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अब छत्तीसगढ़ में सीएम बघेल और मंत्री सिंहदेव में शीत-युद्ध चरम पर, अपनी ही सरकार में काम न होने से नाराज सिंहदेव का इस्तीफा, आलाकमान से करेंगे शिकायत

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कांग्रेस की देशभर में कुल जमा दो सरकारें बचीं हैं, उनमें वर्चस्व की लड़ाई कांग्रेसियों के बीच चलती रही है। राजस्थान में गहलोत वर्सेज पायलट गुत्थमगुत्था रहते हैं तो छत्तीसगढ़ में भूपेश वर्सेज सिंहदेव के बीच सियासी लड़ाई आए दिन सुर्खियों में रहती है। एक बार फिर यह लड़ाई कांग्रेस आलाकमान के दरबार में पहुंचने वाली है। अपने विभाग के काम न होने के कारण सीएम से नाराज चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग टीएस सिंहदेव ने न सिर्फ इस्तीफा दे दिया, बल्कि दिल्ली जाकर आलाकमान से सीएम की शिकायत करने का भी मन बना लिया है। गुस्साए सिंहदेव ने इस्तीफा देने के बाद हुई विधायक दल की बैठक में भी भाग नहीं लिया।

सीएम-मंत्री के बीच तनातनी नई नहीं, पहले भी कई मुद्दों पर हुआ है टकराव
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। दरअसल, जब अपनी ही सरकार में मंत्री के काम नहीं हो रहे हैं, तो विधायकों को क्या हाल होगा समझा जा सकता है। सीएम और मंत्री के बीच काफी समय के चला आ रहा मनमुटाव आखिर धरातल पर आ ही गया। दोनों के बीच शीत-युद्ध चरम पर पहुंचा और जाहिर तौर पर अपने विभाग में कामकाज न होने की जिम्मेदारी लेते हुए सिंहदेव ने इस्तीफा दे दिया। सीएम बघेल और मंत्री सिंहदेव के बीच तनातनी कोई नई नहीं है। पहले भी कई मुद्दों पर उनके बीच टकराव हुआ है। इस बार राजनीतिक शीत युद्ध का परिणाम ग्रामीण विकास मंत्री के इस्तीफे के रूप में सामने आया है। सिंहदेव जल्द ही दिल्ली आलाकमान से मिलने जाएंगे और राज्य के ताजा घटनाक्रम से अवगत कराते हुए अपना पक्ष रखेंगे।

इस्तीफे के बाद भी मिलने पर सीएम ने कोई चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी
वरिष्ठ नेता सिंहदेव ने मीडिया को बताया कि शनिवार को त्याग पत्र भेजा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री का दफ्तर बंद होने की वजह से इसे ई-मेल किया गया तथा बाद में आफिस खुलने पर फिर से पत्र वाहक के हाथ इस्तीफा भेजा है। मंत्री ने बताया, ”त्यागपत्र देने के बाद मुख्यमंत्री से विधानसभा में मुलाकात हुई, लेकिन उन्होंने इस विषय पर कोई चर्चा करने की जरूरत समझी और न ही उनका फोन आया है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें सिंहदेव के त्यागपत्र की कोई जानकारी नहीं है। त्याग पत्र मिलने के बाद वह इस पर विचार करेंगे।

लोगों के काम न होने पर अपनी बात रखना अनुशासनहीनता कैसे?
सिंहदेव ने बातचीत के दौरान कहा कि अब वे स्थानीय स्तर के नेताओं से इस्तीफे के बारे में कोई बात नहीं करेंगे। दिल्ली में उन्होंने आलाकमान से मिलने का समय मांगा है। वे जल्द ही दिल्ली जाएंगे और तब वर्तमान घटनाक्रम की जरूर बात होगी। सिंहदेव से पूछा गया कि क्या उन्होंने जो किया वह अनुशासनहीनता नहीं है? उन्होंने कहा, ”अपनी बात रखना अनुशासनहीनता कैसे होगी? केंद्र के मंत्री आकर मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना पर टिप्पणी करते हैं कि इसमें काम नहीं हुआ है। इसकी जिम्मेदारी मैंने अपने ऊपर ली है और विभाग से त्यागपत्र दिया है। इसमें अनुशासनहीनता कैसी?प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा आदि के नहीं हो रहे हैं काम
मुख्यमंत्री बघेल को भेजे अपने त्यागपत्र में सिंहदेव ने कहा है, ‘जन-घोषणा पत्र की विचारधारा के अनुरूप महत्वपूर्ण विषयों को दृष्टिगत रखते हुए, मेरा यह मत है कि विभाग के सभी लक्ष्यों को समर्पण भाव से पूर्ण करने में वर्तमान परिस्थितियों में स्वयं को असमर्थ पा रहा हूं। अतएव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भार से मैं अपने आप को पृथक कर रहा हूं। संगठन द्वारा दी गई अन्य जिम्मेदारी अपनी पूर्ण क्षमता और निष्ठा से निभाता रहूंगा।’ सिंहदेव ने त्यागपत्र में राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति, विभाग और शासन के कामकाज, पंचायत विस्तार (अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम (पेसा कानून) को लेकर बनाए गए नियमों में बदलाव और मनरेगा का कार्य करने वाले रोजगार सहायकों की हड़ताल से उपजी स्थिति के संबंध में चिंता जाहिर की है।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे बोले- कई विधायकों ने सिंहदेव के त्यागपत्र पर उठाए सवाल
वहीं कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पुनिया ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल, राज्य के मुख्यमंत्री बघेल और सिंहदेव से बात की है। पुनिया ने कहा कि सिंहदेव ने उनके विभाग में काम न होने की बात कही है। बघेल को अनुरोध पत्र मिलने के बाद इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा। सिंहदेव के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सिंहदेव मौजूद नहीं थे। कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक बैठक में विधायकों ने सिंहदेव के इस कदम पर नाराजगी जताई थी। सीएम बघेल के खासमखास कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि अधिकांश विधायकों ने सिंहदेव के त्याग पत्र पर सवाल उठाए हैं।

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