दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इन दिनों झटके पर झटके लग रहे हैं। एक तरफ सत्येंद्र जैन जेल में हैं और उनका मसाज वाला वीडियो उनके गले की हड्डी बना हुआ है वहीं इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। जैस्मीन शाह के कार्यालय के कर्मचारियों को भी वापस बुला लिया गया है और उनके सिविल लाइंस स्थित कार्यालय पर भी ताला जड़ दिया गया है। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने शिकायत की थी कि जैस्मीन शाह अपने कार्यालय का दुरुपयोग अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) की राजनीतिक उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे थे। इससे केजरीवाल का अंतर्राष्ट्रीय गठजोड़ अब बेनकाब होने लगा है। विदेश में स्थित कई एनजीओ से केजरीवाल के संबंध रहे हैं और जैस्मीन शाह भी उसी इकोसिस्टम का हिस्सा रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने जैस्मीन शाह जैसे लोगों को अपने इकोसिस्टम में फिट करने के लिए दिल्ली डायलॉग कमीशन बनाया था। लेकिन अब इसके ऊपर से भी पर्दा उठने लगा है।
आम आदमी पार्टी फिर से हुई एक्सपोज़, पद का दुरुपयोग कर रहे जैस्मीन शाह बर्खास्त। pic.twitter.com/17WNJ9MtTH
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) November 18, 2022
जैस्मीन शाह पर राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पद के दुरुपयोग का आरोप
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने जैस्मीन शाह को दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया है। उन पर राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। कुछ दिन पहले जैस्मीन शाह पर आरोप लगे थे कि वह बतौर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता भी बयान जारी कर रहे हैं और मीडिया से बात कर रहे हैं। इसी को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय ने उन पर सवाल उठाए थे और नोटिस भेजकर जवाब तलब किया था। उपराज्यपाल ने डीडीसीडी के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को मिलने वाली सभी सरकारी सेवाओं और सुविधाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उन्होंने अफसरों को शाह के दफ्तर पर तुरंत ताला लगाने का निर्देश दिया है। उनका सरकारी वाहन और स्टाफ भी तुरंत वापस लेने का आदेश एलजी ने अधिकारियों को दिया है। दिल्ली सरकार डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (DDC) अपना थिंकटैंक बताती रही है, लेकिन इसकी आड़ कुछ और ही कहानी चल रही थी यह अब सामने आ रहा है। दिल्ली की सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसका गठन किया था।
ये ख़बर AAP के लिए झटका है भी औऱ नहीं भी
दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पद से बर्खास्त कर दिया है
आरोप- जैस्मीन राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे।
जैस्मीन पहले भी विवादों में थे..— ZEENAT SIDDIQUI (@ZSiddiki) November 18, 2022
इस तरह बना दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन
केजरीवाल के विदेशी संस्थाओं एवं एनजीओ से संपर्क बहुत पहले से हैं और अब भी बने हुए हैं। 2003 में अभिजीत बनर्जी को एमआईटी में ‘फोर्ड फाउंडेशन’ अर्थशास्त्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी वर्ष, उन्होंने अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) की स्थापना की। 2000 से 2010 के बीच केजरीवाल को अपने एनजीओ के लिए फोर्ड फाउंडेशन से सीधे फंडिंग मिली। उन्हें अशोका फेलोशिप और मैग्सेसे अवार्ड भी मिला है, जो फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित हैं। दिसंबर 2013 में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल के प्रोफेसर और अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) के संस्थापक ने मीडिया में आप के लिए समर्थन और लेख लिखे। फरवरी 2015 में चुनाव के दौरान उन्होंने आप का समर्थन करने के लिए एक लेख लिखा और लिखा कि “जो कोई भी भारतीय लोकतंत्र की परवाह करता है उसे 7 फरवरी को आप का समर्थन करना चाहिए।” फरवरी 2015 में केजरीवाल ने सरकार बनाई और दिल्ली के लिए एक नीति बनाने और उनकी सलाह और योजना पर दिल्ली सरकार चलाने के लिए एक थिंक टैंक दिल्ली डायलॉग कमीशन (DDC) भी बनाया।
Delhi | Office of Vice Chairman of the Dialogue and Development Commission (DDC), Jasmine Shah sealed.
LG VK Saxena asked CM Kejriwal to remove Shah from the post of Vice Chairman of the Dialogue and Development Commission (DDC) for misusing his office for political purposes. pic.twitter.com/VkgSOHNMOH
— ANI (@ANI) November 18, 2022
जैस्मीन शाह अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ गठजोड़ का हिस्सा हैं
2016 में जैस्मीन शाह आप में शामिल हो गए और तुरंत उन्हें डिप्टी सीएम सिसोदिया के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। जैस्मीन शाह आप में शामिल होने से पहले अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (J-PAL) के साथ काम कर रहे थे। 2018 में केजरीवाल ने जैस्मीन शाह को डीडीसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया और उन्हें दिल्ली के लिए नीति बनाने की पूरी जिम्मेदारी दे दी। 2019 में डीडीसी ने अपनी सभी योजनाओं की निगरानी के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण डेटा है लेकिन किसे परवाह है? कोई इस महत्वपूर्ण डेटा को किसी विदेशी संस्था को कैसे सौंप सकता है? ऐसा लगता है कि मुफ्त बिजली से लेकर ‘मीडिया’ शिक्षा मॉडल ‘फोर्ड फाउंडेशन’ इंटरनेशनल के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी द्वारा विकसित किया गया है! बाद में 2019 में, उन्होंने अपने J-PAL प्रोजेक्ट के लिए अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीता।
दिल्ली उप-राज्यपाल ने DDC उपाध्यक्ष को बर्खास्त किया, पद के गलत इस्तेमाल का आरोप; दफ्तर सील, सरकारी गाड़ी भी वापस ली#Delhi #VKSaxena #ArvindKejriwal #JasmineShah #DemocIndia pic.twitter.com/TlXj5hekD7
— Democ India (@DemocIndia) November 18, 2022
इस तरह प्रकाशित होती है NYT और खलीज टाइम्स में पेड न्यूज
अब्दुल लतीफ जमील सऊदी अरब में स्थित एक पारिवारिक स्वामित्व वाला व्यावसायिक घराना है। अब इससे आप समझ सकते हैं कि दिल्ली एजुकेशन मॉडल को लेकर अमेरिका स्थित NYT और गल्फ स्थित खलीज टाइम्स में पेड न्यूज क्यों प्रकाशित की गई! अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, J-PAL ने आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और गुजरात सहित कई राज्य सरकारों के साथ MOU किया है। लेकिन दिल्ली की नीति में जितनी दखलंदाजी इनकी है वैसी कहीं और नहीं दिखती। इस साल फरवरी में, डीडीसी ने फिर से J-PAL के साथ एक नया समझौता ज्ञापन किया और उन्हें सभी नीति और योजना डेटा तक पहुंच प्रदान की! यह हमारी चिंता होनी चाहिए! दिलचस्प बात यह है कि एमआईटी में ‘फोर्ड फाउंडेशन’ इंटरनेशनल के इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी 2019 में कांग्रेस की न्याय योजना के पीछे मास्टरमाइंड थे! अब, फोर्ड फाउंडेशन की ए और बी टीम कौन है? वहीं इकबाल धालीवाल अब J-PAL के वैश्विक कार्यकारी निदेशक हैं। वह गीता गोपीनाथ के पति हैं। वह एक अमेरिकी नागरिक हैं और एक कम्युनिस्ट परिवार से ताल्लुक रखती हैं!
आम आदमी केजरीवाल को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का समर्थन !
अरविंद केजरीवाल हमेशा दावा करते हैं कि वह सिर्फ एक आम व्यक्ति हैं लेकिन ये सभी सबूत बताते हैं कि उन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश, एनजीओ, मीडिया और अन्य सभी विदेशी-वित्तपोषित संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है! इससे यह भी साबित होता है कि उनकी मुफ्तखोरी की राजनीति का सूत्रधार एक विदेशी चंदा देने वाली विदेशी संस्था है। वे अपने अंतरराष्ट्रीय तंत्र का उपयोग करके एक नकली शिक्षा और चिकित्सा मॉडल बनाने में उनकी मदद करते हैं। इस विदेशी संस्था ने उनकी पूरी सरकारी नीति भी तैयार की। वे न केवल नीति तैयार करते हैं, वे उसे ट्रैक भी करते हैं! तो अब बताइए दिल्ली सरकार कौन चलाता है?
नीति आयोग की तर्ज पर केजरीवाल ने बनाया था डायलॉग कमीशन
दरअसल, अरविंद केजरीवाल सरकार ने राजधानी में दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन की स्थापना की थी। नीति आयोग की तर्ज पर इस कमीशन का उद्देश्य राजधानी के विकास के लिए विभिन्न मुद्दों पर दिल्ली सरकार को सलाह देना था। इस कमीशन की सलाह पर ही राजधानी में विभिन्न कार्य किये जा रहे थे और इसकी चारों ओर चर्चा हो रही थी। लेकिन भाजपा नेताओं का आरोप रहा है कि इस कमीशन के चेयरमैन जैस्मिन शाह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने का काम कर रहे थे। वे टीवी बहस में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता के रूप में पार्टी का पक्ष रखा करते थे। इसके बाद ही प्रवेश वर्मा ने शिकायत दी जिस पर कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया गया।
सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अमान्तुल्लाह खान पहले ही जांच के घेरे में
आम आदमी पार्टी के नेताओं मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अमान्तुल्लाह खान पर विभिन्न मामलों में जांच चल रही है। एमसीडी चुनावों के कारण इन मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप गंभीर हो गए हैं। जैस्मिन शाह पर हुई कार्रवाई के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि आम आदमी पार्टी यह आरोप लगाएगी कि उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है और भाजपा उसके कार्यों में बाधा पहुंचाने का काम कर रही है। आम आदमी पार्टी इसके पहले भी इस तरह के आरोप लगाती रही है। वहीं, भाजपा इस पर आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को जिम्मेदार बताती रही है। चुनावी मौसम में दोनों दलों के बीच इस मुद्दे पर एक नई जंग देखने को मिल सकती है।