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बिल गेट्स ने की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की तारीफ

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माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स ने मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ की है। बिल गेट्स ने मंगलवार को सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में कहा कि अगर लोग चीन के अलावा किसी एक देश में पढ़ने जा रहे हैं, तो मैं कहूंगा कि वो भारत को देखें। यहां अपार संभावनाएं हैं। ये देश अच्छा कर रहा है। उन्होंने कहा कि असल में भारत में संभावनाएं विस्फोट कर रही हैं। वहां इनोवेशन के शानदार मौके हैं।

दुनिया से पांच सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बिल गेट्स ने कहा कि भारत में अगले 10 वर्षों में बेहद तेज आर्थिक वृद्धि दर दर्ज करने की क्षमता है। इससे लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकेगा और सरकार स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसे प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों में अच्छा निवेश कर सकेगी। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल रिवोल्यूशन का एक बेहतरीन उदाहरण है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष गेट्स ने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट को आगे बढ़ाया।

बिल गेट्स ने की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की तारीफ की है तो आइए एक नजर डालते हैं देश की अर्थव्यवस्था कोरोना काल में एक बार फिर से किस प्रकार पटरी पर लौटने लगी है…

सर्विस सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार
सर्विस सेक्टर के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अक्टूबर में पिछले सात महीने के दौरान पहली बार 54.1 पर रहा है। पीएमआई में 50 से ज्यादा स्कोर कारोबारी गतिविधियों में रफ्तार को दिखाता है, जबकि 50 से कम का स्कोर इसमें गिरावट को दर्शाता है। सर्विस पीएमआई का बढ़ना इकनॉमी को लेकर नई उम्मीद जगाता है। आईएचएस मार्किट की इकॉनोमिक एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डि लीमा के मुताबिक इंडेक्स जब 50 से ऊपर रहता है, तो इसका मतलब यह होता है कि संबंधित कारोबारी सेक्टर में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि यह उत्साहजनक है कि भारतीय सेवा क्षेत्र कोविड-19 महामारी के कारण खराब हुई स्थिति से उबर रहा है।

13 साल की ऊंचाई पर मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई
इसके पहले देश का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 तक पहुंच गया। यह अक्टूबर, 2007 के 56.8 के बाद अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। कोरोना लॉकडाउन में नरमी के बाद अब कंपनियां अपना उत्पादन तेजी से बढ़ाने में लगी हैं। मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई पिछले महीने सितंबर में 56.8 पर रहा था।

जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के पार
इस अक्टूबर में वस्‍तु और सेवा कर-जीएसटी कलेक्शन आठ महीने के बाद एक बार फिर 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है। इससे पहले एक लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन फरवरी में हुआ था। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष अक्‍टूबर में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,05,155 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्‍त राजस्‍व से दस प्रतिशत अधिक है। इस दौरान वस्‍तुओं के आयात से प्राप्‍त राजस्‍व में नौ प्रतिशत और सेवाओं के आयात सहित घरेलू कारोबार से प्राप्‍त राजस्‍व में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अक्टूबर में यात्री वाहनों की बिक्री में भारी तेजी आई है। मारुति सुजुकी ने अक्टूबर में कुल 1,82,448 वाहन बेचे, जो पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले 19 प्रतिशत ज्यादा है। जबकि हुंडई मोटर्स ने अक्टूबर में कुल 68,835 गाड़ियां बेचीं, जबकि अक्टूबर- 2019 में कंपनी ने कुल 63,610 यूनिट्स की बिक्री की थी। दोपहिया वाहनों में हीरो मोटर्स ने 35 प्रतिशत वृद्धि के साथ अक्तूबर में 8 लाख से अधिक, जबकि बजाज ने 11 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5 लाख 12 हजार और टीवीएस ने 24 प्रतिशत तेजी के साथ 3 लाख 82 हजार यूनिट्स बेचे हैं।

रिकॉर्ड यूपीआई लेन-देन
यूपीआई ने अक्टूबर में 2 अरब लेन-देन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अक्‍टूबर में देश में कुल 207.16 करोड़ रुपये मूल्‍य के यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए। पिछले साल अक्‍टूबर में यूपीआई के जरिये 114.83 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 3.3 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई लेन-देन हो चुके हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया नया रिकॉर्ड
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 नवंबर को खत्म हफ्ते में 7.779 अरब डॉलर बढ़कर 568.494 अरब डॉलर हो गया है। यह अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा एसेट्स 6.403 अरब डॉलर बढ़कर 524.742 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस सप्ताह में स्वर्ण भंडार में 1.328 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई और यह 37.587 अरब डॉलर मूल्य का हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार ने 5 जून, 2020 को खत्म हुए हफ्ते में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था।

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