महाराष्ट्र में कोरोना महामारी बेकाबू है। उद्धव ठाकरे सरकार की लापरवाही के कारण कोरोना संक्रमण के मामले राज्य में तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र एक बार फिर कोरोना कैपिटल बनता जा रहा है। देश में कोरोना के 65 प्रतिशत से अधिक 25,833 नए मामले सिर्फ महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं। यह इस साल एक दिन में सबसे ज्यादा है। साथ ही कोरोना के चलते पिछले 24 घंटे में 58 लोगों की मौत भी हुई है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की तादाद 23,96,340 तक पहुंच गई है। वहीं राज्य में अब तक 53,138 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
महाराष्ट्र के साथ देश के कुछ राज्यों में कोरोना के दैनिक नये मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर 80.63 प्रतिशत दैनिक नये मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटों में 39,726 दैनिक नये मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 25,833 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद पंजाब में 2,369 जबकि केरल में 1,899 नए मामले सामने आए हैं।
भारत में आज कोरोना के कुल सक्रिय मामले 2,71,282 है, जो देश में अब तक के कुल संक्रमित मामलों का 2.82 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कुल सक्रिय मामलों में 18,918 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई। तीन राज्यों- महाराष्ट्र, केरल और पंजाब में कुल सक्रिय मामलों का 76.48 प्रतिशत मौजूद है।
जहां तक टीकाकरण की बात है तो 19 मार्च सुबह 7 बजे तक 6,47,480 सत्रों के माध्यम से 3,93,39,817 टीके की डोज दी गई है। देशभर में कोरोना टीकाकरण के 62वें दिन 18 मार्च को 22 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज दी गई। वैक्सीनेशन के साथ ही भारत में ठीक होने वालों की कुल संख्या 1,10,83,679 हो गई है। राष्ट्रीय रिकवरी दर 96.56 प्रतिशत है।
केन्द्र सरकार ने हाल ही में महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए नियंत्रण एवं रोकथाम के उपायों के लिए उच्चस्तरीय जन स्वास्थ्य टीमों को तैनात किया है। इससे पहले, केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में उच्चस्तरीय टीमों को भेज चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केन्द्र सरकार उन सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ संपर्क में हैं जहां कोरोना संक्रमण के रोजाना मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। केन्द्र सरकार उनके साथ कोविड नियंत्रण और जन स्वास्थ्य उपायों की निरंतर समीक्षा कर रही है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को उन सभी जिलों में कोविड जांच बढ़ाने की सलाह दी गई है जहां जांच कम कर दी गई थी।