महाराष्ट्र में एंटीलिया केस के बाद 100 करोड़ रुपये की उगाही मामले को लेकर सियासत गरम है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी के बड़े नेताओं ने बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। देवेंद्र फडणवीस ने कोश्यारी को अपना ज्ञापन सौंपा। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का नैतिक आधार खत्म हो गया है, वो सिर्फ सत्ता के लिए काम कर रहे हैं। इतनी घटनाओं के बाद भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चुप हैं, पवार साहब ने दो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उन्होंने सिर्फ मंत्री को बचाने की कोशिश की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, चाहे पैसे की उगाही की घटना हो या ट्रांसफर का रैकेट हो, ये सारी घटनाएं दुखदायी हैं। इतनी सारी घटनाएं होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने उस पर एक बयान भी नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि हफ्ता वसूली, ट्रांसफर, कोविड-19 पर राज्य सरकार ने क्या एक्शन लिया है, राज्यपाल को रिपोर्ट मांगनी चाहिए। हमने यही मांग की है। सरकार ठीक नहीं चल रही है। ये तीनों पार्टियों को पता है कि हफ्ता वसूली हो रही है। महाराष्ट्र सरकार अब महावसूली सरकार बन चुकी है। इस सरकार में अब नैतिकता नहीं बची है।
सालों से चल रहा पुलिस-राजनेता भ्रष्टाचार: फडणवीस
इस मामले में मंगलवार को फडणवीस ने दावा किया था कि पुलिस और राजनेताओं की मिलिभगत के साथ भ्रष्टाचार का मामला कोई आज का नहीं है, यह बहुत पहले से चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईयू आयुक्त रश्मि शुक्ला ने जांच में ट्रांसफर का रैकेट पकड़ा, उसकी रिकॉर्डिंग भी करवाई। उसकी एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंचाया लेकिन उस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की।
फडनवीस ने यह भी कहा कि फोन टेपिंग का सारा डेटा मेरे पास है। सबके कॉल रिकॉर्ड के इंटरसेप्शन्स हैं। यह 6.3 जीबी के डेटा में उन सारे आईपीएस अधिकारी, अन्य अधिकारी और कई राजनेताओं के नाम हैं, उनका कच्चा चिट्ठा है। उनकी बातचीत में यह साफ होता है कि राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों की मिलिभगत से यह गोरखधंधा किस तरह से चल रहा था।
कांग्रेस पार्टी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी बताए कि इस वसूली से उन्हें कितना हिस्सा मिला। फडनवीस ने कहा कि कांग्रेस का कोई अस्तित्व बचा ही नहीं है। कांग्रेस नेता दिल्ली जाकर कुछ बोलते हैं, राज्य में कुछ बोलते हैं। कांग्रेस से सवाल है कि ये जो पैसा बंट रहा है उसमें उनका कितना हिस्सा है।
हाल ही में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बेहद गंभीर आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ की वसूली करने को कहा था।
इस पर मचे सियासी घमासान को लेकर अनिल देशमुख के इस्तीके की मांग जोर पकड़ने लगी, लेकिन एनसीपी चीफ पवार ने देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि गृहमंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है। पवार ने सिंह के पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि चिट्ठी में देशमुख और वाजे के बीच मुलाकात के जिस समय का उल्लेख किया गया है उस वक्त देशमुख अस्पताल में थे।
पवार ने कहा कि पूर्व कमिश्नर ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के निर्देशों की जानकारी मिली थी, जबकि 5 से 15 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। पवार ने देशमुख के बचाव में साफ कहा कि वे 5 से 15 फरवरी तक कोरोना होने के कारण अस्पताल में और 16 से 27 फरवरी तक क्वारंटीन में थे।
पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी, 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे: शरद पवार, एनसीपी pic.twitter.com/2YzwAJGSRx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 22, 2021
लेकिन जल्दी ही शरद पवार का झूठ पकड़ा गया। अनिल देशमुख इस दौरान कई कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल में 8 फरवरी को देशमुख से मुलाकात की थी और 15 फरवरी को गृहमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया था। इतना ही नहीं देशमुख ने क्वारंटीन के दौरान भी लोगों के बीच थे।
असून सचिन तेंडुलकर यांना संपूर्ण देशातील जनता मानत असल्याने त्यांच्या चौकशीचा प्रश्नच उदभवत नाही. या ट्विट प्रकरणात भाजपच्या आयटी सेलचा प्रमुख आणि इतर १२ इन्फ्लुएन्सरचा समावेश असल्याचे महाराष्ट्र पोलिसांच्या प्राथमिक तपासात समोर आले आहे. त्यानुसार पोलीस कार्यवाही करत आहेत. (२/२)
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) February 15, 2021
My statement regarding celebrity tweets on the issue of farmers’ protest has been twisted. I had ordered an inquiry into the BJP’s IT cell as it was likely to be involved in the case & not celebrities. Lata Mangeshkar Ji & Sachin Tendulkar Ji are the pride of Maharashtra & (1/2)
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) February 15, 2021
My wife Arti Deshmukh & I paid our last respect to police officer Sanjay Naranware who passed away in a tragic accident. He worked as a security guard at my bungalow in Nagpur. With Sanjay’s departure, we have lost one of our family members. We also met his family& consoled them. pic.twitter.com/pRpLdrPPvn
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) February 18, 2021
He met people during quarantine.
Liar @PawarSpeaks https://t.co/h5WnIHQsg9— Facts (@BefittingFacts) March 22, 2021
Sharad Pawar claims Anil Deshmukh was in hospital from 5-15 Feb and in quarantine from 16-27 Feb.
But Anil Deshmukh was holding a press conference on 15 Feb…
How lies fall flat! https://t.co/ceZGxFaIYz
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 22, 2021
अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को दिया था हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली का आदेश- परमवीर सिंह
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में बताया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने निलंबित एपीआई सचिन वाजे को बार,रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का निर्देश दिया था।
#NewsUpdate | Former Mumbai Police commissioner Param Bir Singh writes to Maharashtra CM Uddhav Thackeray alleging that Home Minister Anil Deshmukh asked Sachin Vaze to collect Rs 100 cr every month from bars, restaurants & other establishments. pic.twitter.com/FntwKyB6Zz
— TIMES NOW (@TimesNow) March 20, 2021
Bombshell of a letter by former Mumbai CP pic.twitter.com/xgcFztpaSO
— Kartikeya Sharma (@kartikeya_1975) March 20, 2021