पंजाब की कांग्रेस सरकार और पार्टी अध्यक्ष के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की जारी बयानबाजी के खिलाफ महाधिवक्ता एपीएस देओल खुलकर सामने आ गए है। उन्होंने सिद्धू को लताड़ लगाते हुए राज्य सरकार और एजी ऑफिस के कामकाज में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगाया। देओल का मानना है कि ऐसा करने से बेअदबी मामले में न्याय सुनिश्चित करने के राज्य के गंभीर प्रयास पटरी पर से उतर सकते हैं। देओल ने कहा कि सिद्धू अपनी राजनीति चमकाने के लिए ड्रग्स और बेअदबी के मामलों में भ्रामक प्रचार कर रहे हैं।
Punjab advocate general (AG) APS Deol, who resigned from his post on Nov 1, in a statement said, “Navjot Singh Sidhu is obstructing the functioning of the government and the office of AG.”
— ANI (@ANI) November 6, 2021
एपीएस देओल ने नवजोत सिंह सिद्धू पर पलटवार करते हुए एक प्रेस रिलीज जारी किया। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आगामी चुनावों को देखते हुए सिद्धू पंजाब के महाधिवक्ता के संवैधानिक पद का राजनीतिकरण कर अपने स्वार्थी राजनीतिक लाभ के लिए कार्य कर रहे हैं। वह पार्टी के कामकाज को भी खराब करने की भी कोशिश कर रहे हैं। देओल के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू ने अगले साल होने वाले चुनावों से पहले ही कांग्रेस को बीमार कर दिया है।
हालांकि सिद्धू ने पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन फिर से पद ग्रहण करने के लिए एक शर्त लगा दी है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य के नये महाधिवक्ता को हटा नहीं दिया जाता वह इसकी जिम्मेदारी फिर से नहीं संभालेंगे। सिद्धू ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि जिस दिन नये महाधिवक्ता की नियुक्ति होगी, मैं कार्यभार ग्रहण करूंगा।
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के तुरंत बाद अतुल नंदा ने महाधिवक्ता के पद से इस्तीफे दे दिया था। इसके बाद चन्नी सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता एपीएस देओल को नया महाधिवक्ता नियुक्त किया था। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता के रूप में देओल की नियुक्ति का लगातार विरोध कर रहे हैं। वे 2015 के पुलिस फायरिंग और बेअदबी कांड मामले की पैरवी करने पर देओल से लगातार इस्तीफा मांग रहे हैं। सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस आधार पर इस्तीफा दे दिया था कि देओल पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और परमराज सिंह उमरानंगल के बचाव पक्ष के वकील थे। दोनों बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले में आरोपी थे।