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केजरीवाल सरकार की रिपोर्ट में ‘दिल्ली मॉडल’ की खुली पोल, झुग्गी-बस्तियों में 44 प्रतिशत लोग पेयजल के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों में जाते हैं, तो वहां मुफ्त बिजली, पानी और विकास के दिल्ली मॉडल की चर्चा कर लोगों को सपने दिखाने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। लेकिन दिल्ली में पेयजल को लेकर स्थिति काफी खराब है। कई इलाकों के निवासियों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल तक उपलब्ध नहीं है। केजरीवाल सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की करीब 44 प्रतिशत झुग्गियों में रहने वाले लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। दिल्ली में पानी की लाइन में लीकेज, कम दबाव वाला पानी, पानी की आपूर्ति नहीं होने, पानी की बर्बादी जैसी शिकायतें आम हैं। 

दिल्ली सरकार के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा किए गए ‘पेयजल, स्वच्छता और आवासीय अवस्था’ संबंधी 76वें वार्षिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट ने केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ की पोल खोलकर रख दी है। सर्वेक्षण के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शहर की झुग्गी-बस्तियों के करीब 44 प्रतिशत निवासी पेयजल के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर हैं। पीने के पानी के प्राथमिक स्रोत के रूप में बोतलबंद पानी का उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या 2012 और 2018 के बीच दोगुनी हो गई है। वहीं शहर के करीब 76 प्रतिशत मकानों में पाइप वाले पानी का कनेक्शन है।

रिपोर्ट के अनुसार, शहर के 71 प्रतिशत मकान पाइप वाली सीवर प्रणाली से जुड़े हैं, जबकि 28.5 प्रतिशत मकान सेप्टिक टैंक से जुड़े हैं। पीने के पानी, स्वच्छता और आवास की स्थिति को लेकर 76वें राष्ट्रीय नमूना सर्वे के तहत राज्य से नमूने लिए गए थे। ये परिणाम इन्हीं सैंपल्स पर आधारित हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने कहा है कि ये रिपोर्ट 2020 में ही प्रकाशित होनी थी लेकिन दिल्ली चुनाव और फिर कोरोना महामारी के कारण रिपोर्ट प्रकाशित करने में देरी हुई।

पानी को लेकर केजरीवाल के झूठे दावे

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की तीसरी बार सरकार बनने के बाद अरंविद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मेदारी सत्येंद्र जैन को सौंप दिया था। राजेंद्र नगर विधानसभा से पहली बार विधायक बने राघव चड्ढ़ा को दिल्ली जल बोर्ड का वाइस चेयरमैन बनाया गया। इसके अलावा बुराड़ी के संजीव झा और देवली से विधायक प्रकाश जरवाल को सदस्य बनाया गया। सत्येंद्र जैन से पहले जल बोर्ड की जिम्मेदारी अरविंद केजरीवाल के पास ही थी। इस दौरान केजरीवाल ने कई झूठे दावे किए, जिसका नतीजा है कि दिल्ली की जनता को आज भी पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। आइए देखते केजरीवाल ने कब-कब पानी को लेकर झूठे वादे किए…

2014 : पांच साल के अंदर पूरी दिल्ली में पानी की पाइप लाइन बिछायेंगे।

2015 : दिल्ली के लिए शर्म की बात है कि देश की राजधानी के हर घर में पानी नहीं आता। पांच साल में पाइप लाइन बिछायेंगे। हर घर की टोटी में पानी आएगा।

2016 : दिसंबर 2017 तक यानि 22 महीने के अंदर दिल्ली की हर कॉलोनी के सभी घरों के अंदर पाइप से पानी पहुंच जाएगा। जो पानी आएगा वो पीने वाला होगा। आप सीधे जल बोर्ड का पानी पी सकते हैं। आरो से ज्यादा अच्छा पानी आएगा।

2019 : हमें उम्मीद है कि 2024 तक दिल्ली के हर नागरिक को 24 घंटे पानी उनकी टोटी में मुहैया कराने में कामयाब होंगे।

आइए देखते हैं पानी को लेकर स्थानीय लोगों को किस तरह मुश्किलों का सामना करना पड़ता है…

  • महिलाओं को पानी के लिए 5 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।
  • पानी का टैंकर आने का कोई एक निश्चित समय नहीं है।
  • 5 मिनट भी लेट होने का मतलब है कि उन्हें पानी नहीं मिलेगा।
  • 15,000 की आबादी के लिए केवल 4-5 पानी के टैंकर ही आते हैं।
  • स्थानीय लोगों का कहना है कि वाटर टैंकर दिन में दो बार आता हैं।

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