुमुक्षु भवन के लिए सुरक्षा संबंधी इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम शामिल है।

इस कॉरिडोर की सबसे बड़ी बात यह है कि मंदिर परिसर में भीड़ का दबाव लगभग ना के बराबर होगा। इसके चलते पवित्र सावन मास के साथ ही प्रत्येक सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन-पूजन और सुकून के साथ कुछ समय बिताने का अवसर मिल सकेगा। वहीं, श्रद्धालु अब गंगा स्नान करने के बाद सीधे बाबा दरबार में मत्था टेकने आ सकेंगे।

बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्‍नान के बाद धाम के चौक तक पहुंचने के लिए 80 सीढ़‍ियां चढ़नी होंगी। जो सीढ़‍ियां नहीं चढ़ सकते, उनके लिए एस्‍केलेटेर और लिफ्ट की व्‍यवस्‍था की गई है। गंगा घाट से मंदिर परिसर तक रैंप बनाए गए हैं। इससे बुजुर्ग और दिव्यांग भक्त आसानी से महादेव का आशीर्वाद ले सकेंगे और अभिषेक कर सकेंगे। काशी विश्‍वनाथ धाम का चौक मां गंगा की लहरों से 22 मीटर की ऊंचाई पर बना है।

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