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पीएम केयर्स फंड से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बने 50 हजार वेंटीलेटर्स, राज्यों के कोविड-19 अस्पतालों को हो रही सप्लाई

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पीएम केयर्स फंड के इस्तेमाल को लेकर तरह-तरह के सवाल किए जा रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन सवालों का जवाब काम करके देने का फैसला किया। मोदी सरकार ने 13 मई, 2020 को 50 हजार वेंटीलेटर खरीदने और प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम केयर्स फंड से 3100 करोड़ रुपये जारी कर आलोचकों को करारा जवाब दिया। सीडीडीईटी की रिपोर्ट में इस बात का पता चला है कि पीएम केयर्स फंड का पैसा कहां-कहां खर्च हुआ और इसे देश में कोरोना की लड़ाई के लिए किन संसाधनों में लगाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम केयर्स फंड से देश में 50 हजार वेंटिलेटर्स तैयार किए जा रहे हैं।

‘मेड इन इंडिया’ के तहत वेंटीलेटर्स का निर्माण 

सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सरकारी अस्पतालों में ‘मेड इन इंडिया’ के तहत तैयार इन वेंटीलेटर्स के लिए पीएम केयर्स फंड से 2000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आइए देखते हैं मेक इन इंडिया के तहत कुल 50 हजार वेंटीलेटर्स का निर्माण किन-किन कंपनियों द्वारा किया जा रहा है-

                                50 हजार वेंटीलेटर्स का निर्माण  

वेंटीलेटर्स निर्माता कंपनी                     वेंटीलेटर्स की संख्या 
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड                     30,000
अग्वा हेल्थकेयर                     10,000
एएमटीजेड बेसिक                        5,650
एएमटिजेड हाई एंड                       4,000
एलायड मेडिकल                          350

अब तक 2923 वेंटीलेटर्स का निर्माण किया गया है, जिनमें से 1340 वेंटीलेटर्स राज्यों और केंद्रीय प्रदेशों में भेजे जा चुके हैं। जून के आखिर तक सभी राज्यों में 14000 अतिरिक्त वेंटीलेटर्स की सप्लाई करने का लक्ष्य तय किया गया है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर राज्यों को वेंटीलेटर्स की सप्लाई की जा रही है।  

प्रमुख राज्यों को वेंटीलेटर्स की सप्लाई

राज्य वेंटीलेटर्स की संख्या
महाराष्ट्र  275
दिल्ली 275
गुजरात  175
बिहार 100
कर्नाटक   90
राजस्थान   75

प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए 1000 करोड़ रुपये

वहीं, प्रवासी मजदूरों के कल्याण से जुड़े प्रोजेक्ट में 1000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। राज्यों को एक फॉर्मूले के तहत यह फंड दिया गया। इसमें सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को 2011 की जनसंख्या के लिए 50 प्रतिशत भार, पॉजिटिव कोविड-19 मामलों की संख्या के लिए 40 प्रतिशत भार और सभी को समान रूप से 10 प्रतिशत के फॉर्मूले के आधार पर कोष का वितरण किया गया है। दस प्रतिशत हिस्सा हर राज्य को दिया गया है, ताकि वहां न्यूनतम व्यवस्था रहे। इस फंड का उपयोग प्रवासी मजदूरों के आवास, भोजन, इलाज और परिवहन की व्यवस्था के लिए किया गया है।

राज्यों में फंड का आवंटन

राज्य                                    रकम (रुपये में)

महाराष्ट्र  181 करोड़
उत्तर प्रदेश 103 करोड़
तमिलनाडु   83 करोड़
गुजरात    66 करोड़
दिल्ली    55 करोड़
पश्चिम बंगाल   53 करोड़
बिहार    51 करोड़
मध्य प्रदेश    50 करोड़
राजस्थान    50 करोड़
कर्नाटक    34 करोड़

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