Home समाचार मनमोहन ने माना मणिशंकर के घर हुई पाक अधिकारियों से मुलाकात

मनमोहन ने माना मणिशंकर के घर हुई पाक अधिकारियों से मुलाकात

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के घर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और उच्चायुक्त के साथ मुलाकात की बात स्वीकार की है। हालांकि उन्होंने मुलाकात पर पर्दा डालने की कोशिश जरूर की। उन्होंने कहा कि मणिशंकर अय्यर के द्वारा आयोजित डिनर में चर्चा भारत-पाकिस्तान रिश्तों तक सीमित थी।

इसके पहले रविवार को कांग्रेस ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ किसी भी बैठक से इनकार किया था। कांग्रेस ने इस आरोप को ‘बेबुनियाद’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने हाल में पाकिस्तानी उच्चायुक्त और एक पूर्व पाकिस्तानी मंत्री से मुलाकात की थी। जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि बयान में कोई सच्चाई या तथ्य नहीं है और यह झूठ पर आधारित है। 


इसके साथ ही  आजतक की खबर  के अनुसार कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा था कि पीएम मोदी को चुनौती है कि वो इस बात और मुलाकात को साबित करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अय्यर ने भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त और पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री से हाल में अय्यर के आवास पर मुलाकात की थी।

डिनर में ये लोग थे मौजूद
मणिशंकर अय्यर और उनकी पत्नी, खुर्शीद कसूरी, हामिद अंसारी, डॉ. मनमोहन सिंह, के. नटवर सिंह, केएस बाजपेयी, अजय शुक्ला, शरद सभरवाल, जनरल दीपक कपूर, टीसीए राघवन, सती लांबा, पाकिस्तानी उच्चायुक्त, एमके भद्रकुमार, सीआर घरेखान, प्रेम शंकर झा, सलमान हैदर, राहुल खुशवंत सिंह।

भारत को धमकी देने वाले चीन से गले मिलने पर झूठ
इसके पहले भी कांग्रेसी नेताओं ने डोकलाम विवाद के समय भी देश के सामने झूठ बोला था। सिक्किम की सीमा पर जब देश के जवान चीनी दबंगई का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, सीमा पर चीन की दादागीरी का पीएम मोदी हर स्तर पर प्रतिकार कर रहे थे, उसका जवाब दे रहे थे, उस समय कांग्रेस उपाध्यक्ष ‘दुश्मनों’ को गले लगा रहे थे। भारत और चीन में युद्ध जैसे हालात में भी सरकार को सूचना दिए बिना कांग्रेस के ‘युवराज’ ने चीनी दूतावास जाकर वहां के राजदूत लियो झाओहुई से मुलाकात की। गौर करने वाली बात यह भी है कि चीनी दूतावास के WeChat अकाउंट ने 8 जुलाई को राहुल की बैठक की पुष्टि की थी जबकि कांग्रेस ने राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात करने की खबरों को ‘फर्जी’ करार देते हुए इसे सिरे से खारिज किया था। 

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