राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम कानपुर के विकास दुबे कांड के बाद ब्राह्मणों को भड़काने में लग गए हैं। प्रमोद कृष्णम वही कांग्रेसी नेता है जो 2019 में चुनाव के समय धर्म विशेष के कार्यक्रमों में नारे लगाते हुए कहता था कि नहीं है जो मुहम्मद का, हमारा हो नहीं सकता। अब वही कांग्रेसी नेता एक बार फिर से देश में नफरत फैलाने के काम में लग गया है।
महान जनता ऐसे ही थोड़े कहती है –
ग़द्दारों का राजा हूँ मैं,हूँ बेईमानों का अरमान
2022 में ब्राह्मण हूं,2019 में था मुसलमानगला फाड़ फाड़ कर नारा ए तकबीर का नारा लगवा रहे कथित महापंडित जी की शक्ल तो देखिए, कहते हैं – नहीं है जो मुहम्मद का, हमारा हो नहीं सकता !! pic.twitter.com/Pnc78JNStO
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) July 12, 2020
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णम लखनऊ से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वे लखनऊ की तरह संभल सेभी चुनाव हार चुके हैं। संभल के पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 2018 में फर्जी संतों की सूची में डाल दिया था। अब आचार्य का नाम कलंकित कर प्रमोद कृष्णम समाज में भेदभाव फैलाने का काम कर रहे हैं।
लखनऊ में अपने “घर” की छत पर लगा “भाजपा”
का “झंडा” फाड़ता हुआ एक “ब्राह्मण” pic.twitter.com/uz4sN6DzkF— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) July 10, 2020