यूक्रेन में रूस के हमलों के बीच भारतीयों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसके तहत भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। रूस के हमले से सबसे अधिक प्रभावित यूक्रेन के खारकीव शहर में फंसे सभी भारतीयों को निकाल लिया गया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक युद्धग्रस्त यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में अब कोई भी भारतीय नहीं बचा है। रूस और यूक्रेन की सेना के बीच चल रहे युद्ध की वजह से हालात बेहद खराब है। शहर में चारों ओर गोलाबारी और हिंसा का आलम है। यह शहर लगभग खंडहर में तब्दील हो चुका है। यहां कई ऊंची-ऊंची प्रमुख इमारतें बम से तबाह हो चुकी हैं, सड़कें और पुल टूट चुके हैं। लगातार बमबारी के बीच भारतीयों को सुरक्षित निकालना काफी मुश्किल काम था, लेकिन छात्रों की हिम्मत और सरकार के प्रयासों से भारतीयों को खारकीव शहर से निकालने में कामयाबी मिली।
मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि वह सुरक्षित हाथों में है- वीके सिंह
भारत के लिए दूसरी राहत की खबर यह है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह की स्वदेश वापसी हो रही है। हरजोत को पोलैंड से C-17 विमान के जरिए भारत लाया जा रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह भी पोलैंड में विमान के पास मौजूद दिखे। हरजोत सिंह का एक ताजा वीडियो सामने आया है, जहां वो एंबुलेंस में बैठे हैं और पोलैंड के लिए यात्रा कर रहे हैं। एंबुलेंस में बैठे हरजोत खासे भावुक नजर आए, उन्होंने कहा कि फिलहाल सब ठीक है लेकिन यहां तक सफर काफी मुश्किलों भरा था। किसी भी तरह वापस अपने देश पहुंचने की इच्छा थी। हवाई अड्डे पर हरजोत सिंह से मिलने के बाद वी.के. सिंह ने ट्वीट किया, “मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि वह सुरक्षित हाथों में है। उसका बुरा पीछे छूट चुका है, मैं उसे अपने परिवार के साथ फिर से देखने के लिए उत्सुक हूं। आशा है कि वह तेजी से स्वस्थ होगा..”
One of the passengers on the @iaf_mcc C-17 today will be Harjot Singh.
Let me assure the country that he is in good hands. The worst is behind him. I look forward to seeing him reunited with his family.
Hope he recuperates well and fast.#OperationGanga #NoIndianLeftBehind pic.twitter.com/TGlKa9EP8V— General Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 7, 2022
भारतीय दूतावास के माध्यम से इलाज की व्यवस्था
दिल्ली के रहने वाले हरजोत सिंह आईटी स्पेशलिस्ट हैं और यूक्रेन में हायर एजुकेशन के लिए गए थे। लड़ाई के दौरान अपने दोस्तों के साथ भारत आने के लिए निकले थे। ट्रेन में जगह नहीं मिल पाने के कारण पोलैंड बॉर्डर तक पहुंचने के लिए उन्होंने कैब का सहारा लिया, लेकिन रास्ते में उन्हें रोककर वापस जाने को कहा गया और जैसे ही कैब ने यूटर्न लिया तो फायरिंग होने लगी। इसी फायरिंग में हरजोत सिंह को चार गोलियां लगीं और वो घायल हो गए। उस दौरान मची अफरा-तफरी के बीच उनका पासपोर्ट भी गुम हो गया था। इस पूरे मामले की जानकारी मिलते ही भारत सरकार ने तेजी से कार्य किया। भारतीय दूतावास के माध्यम से उनके इलाज की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही भारत सरकार ने हरजोत सिंह के इलाज का खर्च उठाने का ऐलान किया।
अंतिम चरण में ‘ऑपरेशन गंगा’
यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ अब अंतिम चरण में हैं। रविवार (06 मार्च, 2022) तक इस अभियान के तहत भारत 76 उड़ानों में अपने 15,920 से अधिक नागरिकों को वापस ला चुका है। खारकीव शहर से निकालने के बाद अब पूरा ध्यान पूर्वी शहर सूमी में फंसे भारतीयों पर हैं। दूतावास ने उन सभी भारतीय नागरिकों से जो अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, तत्काल एक ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए कहा। वहीं इस ऑपरेशन गंगा का संचालन चार केंद्रीय मंत्रियों के अलावा ‘सुपर 30’ कर रहा है। हंगरी स्थिति भारतीय दूतावास ने बुडापेस्ट में एक कंट्रोल रूम बनाया है। इसकी कमान ‘सुपर 30’ यानि भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) के 30 युवा अधिकारियों के हाथों में है। बुडापेस्ट में होटल के एक छोटे कमरे में स्थापित इस कंट्रोल रूम से आइएफएस अफसर लगभग 150 से ज्यादा स्वयंसेवक और टेक्निकल टीम के साथ दिन रात काम कर रहे हैं।