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एक और रिकॉर्ड: भारत का केमिकल्स एक्सपोर्ट 106 प्रतिशत बढ़कर 29.3 अरब डॉलर पर पहुंचा, देखिए मोदी राज में किस तरह से बन रहे हैं रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मोदी राज में हर क्षेत्र में रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। अब भारतीय रसायनों के निर्यात ने वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में 106 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत का रसायन निर्यात रिकॉर्ड 29.29 अरब डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2013-14 में रसायनों का भारतीय निर्यात 14.21 अरब डॉलर था। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि निर्यात में वृद्धि से प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा।

आज भारतीय रसायन उद्योग एक वैश्विक व्यवसाय बन गया है और यह मेक इन इंडिया दृष्टिकोण के साथ देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। भारत विश्व में केमिकल्स का छठा और एशिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। रसायनों के निर्यात में भारत का 14वां स्थान है। आज भारत डाइज उत्पादन में अग्रणी स्थान पर है। भारत विश्व में कृषि रसायनों का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। विश्व में कृषि रसायनों का लगभग 50 प्रतिशत भारत से निर्यात किए जाते हैं। भारत विश्व में कास्टर ऑयल (आरंडी का तेल) का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है। एग्रोकेमिकल्स, डाई और स्पेशलिटी केमिकल्स जैसे क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन के कारण 2021-22 में रसायन निर्यात 29.29 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारत 175 से अधिक देशों को निर्यात करता है। भारत के प्रमुख एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन में तुर्की, रूस शामिल हैं। इसमें नए बाजार चीन, हांगकांग, जापान, कोरिया गणराज्य, ताइवान, मकाउ, मंगोलिया जैसे देश भी जुड़ गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश-प्रतिदिन नई उपलब्धियों को हासिल कर रहा है। आइए एक नजर डालते हैं प्रमुख उपलब्धियों पर…

निर्यात 418 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
मोदी सरकार ने कोरोना महामारी से उत्पन्न तमाम चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर्स को प्रोत्साहित करने के साथ ही निर्यात पर भी फोकस किया। इसका नतीजा है कि निर्यात के मोर्चे पर वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए भारत ने इस दौरान करीब 418 अरब डॉलर का निर्यात करने में सफलता पाई है। वित्त वर्ष खत्म होने से 10 दिन पहले ही भारत ने निर्यात लक्ष्य को हासिल कर लिया। निर्यात की दृष्टि से मार्च 2022 काफी महत्वपूर्ण रहा। इस महीने देश ने 40 अरब डॉलर का निर्यात किया जो एक महीने में निर्यात का सर्वोच्च स्तर है। इसके पहले मार्च 2021 में निर्यात का आंकड़ा 34 अरब डॉलर रहा था।

सेवा निर्यात 250 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
भारतीय अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर में सुधार दिखाई दे रहा है। मोदी राज में वित्त वर्ष 2021-22 में कोरोना के बावजूद रिकार्ड 250 अरब डॉलर का सेवा निर्यात किया गया। जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में 195 अरब डॉलर का सेवा निर्यात किया गया था। 250 अरब डॉलर के सेवा निर्यात के साथ ही भारत का कुल निर्यात 669 अरब डॉलर का हो गया। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि वित्त वर्ष 21-22 में वस्तु का निर्यात 419.5 अरब डॉलर का रहा। वित्त वर्ष 21-22 में सेवा निर्यात के लिए 225 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया था जिसे पार कर लिया गया। 

गेंहू, मक्का और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि
मोदी सरकार के प्रोत्साहन से गेंहू, मक्का और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दस महीने में भारत के कृषि‍ न‍िर्यात में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एपीडा के तहत निर्यात 15.59 बिलियन डॉलर से बढ़कर 19.71 बिलियन डॉलर हुआ। चावल निर्यात में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई,जिससे 7,696 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई। प‍िछले साल की तुलना में व‍िदेशी बाजारों में भारतीय गेंहू की मांग में जबरदस्‍त उछाल आया है। अप्रैल-जनवरी 2021-22 के दौरान गेहूं के निर्यात में 1,742 मिलियन डॉलर की भारी वृद्धि दर्ज की गई, जो 2020-21 की इसी अवधि में 387 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जब यह 340.17 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

14.09 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंचा प्रत्यक्ष कर संग्रह
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और प्रयासों के कारण इस बार भारत के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सीबीडीटी प्रमुख के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (आयकर और कॉर्पोरेट कर) 14.09 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया यानि इसमें 49.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जो वित्त वर्ष 2020-21 में 9.45 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि 2021-22 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.75 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दिखाते हुए, 16.34 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया।

पहली बार अप्रत्यक्ष कर संग्रह से आगे निकला प्रत्यक्ष कर संग्रह
सीबीडीटी प्रमुख जेबी महापात्र ने कहा कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर 2021-22 के लिए 7.14 करोड़ से अधिक I-T रिटर्न दाखिल किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.4 प्रतिशत अधिक है। 2020-21 के लिए 6.97 करोड़ से अधिक दाखिल किए गए थे। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रत्यक्ष कर संग्रह ने अप्रत्यक्ष कर संग्रह को पछाड़ दिया है, जो कुल कर संग्रह का 52 प्रतिशत है। 

मार्च में जीएसटी कलेक्शन 1.33 लाख करोड़ के पार
वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार मार्च 2022 के महीने में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,42,095 करोड़ रुपये रहा। इसमें सीजीएसटी 25,830 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,378 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 74,470 करोड़ रुपये और उपकर 9,417 करोड़ रुपये शामिल है। मार्च 2022 में कुल सकल जीएसटी संग्रह जनवरी 2022 के महीने में एकत्र किए गए 1,40,986 करोड़ रुपये के पूर्व के रिकॉर्ड को तोड़कर अब तक का सबसे अधिक है। मार्च 2022 के महीने में राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 15 प्रतिशत अधिक और मार्च 2020 में जीएसटी राजस्व से 46 प्रतिशत अधिक है। ऐसा छठी बार हुआ है जब जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।

टेलीफोन के माध्यम से परामर्श देने का बनाया रिकॉर्ड
आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB- HWC) पर 16 अप्रैल, 2022 को टेलीफोन के माध्यम से एक दिन में 3 लाख से अधिक परामर्श दिए गए। AB- HWC पर यह एक दिन में किए गए टेलीकंसल्टेशन की अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इसके पहले के एक दिन में 1.8 लाख टेलीकंसल्टेशन किए गए थे। टेलीफोन के माध्यम से परामर्श ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे हैं। गरीब मरीजों के लिए यह एक वरदान से कम नहीं है।

यूपीए सरकार के मुकाबले आया 65 प्रतिशत ज्यादा एफडीआई
मोदी सरकार की ओर से लगातार एफडीआई नीति में सुधार, निवेश के लिए बेहतर अवसर, आर्थिक प्रबंधन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे कदम उठाने का परिणाम है कि विदेशी निवेशकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है। कोरोना काल में भी विदेशी निवेशक जहां दूसरे देशों में निवेश करने से बच रहे थे, वहीं उन्होंने भारत में जमकर निवेश किया। मोदी सरकार के पिछले सात सालों पर नजर डाले तो देश में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (29 मार्च, 2022) को वित्त विधेयक, 2022 और विनियोग विधेयक, 2022 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन में देश में 500.5 अरब डॉलर विदेशी निवेश आया है, जो कि यूपीए सरकार के 10 वर्षों में एफडीआई के मुकाबले 65 प्रतिशत ज्यादा है। 

आसानी से नया कारोबार शुरू करने के मामले में टॉप-5 देशों में शामिल हुआ भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार ने दशकों की नीतिगत जड़ता को खत्म करते हुए हर क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार किए हैं। गैरजरूरी प्रक्रियाओं और कानूनों को खत्म कर मोदी सरकार ने देश में कारोबार करना आसान बनाया है। साथ ही इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजेनस की रैंकिंग में भारत ने जबरदस्त छलांग लगाई है। अब भारत नया कारोबार आसानी से शुरू करने के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। इस संबंध में जानकारी 10 फरवरी, 2022 को दुबई एक्सपो में जारी वैश्विक उद्यमिता निगरानी की रिपोर्ट में दी गई थी।

मोदी सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं ने घटाई 12.3 प्रतिशत गरीबी 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी को कम करने का कमाल कर दिखाया है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही मनमोहन सरकार की तुलना में गरीबी काफी कम हो गई। अब दूसरे कार्यकाल में ग्रामीणों को सशक्त करने वाली कई केंद्रीय योजनाओं के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी कम हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से प्रकाशित वर्किंग पेपर में भी कहा गया है कि भारत में गरीबी दर घटी है। भारत में 2011 की तुलना में 2019 में 12.3 प्रतिशत की कमी आई है। गरीबी का आंकड़ा 2011 में 22.5% से घटकर 2019 में 10.2% हो गया है। 

GeM पोर्टल पर साल भर में आए रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्तवर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपये की वार्षिक खरीद अर्जित करने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि GeM प्लेटफॉर्म विशेषकर एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने का काम कर रहा है और आर्डरों की कुल कीमत का 57 प्रतिशत इसी सेक्टर से आता है। अपने ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह जानकर प्रसन्नता हुई कि@GeM_India ने अकेले एक वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये की कीमत के आर्डर प्राप्त किए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में काफी अच्छी वृद्धि है। जीईएम प्लेटफॉर्म विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को मजबूत बना रहा है तथा आर्डरों की कुल कीमत का 57 प्रतिशत इसी सेक्टर से आता है।” 

दुनिया की सबसे ऊंची राजमार्ग सुरंग ‘अटल टनल’ ने रचा वर्ल्ड रिकॉर्ड
दुनिया की सबसे ऊंची और लंबी राजमार्ग टनल ‘अटल सुरंग’ के नाम एक विश्व रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अटल टनल को आधिकारिक तौर पर ‘10,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में मान्यता दे दी है। दिल्ली में 9 फरवरी, 2022 को आयोजित एक ऐतिहासिक समारोह के दौरान ये मान्यता दी गई। सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक (डीजीबीआर) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने वाली इस उत्कृष्ट इंजीनियरिंग के निर्माण के लिए पुरस्कार प्राप्त किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 03 अक्टूबर, 2020 को इस अटल टनल को राष्ट्र को समर्पित किया था। 9.02 किलोमीटर लंबी यह सुरंग मनाली को लाहौल स्‍पीति से जोड़ती है।

चीन को पीछे छोड़ यूनिकॉर्न क्लब में दूसरे स्थान पर पहुंचा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार नया-नया मुकाम हासिल करता जा रहा है। जिस तरह सरकार स्टार्टअप सेक्टर को सुविधाएं और प्रोत्साहन दे रही है, उससे देश में यूनिकॉर्न बनने वाले स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज भारत उभरते हुए यूनिकॉर्न वाले देशों में चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया कि सबसे उभरते हुए यूनिकॉर्न वाले देशों में भारत अब दुनिया का नंबर 2 है, चीन से आगे हैं। हमारा मजबूत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र भारतीय स्टार्टअप को यूनिकॉर्न क्लब में ज़ूम करने में सक्षम बना रहा है। भारत में 32 उभरते हुए यूनिकॉर्न कंपनियां बनी हैं। जबकि चीन में भारत के मुकाबले 27 यूनिकॉर्न कंपनियां बनी हैं।

गरीबों के लिए वरदान अटल पेंशन योजना, अब तक खुले 4 करोड़ से अधिक खाते
मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना (APY) गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों के लिए जो सपना देखा था, अटल पेंशन योजना उसे पूरा करती दिखाई दे रही है। अटल पेंशन योजना की कामयाबी को आप इसी से जान सकते हैं कि अब तक इसके 4 करोड़ से अधिक खाते हो गए हैं। मार्च 2022 तक अटल पेंशन योजना के तहत कुल नामांकन ने 4.01 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया। इसमें से 99 लाख से अधिक अटल पेंशन योजना के खाते वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान खोले गए। बैंकों की सक्रिय भागीदारी के कारण इस योजना को जबरदस्त सफलता मिल रही है। करीब 71 प्रतिशत खाते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, 19 प्रतिशत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, 6 प्रतिशत निजी क्षेत्र के बैंकों और 3 प्रतिशत पेमेंट एंड स्मॉल फाइनेंस बैंकों के द्वारा खोले गए हैं।

मोदी सरकार में रिकॉर्ड कोरोना टीकाकरण
कोरोना महामारी के खिलाफ सबसे अहम कोरोना वैक्सीन रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। बढ़ते मामलों के बीच टीकाकरण अभियान भी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। देश में तेज रफ्तार से जारी कोरोना टीकाकरण के कारण अब तक 188.19 करोड़ से अधिक कुल 1,88,19,40,971 टीके लगाए जा चुके हैं। 12 से 14 आयु वर्ग के 2,75,34,619 से ज्यादा बच्चों को पहली खुराक दी जा चुकी है। 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 58259733 किशोरों को पहली खुराक और 41747337 किशोरों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। अब तक देश की 86 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।

आयुष्मान भारत योजना के तहत 17.90 करोड़ से अधिक कार्ड जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार चिकित्सा क्षेत्र में व्यापक सुधार किया गया है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (पीएमजेएवाई) की शुरुआत की। आयुष्मान भारत योजना गरीब-वंचितों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत 17.90 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड मुहैया कराए गए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉक्टर भारती पवार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। इस योजना के अंतर्गत 3.28 करोड़ से अधिक लोग उपचार की सुविधा ले चुके हैं। एक अध्ययन के अनुसार अक्टूबर 2019 से सितंबर 2021 तक इस योजना का लाभ पाने वालों में 46.7 प्रतिशत महिलाएं हैं।

कुपोषण पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, लोगों को दिया जाएगा फॉर्टिफाइड राइस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कुपोषण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक बड़ा फैसला किया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 8 अप्रैल को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी राज्यों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समेकित बाल विकास सेवा, पीएम पोषण और अन्य कल्याण योजनाओं में पोषणयुक्‍त (फोर्टिफाइड) चावल की आपूर्ति के लिए अपनी मंजूरी दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसे मार्च 2024 तक चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा।

देश के विकास को नई गति दे रहा है जल जीवन मिशन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जल जीवन मिशन आज देश के विकास को नई गति दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 3 वर्षों से भी कम समय में करोड़ों घरों तक जल पहुंच गया है जो जन-आकांक्षाओं और जनभागीदारी का एक बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट संदेश में कहा, “जल जीवन मिशन आज देश के विकास को एक नई गति दे रहा है। पिछले 3 वर्षों से भी कम समय में जिस प्रकार करोड़ों घरों में नल से जल पहुंचा है, वो जन आकांक्षाओं और जन भागीदारी की एक बड़ी मिसाल है।” मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के बाद भी जल जीवन मिशन के तहत 6.16 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक नल से जल उपलब्ध करा दिया है। इससे आज देश के 9.39 करोड़ ग्रामीण घरों को नल से साफ पानी की आपूर्ति का लाभ मिल रहा है।

मोदी राज में गरीबों को मिला पक्के घर का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने हर परिवार को छत मुहैया कराने के मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोदी सरकार तीन करोड़ से ज्यादा पक्के घरों का निर्माण कर चुकी है। इसकी जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि देश के हर निर्धन को पक्का घर देने के लिए सरकार महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक मकान बनाए जा चुके हैं। सभी घर मूलभूत सुविधाओं से युक्त हैं और ये घर महिला सशक्तिकरण के प्रतीक बन गए हैं। 

मुद्रा योजना से देश में आ रही है स्वरोजगार क्रांति
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सात वर्ष पूरे हो गए हैं। प्रधानमत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को इस योजना का शुभारंभ किया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सात वर्ष पूरा होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना ने अनगिनत देशवासियों को अपना कौशल प्रदर्शन और रोजगार के अवसर पैदा करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने लोगों के जीवन में परिवर्तन लाते हुए उनमें खुशहाली और आत्‍मसम्‍मान बढ़ाया है। मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के लाभार्थियों में 68 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, यानि महिलाओं की आर्थिक उन्नति में भी यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 19 अप्रैल, 2022 तक 34.54 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर, एक साल में 14 तकनीकें देश में तैयार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को हथियारों और युद्ध तकनीक के बारे में आत्मनिर्भर होने की जरूरत पर बल दिया है। ताकि भारत भविष्य में आने वाली जंग जैसी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सके। इसके लिए कई अहम निर्णय लिए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने अब तक 200 से अधिक रक्षा उपकरणों की सूची जारी की है, जिन्हें अब विदेश से नहीं खरीदा जाएगा। इसके लिए देश में ही सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रक्षा अनुसंधान, डिजाइन और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। मोदी सरकार के नीतिगत फैसले और प्रोत्साहन की वजह से 14 रक्षा तकनीकों को स्वदेशी स्टार्टअप कंपनियों द्वारा बनाया जा रहा है, उनमें एमसीडी ग्लैंड्स, ब्रिज विंडो ग्लास जैसे तकनीक शामिल है।

2018 के बाद LOC पर घुसपैठ में आई कमी
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर नवनिर्माण के दौर से गुजर रहा है। प्रदेश में बदलाव के साथ नई-नई परियोजनाओं पर काम शुरू हो रहा है। वहीं मोदी सरकार द्वारा किए गए उपायों और सुरक्षा बलों की चौकसी की वजह से सीमा पार से घुसपैठ में कमी आई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि 2018 से 2021 तक यानि चार सालों में घुसपैठ के सिर्फ 366 मामले सामने आए। 2018 में LOC पर घुसपैठ की 143 घटनाएं हुई थीं। 2019 में 138 मामले और 2020 में सीमा में घुसने की कोशिश करने के 51 मामले सामने आए। वहीं 2021 में घुसपैठ की घटनाएं कम होकर 34 रह गई हैं। 

जल्द ही उत्तराखंड होते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे भारतीय
देश में मोदी सरकार के कार्यकाल में धार्मिक स्थलों का जितना और जिस तेज गति से जीर्णोद्धार हुआ है, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। इसी कड़ी में कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भी मोदी सरकार ने एक और उपलब्धि हासिल की है। इस यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही नेपाल और चीन होकर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उत्तराखंड से ही कैलाश मानसरोवर तक रास्ता सुलभ हो जाएगा। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा हिन्दुओं के साथ-साथ जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है।

रूस-यूक्रेन संकट में प्रधानमंत्री मोदी निभा रहे हैं अहम भूमिका
रूस-यूक्रेन संकट के बीच दुनिया के तमाम बड़े नेताओं की नजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस को भी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस संकट का कोई समाधान निकाल लेंगे। बाइडेन के बाद अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि वह युद्ध समाप्त करने की दिशा में मध्यस्थता के प्रयासों को लेकर भारत सहित कई देशों के करीबी संपर्क में हैं।

पीएम का प्रोत्साहन और टोक्यो ओलंपिक में भारत की ‘स्वर्णिम’ छलांग
प्रधानमंत्री का जितना जोर पढ़ाई पर रहता है, वह खिलाड़ियों को भी उतना ही प्रोत्साहित करते हैं। इसी प्रोत्साहन का सुपरिणाम है कि भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक काफी यादगार रहा। भारत ने खेलों के महाकुंभ में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदकों के साथ भारत पदक तालिका में 48वें नंबर पर पहुंच गया। देश ने लंबे समय बाद एक साथ सात मेडल पर कब्जा जमाया। ओलंपिक खेलों के इतिहास में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए छह मेडल जीते थे। भारत की तरफ से पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल दिलाकर एक नया कीर्तिमान रच दिया।

पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता की
पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभाली। अगस्त 2021 के पूरे महीने भारत के हाथों में दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान रही। इस दौरान भारत समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद विरोधी तीन प्रमुख क्षेत्रों पर अपना विचार रखा और इससे निपटने के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को रास्ता दिखाया। सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ।

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना से हर गरीब तक पहुंचा मुफ्त अनाज
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना काल में 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन की व्यवस्था करके दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले 25 महीनों में 6 चरणों के अंतर्गत 1,000 लाख मीट्रिक टन अनाज बांटे गए हैं। इस शताब्दी के सबसे बड़े संकट कोरोना महामारी के बावजूद भारत एक ऐसा देश बनकर उभरा जिसमें एक भी गरीब परिवार के घर में चूल्हा न जला हो, ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। कोरोना संकट के लगभग 25 महीने के अंतराल के बीच प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 80 करोड़ देशवासियों को प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त देने का काम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किया गया।

यूक्रेन में फंसे छात्रों की स्वदेश वापसी के लिए पीएम मोदी ने खुद संभाली कमान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सवा सौ करोड़ लोगों की उम्मीद और भरोसे का प्रतीक बने हुए हैं। यूक्रेन में फंसे छात्रों की स्वदेश वापसी के लिए चलाए गए ऑपरेशन गंगा की कमान उन्होंने खुद अपने हाथ में ली। यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित लाने में मदद के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती पड़ोसी देशों में भेजा गया। मोदी सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत सभी भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने में सफल रही। 

भारत से अफगानिस्तान भेजी गई 2500 टन गेहूं की खेप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार ने मुश्किल समय में संकटमोचक बनकर दूसरे देशों की मदद की है। यह सिलसिला आज भी जारी है। भारत ने खाद्य संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान को 50 हजार टन गेहूं देने का वादा किया था। 21 फरवरी,2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने अपना वादा पूरा कर दिया। 2500 टन गेहूं की पहली खेप अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान रवाना की गई।

पीएम मोदी जैसी उदारता 75 साल के इतिहास में कोई नहीं दिखा पाया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कहते हैं कि राजनीति को अलग रखते हुए, पुरस्कारों को उन लोगों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने देश के महान कार्य में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के इसी विजन के तहत उन्होंने भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों को नई ऊंचाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विपक्ष के नेताओं को भी ये पुरस्कार देकर उदारता दिखाई। उनकी दूरदृष्टि का प्रभाव इस बात से स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल के दौरान विपक्षी दलों के कई नेताओं को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणव मुखर्जी को तो प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में ही भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

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