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प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक साजिश मामले में घिरती दिख बौखला गई है कांग्रेस!

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक को लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार घिरती जा रही है। इस मामले में संदेह के सारे रास्ते कांग्रेसी सरकार की ओर ही जा रहे हैं। ऐसे में खुद को फंसता देख कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं। पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर अन्य नेता बचाव में ओछी राजनीति पर उतर आए हैं। कांग्रेसी नेताओं अनाप-शनाप बयान देने लगे हैं। इसी क्रम में सीएम चन्नी ने शनिवार को सरदार पटेल की फोटो के साथ उनको कोट करते हुए ट्वीट किया कि ‘जिसे कर्तव्य से ज्यादा जान की फिक्र हो, उसे भारत जैसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।’

साजिश को लेकर घिरती दिख कांग्रेस कितना बौखला गई है इसे आप इसी से समझ सकते हैं कि जिस कोट को कांग्रेसी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सरदार पटेल का बताया कांग्रेस ने उसे पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का बता कर कोट किया। सीएम चन्नी के ही कोट को राजस्थान कांग्रेस ने नेहरू जी के फोटो के साथ ट्वीट किया।

कांग्रेसी साजिश इससे भी समझ सकते है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान उनके साथ ना तो राज्य के मुख्यमंत्री, ना मुख्य सचिव और ना राज्य के पुलिस प्रमुख थे। जो कि आम तौर पर प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान होते हैं। इस मामले पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सफाई दी कि कोरोना संक्रमितों के संपर्क मे आने के कारण एयरपोर्ट नहीं गए, जबकि उसी दिन शाम में वे बिना मास्क के प्रेस कॉन्फ्रेंस करते नजर आए और अगले दिन भी बिना मास्क के लोगों के बीच दिख गए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोतसिंह सिद्धू ने तो प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ ना होने का बहाना बनाया। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर कांग्रेस ने शर्मनाक बयान देते हुए कहा कि फिरोजपुर की रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर इसे रद्द किया गया। जबकि फिरोजपुर में मौसम खराब होने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी की रैली के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी और चन्नी सरकार की ओर से अगर कोई साजिश नहीं थी तो कैसे कांग्रेस के बड़े नेता पीएम की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद जश्न मनाते, शर्मनाक बयान देते और ट्वीट करते नजर आए ? क्या पार्टी के ‘ऊपर’ से इशारे के बिना कोई भी मुख्यमंत्री देश की सुरक्षा, सम्मान की बलि चढ़ाने की हिम्मत कर सकता है ? आइये, इन 15 सवालों पर एक नजर डालते हैं, जिनका जवाब देश कांग्रेस हाईकमान, पार्टी नेता और चन्नी सरकार से मांग रहा है….

01. पीएम के प्रोटोकॉल में राज्य के सीएम को अगवानी के आना होता है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी कोरोना पॉजिटिव से संपर्क का बहाना कर नहीं गए और बाद में मास्क उतार कर मीडिया से कैसे बातें करते रहे ?

02. सीएम चन्नी यह भी बहाना करते रहे कि पीएम के सड़क मार्ग से जाने की उन्हें जानकारी नहीं थी। क्या पुलिस और प्रशासन के मुखिया उन्हें इतने महत्वपूर्ण मामले पर रिपोर्ट नहीं करते ? या ऐसा करने की जरूरत ही महसूस नहीं करते?

03. सीएम को जब पीएम के कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं थी तो उन्होंने यह बयान कैसे दे दिया कि हम उस समय रास्ते में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों पर लाठियां कैसे बरसा सकते थे?

04. पीएम के फ्लाईओवर पर फंसने के ऐन मौके पर सीएम चन्नी और डीजीपी द्वारा मोबाइल फोन रिसीव क्यों नहीं किये गए ?

05. पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने एसपीजी को रूट क्लियर होने की पुष्टि की थी, फिर प्रर्दशनकारी सड़क पर कैसे जमा हो गए ?

06. पीएम को हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया गया। प्रदर्शनकारियों तक यह जानकारी कैसे लीक हुई ? उनको पीएम के रूट का पता कैसे चला ? ये पंजाब सरकार के इशारे पर पुलिस ने किया।

07. पीएम का काफिला निकलते वक्त भारी मात्रा में पुलिस तैनात होती है, फिर इतने प्रदर्शनकारी कम समय में कैसे जुट गए ? किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान विरोध की घोषणा की थी, इसके बावजूद राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसियों को भनक क्यों नहीं लगी ?

08. पीएम का काफिला जहां पर रोका, वहां पंजाब पुलिस मौजूद थी। पुलिस ने समय रहते उन प्रदर्शनकारियों को क्यों नहीं हटाया ?

09. पंजाब के एडीजीपी लॉ और आर्डर की चिठ्ठी पर भी पुलिस-प्रशासन के अधिकारी अतिरिक्त अलर्ट मोड पर क्यों नहीं आए ?

10. काफिले वाले रूट पर बैठे किसान अगर हटने को तैयार नहीं थे तो पीएम के काफिले का रूट क्यों नहीं बदला ? क्या ऐसा न करने के लिए कांग्रेस आलाकमान से आदेश थे ?

11. पंजाब पुलिस ने एसपीजी को पहले ही समय रहते इस बारे में क्यों नहीं बताया ? ताकि इसका विकल्प तलाशा जा सकता। 

12. जिस पंजाब पुलिस की जिम्मेदारी प्रदर्शनकारियों को हटाने की थी, वह उन्हीं प्रदर्शनकारियों के साथ चाय की चुस्कियां लेने वाले वीडियो में कैसे कैद हो गई?

13. यदि कांग्रेस की तरफ से कोई साजिश नहीं थी तो कैसे कांग्रेस के बड़े नेता पीएम की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद जश्न मनाते और शर्मनाक बयान देते और ट्वीट करते नजर आए ?

14. आखिरकार देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक होने के बावजूद दिल्ली से लेकर पंजाब तक के किसी भी कांग्रेस नेता ने अफसोस तक जाहिर करने की जरूरत क्यों नहीं समझी ?

15. और सबसे अंतिम व सबसे बड़ा सवाल यही है क्या देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश के षडयंत्र में पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को न सिर्फ बर्खास्त किया जाना चाहिए, बल्कि सरकार के खिलाफ भी कड़ा और बड़ा निर्णय लिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी राज्य सरकार सियासी फायदे-दुश्मनी के लिए ऐसी हिमाकत करने की हिम्मत भी न जुटा सके??

 

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