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गोरखपुर मंदिर का हमलावर मुर्तुजा अब्बासी दिमागी रूप से बीमार नहीं, बल्कि बहुत ही शातिर है, ATS और NIA इस ‘आतंकी’ की पोल खोलने में जुटी

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गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी अब तक पहेली बना हुआ है। हालांकि ATS टीम लगातार इस मामले की परत-दर-परत खोलकर मामले की तह तक पहुंचने में जुटी है। यही वजह है कि PGI और KGMU जैसी संस्थाओं के डॉक्टरों के पैनल बोर्ड से ATS मुर्तजा का मेडिकल चेकअप कराने की भी तैयारी कर रही है, ताकि यह साफ हो सके कि इतनी बड़ी वारदात और उसके जेहन में भरे जहर की असल वजह क्या है? फिलहाल ATS उसके बैंक खातों को ब्लॉक कराकर उसके सभी ट्रांजैक्शन खंगाल रही है। मुर्तजा के पिता उसे दिमागी तौर पर बीमार साबित करने में लगे हैं, लेकिन ATS को लग रहा है कि वह बेहद शातिर है। आईआईटी-मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग करने वाले मुर्तजा से NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के तीन अफसरों की टीम ने पूछताछ की।

सीरिया की युवती के संपर्क में मुर्तजा ने जिहाद की ली थी ऑनलाइन शपथ
मुर्तजा के पैसे ICICI, फेडरल और HDFC बैंकों के तीन खातों में हैं। उसके पास ICICI बैंक का भी एक क्रेडिट कार्ड भी है। यही नहीं, इससे पहले मुर्तजा के पास से जानकारी मिली थी कि वह सीरिया की एक युवती के साथ संपर्क में था। कई बार उसने अपनी महिला मित्र को ऑनलाइन पैसा भी ट्रांसफर किया और जिहाद की ऑनलाइन शपथ भी ली थी। ATS ने महाराजगंज से उसके एक परिचित को भी पकड़ा है। नेपाल से लौटने के बाद मुर्तजा इसी शख्स से मिला था। संभल के मियां सराय के रहने वाले मुर्तजा के परिचित की तलाश भी ATS को है।

बैंक ट्रांजैक्शन में सच आया सामने, विदेश में इस्लामिक संस्थाओं को भेजता था पैसे
मुर्तजा के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे हर रोज इस केस में नए खुलासे हो रहे हैं। मुर्तजा के बैंक ट्रांजैक्शन भी सामने आए हैं। दावा किया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों ने जून 2021 में क्रेडिट कार्ड से मुर्तजा द्वारा किए गए ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया है। इसमें पता चला है कि मुर्तजा कई इस्लामिक संस्थाओं को पे-पाल ऐप के जरिए विदेश में पैसे भेजता था। जून 2021 में उसके क्रेडिट कार्ड से एक के बाद एक कई ट्रांजैक्शन किए जाने की बात सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों को कई इस्लामिक संस्थाओं में 22000, 700, 16594, 16622 और 22907 रुपए के ट्रांजैक्शन का ब्योरा मिला है। उसने बीते 4 से 5 महीने में शमीउल्लाह नाम के व्यक्ति के खाते में कई बार हजारों रुपए भेजे थे।

मुर्तजा के बड़े पिता लखनऊ तलब हुए तो कहा- मैं बुजुर्ग हूं, नहीं आ सकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुंडे-बदमाश, माफिया, अपराधी और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दे रही है। दूसरी ओर मुर्तजा के बड़े पिता और नामी डॉक्टर केए अब्बासी को पूछताछ और बयान दर्ज कराने के लिए ATS ने लखनऊ तलब किया, लेकिन वह नहीं गए। उन्होंने ATS मुख्यालय को ईमेल भेजकर नोटिस का जवाब दिया है। धारा-160 CRPC का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। ऐसे में वे लखनऊ जाकर बयान दर्ज कराने में असमर्थ हैं। इसके बाद वह अपना बयान दर्ज कराने गोरखपुर स्थित ATS दफ्तर पहुंचे, लेकिन यहां संबंधित अधिकारी के नहीं होने से फिलहाल उनका बयान दर्ज नहीं हो सका है।

मुर्तजा से इन सात सवालों का जवाब चाहती है ATS
1.जब मुर्तजा मानसिक रूप से बीमार था, तो उसे बाहर क्यों जाने दिया गया ?
2.बचपन से ही मुर्तजा बीमार था, तो उसे मुंबई जैसे शहर में अकेले क्यों छोड़ा गया ?
3.दो अप्रैल को मुर्तजा को तलाश करने एटीएस पहुंची तो परिवार ने सूचना क्यों नहीं दी?
4.पुलिस के डर से मुर्तजा भागकर नेपाल चला गया, तो उसकी गुमशुदगी दर्ज क्यों नहीं कराई गई?
5.परिवार को पता था कि मुर्तजा साइको है तो उसे किस आधार पर देशभर में हवाईयात्रा करने अकेले भेजा?
6.परिवार में सबसे अलग रहने वाले मुर्तजा की एक्टिविटी के बारे में कभी जानने की कोशिश क्यों नहीं की?
7.मुर्तजा घर में सभी चीजों को पटककर तोड़ देता था, तो उसे महंगा लेपटॉप, कीमती मोबाइल और तीन एयरगन क्यों दिलाए?

मुर्तजा की किताब के ये सात आतंकी कोड हुए डीकोड
1.उड़ान: देश में या देश के बाहर फोन पर बात करते समय फ्लाइट को अरबी में rihlat tayaran (रिहलत तयारान) बोला जाता था। इसका मतलब उड़ान होता है। मुर्तजा ने किताब में इस शब्द को मार्कर से हाईलाइट किया था।
2.संघर्ष: मुर्तजा का ब्रेनवॉश करने के लिए अरबी के aljihad (अलजिहाद) शब्द का प्रयोग होता था। किताब में इस शब्द को भी मार्क किया है ताकि हर वक्त याद रहे। इसे इस्लामी हुकूमत के लिए संघर्ष करने से समझा जाता है।
3.आकाश: मुर्तजा को फिदायीन बनाने के लिए उसे जन्नत के बारे में जानकारी दी जाती थी। अरबी शब्द sama (समाउन) को उसकी किताब में हाईलाइट किया गया है। इस शब्द का मतलब आकाश होता है।
4.अब्दुल्ला: मुर्तजा को जिहाद के रास्ते पर ले जाने वाले बातचीत में उसका नाम न लेकर उसे अरबी के eabd allah यानी अब्दुल्ला कहकर बुलाते थे। इस शब्द का मतलब अल्लाह का बंदा होता है।
5.मेहमान: मुर्तजा से मिलने के लिए जब भी कोई बाहरी आता था तो उसे पहले इसकी जानकारी दी जाती थी। इसके लिए अरबी में dayf (दइफुन) बोला जाता था जिसका मतलब मेहमान होता है।
6.बख्शीश: मुर्तजा के साथ जब भी फंडिंग से संबंधित कोई बातचीत होती थी तो उसको अरबी में संदेश जाता था कि बख्शीश यानी फंडिंग भेज दी गई है। bikhashish शब्द का संदेश मुर्तजा को मिलता, जिसका मतलब पैसा पहुंच गया।
7.खटमल: मुर्तजा से बातचीत में पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को खटमल बोला जाता था। उसे अलर्ट करने के लिए अरबी में baq alfirash (बक अलफिराशी) शब्द का प्रयोग होता था, जिसका मतलब होता है कि खटमल आसपास हैं।

 

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