बीजेपी से मिल रही कड़ी चुनौती से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी परेशान दिख रही है। इसलिए क्षेत्रीय भावनाओं को भुनाने के लिए विभाजनकारी राजनीति पर उतर आयी है। ममता बनर्जी ने मंगलवार यानि 30 मार्च, 2021 को यूपी और बिहार के लोगों को गुंडा बताते हुए बीजेपी कार्यकर्ता की मां शोवा मजूमदार की मौत का आरोप बीजेपी पर ही मढ़ दिया। साथ ही दावा किया कि बीजेपी के पास अपनी पार्टी की एक और महिला की हत्या कराने का प्लान है। ये लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से लाए गुंडों से महिला की हत्या कराएंगे और दोष बंगाल पर मढ़ देंगे।
#WATCH | They (BJP) have another plan to kill a woman from their own party with goons they have brought from Bihar & UP and put the blame on Bengal. This is their plan: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/KujcL52Xho
— ANI (@ANI) March 30, 2021
ममता का बयान आने के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ममता अपना दिमागी संतुलन खो चुकी हैं। नंदीग्राम में उन्हें निगेटिव रिजल्ट देखने को मिल रहा है। वे हार रही हैं, इसलिए दुखी हैं। प्रधान ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता की मां की मौत को उत्तर प्रदेश से जोड़ना अपनी जिम्मेदारियों से भागने जैसा है।
नंदीग्राम से बीजेपी प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी ने भी ममता के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को झूठ बोलने की आदत है। वे मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें रोजगार और निवेश जैसे मामलों पर बात करनी चाहिए।
इससे पहले भी ममता ने बीजेपी पर बिहार और उत्तर प्रदेश से गुंडे लाने का आरोप लगाया था। उन्होंने सोमवार को कहा था कि बीजेपी के गुंडों ने ही मुझ पर हमला किया था। हमला करने वाले लोग नंदीग्राम के नहीं थे, उन्हें बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और बिहार से बुलाया था। ममता ने कहा अगर बाहरी लोग आते हैं तो यहां की महिलाओं को उन्हें बेलन और स्टील के बर्तनों से मारना चाहिए। जो लोग यहां की संस्कृति से प्यार नहीं करते, उन्हें यहां राजनीति करने का भी अधिकार नहीं है।
इससे पहले बांकुरा के विष्णुपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता ने बीजेपी पर बंगाल में यूपी से गुंडे भेजने का आरोप लगाया। ममता बनर्जी ने कहा था कि हम सालों से बंगाल में रह रहे दूसरे राज्यों के लोगों को बोहिरागोतो (बाहरी) नहीं कहते हैं। पान-मसाला खाने वाले, भगवा कपड़े पहनने वाले और तिलक लगाने वाले गुंडों को उत्तर प्रदेश से यहां भेजा गया है। ये लोग हमारे कल्चर को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस मसले को भुना चुके हैं। यूपी-बिहार से आए लोगों को बाहरी बताने पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व मिदनापुर के कांथी में एक रैली के दौरान कहा था कि गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की धरती पर रहने वाला कोई भी भारतीय बाहरी हो ही नहीं सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी रैली में कहा था कि बंगाल ने पूरे भारत को वंदे मातरम की भावना में बांधा है और उसी बंगाल में सीएम ममता बनर्जी लोगों को बोहिरागोतो (बाहरी) बता रही हैं।
गौरतलब है कि बंगाल के स्थानीय लोगों में बिहार और यूपी से आए हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ नाराजगी मानी जाती है। वे कहते हैं कि ‘आमार माटी आमार मा, उत्तर प्रदेश होबे’ न यानि मेरी भूमि, मेरी मां, यह उत्तर प्रदेश नहीं बनेगा। पश्चिम बंगाल में 1961 से 2011 के बीच हिंदी भाषी आबादी बढ़ी है। इनमें हिंदी के अलावा भोजपुरी, खोट्टा, कुरमाली थार, मारवाड़ी, राजस्थानी और सदन/सदरी बोलने वाले लोग शामिल है। 2011 जनगणना के अनुसार, पश्चिम बंगाल में हिंदी भाषी लोगों की आबादी 63 लाख यानि 6.96 फीसदी है।