नए कृषि कानून को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर जारी आंदोलन को लेकर कांग्रेस किसानों को बरगलाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। लेकिन आंदोलन में सियासत को देखकर किसान इससे किनारा करने लगे हैं। ऐसे में किसानों को एक बार फिर से भड़काने के लिए पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। किसान आंदोलन पर मोदी सरकार को धमकाते हुए कांग्रेस सांसद बिट्टू ने कहा कि एक तारीख (1 जनवरी, 2021) के बाद हम लाशों के भी ढेर लगाएंगे। हम अपना खून भी देंगे। हम इसके लिए कहीं भी, किसी भी हद तक जा सकते हैं। एक तारीख के बाद हम नई प्लानिंग के साथ आएंगे।
कांग्रेस के सांसद @RavneetBittu ने आज किसान आंदोलन की रणनीति बदलकर लाशों के ढेर लगाने की बात कही। @RavneetBittu #BeantSingh के पोते है और पंजाब के बड़े नेता हैं। @mohitrajdubey #FarmersProtest pic.twitter.com/dxpmhEbwVm
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) December 25, 2020
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खालिस्तान समर्थकों और टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर आंदोलन शुरू से ही विवादों में रहा है। किसानों के इस आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन तो शुरू से ही रहा हैं और पार्टी ने इसके जरिए अराजकता फैलाने की भी कोशिश की है। मगर केंद्र सरकार की सजगता के कारण सब कुछ ठीक रहा है। लेकिन जैसे-जैसे किसानों को आंदोलन की हकीकत का पता चल रहा है। आंदोलन से किसान पीछे हटते जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के इस बयान से किसी खतरनाक साजिश की बू आ रही है।
रवनीत सिंह बिट्टू ने किया अजीबोगरीब दावा
इसके पहले रवनीत सिंह बिट्टू ने किसान कानून को लेकर अजीबोगरीब दावा किया। एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि इस कानून से किसानों को फायदा नहीं होगा, बल्कि इससे गूगल और व्हाट्सएप जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों को लाभ मिलेगा। एनडीटीवी इंडिया के साथ बातचीत में बिट्टू ने कहा कु यह देश के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का आंदोलन है। कृषि कानून से न केवल कृषि क्षेत्र को नुकसान होगा, बल्कि देश के खुदरा क्षेत्र को भी नुकसान होगा क्योंकि रिलायंस, गूगल, व्हाट्सएप जैसे बड़े उद्योगपति बड़ी मात्रा में गेहूं और चावल खरीद कर जमाखोरी करेंगे। बिट्टू के इस बयान पर उनकी काफी किरकिरी हुई थी।
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