कोरोना वायरस से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड के तहत वेंटिलेटर्स का निर्माण करने वाली कंपनी एगवा हेल्थकेयर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया है। कंपनी का दावा है कि उसके वेंटिलेटर अन्य कंपनियों की तुलना में बेहद सस्ते हैं। कंपनी के सह-संस्थापक दिवाकर वैश्य ने बताया कि इस बाजार में अंतरराष्ट्रीय विक्रेताओं का बहुत बड़ा नेक्सस है। ऐसे में, वे सभी लोगों ने इस प्रोजेक्ट के समर्थन की उम्मीद नहीं करते।
हमारे वेंटिलेटर 5-10 गुना सस्ते
एगवा हेल्थकेयर के सह-संस्थापक दिवाकर वैश्य ने कहा, ‘हमारा वेंटिलेटर 5-10 गुना सस्ता है, आम तौर पर इसकी कीमत 10-15 लाख होती है, जबकि हमारे वेंटिलेटर की कीमत 1.5 लाख रुपये है। इस बाजार में अंतरराष्ट्रीय विक्रेताओं का नेक्सस बहुत मजबूत है, क्या वे स्वदेशी उत्पादों की सफलता की सराहना करेंगे?’
Our ventilator is 5-10 times cheaper, normally it costs 10-15 lakh, ours is for 1.5 lakh. International vendor nexus is very strong in this market, will they appreciate success of indigenous products?: Prof. Diwakar Vaish, Co-founder AgVa Healthcare,ventilators under PMCARES Fund pic.twitter.com/ANtKOsHklt
— ANI (@ANI) July 7, 2020
‘डॉक्टर नहीं हैं राहुल गांधी’
दिवाकर वैश्य ने इन वेंटिलेटर्स में तकनीकी कमियों के राहुल गांधी के आरोपों का भी जवाब दिया।
#WATCH: Prof. Diwakar Vaish, Co-founder AgVa Healthcare, responds to Rahul Gandhi’s tweet of a media report alleging technical glitches in AgVa ventilators pic.twitter.com/zNhonHOG7X
— ANI (@ANI) July 7, 2020
#WATCH: Prof. Diwakar Vaish, Co-founder AgVa Healthcare, on media reports alleging glitches in their ventilators installed in some hospitals of Delhi and Mumbai. pic.twitter.com/RbGQ0zhJ3R
— ANI (@ANI) July 7, 2020
दिवाकर ने एगवा के वेंटिेलेटर के इस्तेमाल को लेकर एक डेमो भी दिया ताकि बेवजह पैदा किए जा रहे विवाद को खत्म किया जाए।
#WATCH: Prof. Diwakar Vaish, Co-founder AgVa Healthcare gives a demo of AgVa ventilator after reports of problems in FiO2 levels and other technical glitches. pic.twitter.com/JcoDXvvYMR
— ANI (@ANI) July 7, 2020
इसके पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एगवा हेल्थकेयर द्वारा बनाए जा वेंटिलेटर्स को लेकर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ये वेंटिलेटर्स अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि इनमें गड़बड़ी करके यह दिखाया जाता है कि ऑक्सीजन सप्लाई इतनी हो रही है और जबकि होती नहीं है।
गौरतलब है कि पीएम केयर फंड से 50 हजार वेंटिलेटर का निर्माण किया जा रहा है। इसमें दस हजार वेंटिलेटर एगवा हेल्थकेयर बना रही है। पीएम केयर्स फंड से बनने वाले 50,000 वेंटिलेटरों में से 30,000 का निर्माण सरकारी उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड कर रही है। वहीं, बाकी 20,000 वेंटिलेटरों का निर्माण एगवा हेल्थकेयर (10,000), एएमटीजेड बेसिक (5650), एमएमटीजेड हाइ एंड (4000) और अलाइड मेडिकल (350) कर रही है।