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तुष्टिकरण के कारण फिर कोरोना हब बना केरल, देश के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा नए केस सिर्फ इस मॉडल स्टेट से

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देश का छोटा सा राज्य केरल एक बार फिर कोरोना हब बन गया है, लेकिन लेफ्ट और कांग्रेस के करीबी पक्षकार केरल मॉडल की तारीफ करने में लगे हुए हैं। केरल सरकार की लापरवाही के कारण यहां कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 43,654 नए मामले सामने आए हैं इसमें से सबसे अधिक 50 प्रतिशत से भी ज्यादा 22,129 नए मामले सिर्फ केरल से आए हैं। केरल के कारण ही देश में कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा बनी हुई है।

राज्य में 22,129 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33 लाख 05 हजार से ज्यादा हो गई है। साथ ही जांच संक्रमण दर फिर से 12 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है। केरल में पिछले 24 घंटे में 156 मरीजों की मौत के बाद होने से मृतकों की संख्या 16,326 हो गई है। केरल के बाद कोरोना के सबसे ज्यादा नए मामले बेस्ट सीएम उद्धव ठाकरे के राज्य महाराष्ट्र से हैं। यहां पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6,258 मामले सामने आए हैं।

इन आंकड़ों से साफ है कि प्रोपगेंडा और लेफ्ट मीडिया के बल पर दुनिया भर में केरल मॉडल का बखान करने वाली केरल सरकार की पोल खुल गई है। केरल में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है लेकिन राज्य सरकार का सारा ध्यान तुष्टिकरण पर है। कोरोना मामले में आगे होने के बाद भी केरल की वामपंथी सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बकरीद पर प्रतिबंधों में छूट दे दी थी। इसको लेकर इसी महीने 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये डरावना है कि ऐसे हालात होने को बावजूद पाबंदियों में इस तरह छूट दी गई। कोरोना के इस हालात में रियायत देना सॉरी स्टेट ऑफ अफेयर है। कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार द्वारा दिया हलफनामा चिंताजनक है। यह वास्तविक तरीके से भारत के सभी नागरिकों को जीने के अधिकार की गारंटी नहीं देता है। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने पर उसे हमारे संज्ञान में लाया जा सकता है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

इस सबके बावजूद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कोरोना को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका नजारा पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी के साथ छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में देखने को मिला।

सीएम पी विजयन बैठक के दौरान चाय पीते और कुछ खाते दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था कि वे सिर्फ बैठक में शामिल होने की औपचारिकता निभा रहे थे। उनकी हरकत से साफ लग रहा था कि बैठक में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। देखिए वीडियो-

इतना सब होने के बाृद भी लेफ्ट के करीबी पक्षकार केरल के सीएम का पक्ष ले रहे हैं और केरल मॉडल की प्रशंसा करने में जुटे हुए हैं। इसे क्या कहिएगा

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