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प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न सम्मान

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में हुए एक कार्यक्रम में श्री कोविंद ने यह सम्मान प्रदान किया। प्रणब मुखर्जी करीब पांच दशक से राजनीति में हैं, इस दौरान वह विभिन्न पदों पर भी आसीन रहे हैं। श्री मुखर्जी साल 2012-2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे। इससे पहले वह साल 2009-2012 तक वित्त मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। 

नानाजी देशमुख एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में काम किया।

भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम के गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म-निर्माता थे। हजारिका को पद्मश्री 1977 में और पद्मभूषण से 2001 में सम्मानित किया गया था।

इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने की थी। पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया। शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक साल बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया।

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