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अमेरिका-कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों के निशाने पर फिर हिंदू मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर के बाद अब कैलिफोर्निया में शेरावाली मंदिर को बनाया निशाना, दीवारों पर लिखे खालिस्तान समर्थक नारे

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अमेरिका में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। खालिस्तानियों ने 14 दिन में दूसरी बार हिंदू मंदिर को निशाना बनाकर भारत विरोधी नारे लिखे हैं। कैलिफोर्निया स्थित हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने जानकारी दी है कि हाल ही में कैलिफोर्निया के स्वामी नारायण मंदिर पर भी हमला हुआ था और उस दौरान भी मंदिर पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। कनाडा में भी हाल के समय में कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है। खालिस्तानी आतंकवाद की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए जयपुर में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के सम्मेलन में भी आतंकवाद विरोधी, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियों और वामपंथी उग्रवाद जैसे विशिष्ट विषयों पर विचार मंथन होगा।

कैलिफोर्निया में कई हिंदू मंदिरों को बनाया जा रहा है निशाना
कैलिफोर्निया के ताजा मामले में बे एरिया में स्थित हिंदू मंदिर ‘शेरावाली मंदिर’ पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं। कुछ ही दिन पहले कैलिफोर्निया के शिव दुर्गा मंदिर में चोरी की घटना हुई थी। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन भी मंदिर समिति से जुड़े लोगों के संपर्क में है। घटना की पुलिस में शिकायत की गई है। कैलिफोर्निया के स्वामी नारायण मंदिर पर हमले की अमेरिका के विदेश विभाग ने निंदा की थी। बयान में कहा गया था कि ‘हम कैलिफोर्निया में हिंदू मंदिर श्री स्वामीनारायण मंदिर पर हमले की निंदा करते हैं। साथ ही हम नेवार्क पुलिस विभाग द्वारा दोषियों को जवाबदेह ठहराने की कोशिशों की भी तारीफ करते हैं।’

अमेरिकी मंदिरों पर हुए हमले के पीछे खालिस्तान समर्थकों का हाथ
कैलिफोर्निया में दोनों मंदिरों पर हुए हमले के पीछे खालिस्तान समर्थकों का हाथ माना जा रहा है। भारत ने भी विदेशों में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों की निंदा की। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हमलों और भारत विरोधी नारे लिखने की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि कट्टरपंथी और भारत विरोधी तत्वों को भारत से बाहर छूट नहीं मिलनी चाहिए। भारत के अमेरिका में राजदूत ने भी इन घटनाओं को लेकर अमेरिका सरकार के सामने शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल अभी तक दोनों मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि हाल के समय में भारत के बाहर हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने का चलन बढ़ा है।

स्वामी नारायण मंदिर को नुकसान, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी की निंदा
इससे पहले दिसंबर में खालिस्तान समर्थकों ने कैलिफोर्निया के नेवार्क में स्वामीनारायण मंदिर को नुकसान पहुंचाया था। हिंदू मंदिर की बाहरी दीवार को भारत विरोधी नारों से विकृत कर दिया गया था। नेवार्क पुलिस बर्बरता की जांच कर रही है। इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने कैलिफोर्निया में श्री स्वामीनारायण मंदिर में हुई तोड़फोड़ की निंदा की थी। विभाग ने नेवार्क पुलिस विभाग के कार्यों को सराहा था और जिम्मेदार लोगों पर तेजी से कार्रवाई की बात कही। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा, “हम कैलिफोर्निया में श्री स्वामीनारायण मंदिर हिंदू मंदिर की बर्बरता की निंदा करते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए नेवार्क पुलिस विभाग के प्रयासों का स्वागत करते हैं कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’

कट्टरपंथी और अलगाववादी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं- जयशंकर प्रसाद
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका में हिंदू विरोधी घटनाओं पर कहा है कि कट्टरपंथी, अलगाववादी और ऐसी किसी भी ताकत को बिल्कुल भी जगह नहीं दी जानी चाहिए। अमेरिका में हमारे वाणिज्य दूतावास ने इस मामले पर सरकार से शिकायत की है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।” बताया गया है कि जिस मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया है, वह वॉशिंगटन डीसी से 100 किमी दूर स्थित है। हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन की तरफ से सोशल मीडिया पर साझा तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि इस मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। इतना ही नहीं मंदिर के बोर्ड पर भी भारत-विरोधी चित्रकारी की गई है। हिंदू-अमेरिकी संस्थान ने इस घटना की हेट क्राइम (नफरती अपराध) के तौर पर जांच की मांग की है।

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में भी खालिस्तानियों के निशाने पर हैं हिंदू मंदिर
कनाडा में भी कई हिंदू मंदिरों को ऐसे ही निशाना बनाया गया है। गौरतलब है कि उत्तरी अमेरिका और कनाडा में सक्रिय कुछ खालिस्तान समर्थक संगठन लगातार हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। खासकर कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में इसी साल अगस्त में स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। मंदिर के गेट पर खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर लगा दिए गए, जिन पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की भी तस्वीर लगी है। पोस्टर में लिखा गया था कि ‘कनाडा 18 जून की हत्या की घटना में भारत की भूमिका की जांच कर रहा है।’ मंदिर में हुई घटना को लेकर सैन फ्रैंसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बयान जारी किया। इसमें घटना की कड़ी निंदा की गई। दूतावास ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारतीय समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली हैं। हमने मामले में जल्द से जल्द जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।पीएम का वर्तमान में सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही भविष्य की चुनौतियों पर फोकस
मोदी सरकार विदेशों में भी रह रहे हिंदुओं के जान-ओ-माल की सुरक्षा के प्रति कृतसंकल्पित है। ऐसी घटनाओं के मद्देनजर ही जयपुर में हो रहे पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के तीन दिवसीय सम्मेलन में खालिस्तानी आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर में आतंकी समूहों की गतिविधियों को प्रमुख मुद्दों में शामिल किया गया है। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए गृहमंत्री अमित शाह आज (5जनवरी) को जयपुर पहुंच गए। उनकी अगवानी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की। पीएम मोदी भी देर शाम तक राजधानी पहुंच जाएंगे। सम्मेलन में सभी बाहरी और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए, इस पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा। बता दें कि 2013 तक यह वार्षिक बैठक नई दिल्ली में आयोजित होती थी। इसके बाद मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी लेते रहे हैं। जहां एक ओर पहले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्रियों की महज सांकेतिक उपस्थिति हुआ करती थी, वहीं दूसरी ओर अब प्रधानमंत्री इस सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में उपस्थित रहते हैं। प्रधानमंत्री न केवल सभी जानकारियों एवं सुझावों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित भी करते हैं, ताकि नए-नए विचार सामने आ सकें।

 

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