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Delhi Liquor Scam की अनंत कथा में ईडी का दावा- सीएम केजरीवाल और सिसोदिया को के.कविता ने 100 करोड़ दिए, मुख्यमंत्री पर शिकंजा तेज होगा, जल बोर्ड घोटाले में भी पेश नहीं हुए केजरीवाल

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दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों को कड़ी से कड़ी जोड़ने पर इसके तार सुदूर तेलंगाना से जुड़े मिले। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रहे के.चंद्रशेखर राव की बेटी और साउथ ग्रुप नाम की शराब लॉबी की मुख्य लीडर के.कविता पर दिल्ली के आप नेताओं को सौ करोड़ रुपये देने के प्रमाण प्रवर्तन निदेशालय की टीम को मिले हैं। इससे ईडी से एक ही मामले में नौ समन पा चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। CBI ने कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरंतला को गिरफ्तार किया। ईडी ने भी बुचीबाबू से पूछताछ की थी। फिर ईडी ने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को 7 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया। पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी ‘इंडोस्पिरिट्स’ को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली। कविता ने दिल्ली के आप नेताओं के साथ मिलकर घोटाले की साजिश रची
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार BRS नेता के.कविता ने ED के समन के खिलाफ अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। कविता 23 मार्च तक ED की रिमांड में भेज दी गई हैं। जांच एजेंसी को पड़ताल में यह तथ्य मिले हैं कि के.कविता ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के निर्माण और लागू करने में लाभ पाने के लिए AAP के सीनियर लीडर्स के साथ साजिश रची। एजेंसी का दावा है कि इसके लिए दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। कविता ने 18 मार्च को अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। याचिका वापस लेने के बाद उनके वकील ने कहा के वे कानून के अनुसार ही मामले से निपटने के लिए जरूरी नियमों का सहारा लेंगे।प्रवर्तन निदेशालय का दावा- एहसान के बदले 100 करोड़ का भुगतान
प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि के.कविता को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी बनाने और लागू करने में AAP नेताओं की मदद मिली। इस एहसान के बदले उन्हें 100 करोड़ रुपए का भुगतान के.कविता ने किया है। एजेंसी का कहना है कि मामले की जांच के दौरान इन बातों का पता चला है। जांच एजेंसी का कहना है कि शराब के होलसेलर्स के जरिए आम आदमी पार्टी के लिए रिश्वत ली गई थी। इसके अलावा कविता और उसके सहयोगियों को AAP को अग्रिम भुगतान की गई राशि की वसूली करनी थी। उन्हें प्रॉफिट कमाना था। ईडी ने कहा है कि 23 मार्च तक सात दिन की रिमांड में के.कविता से इस मामले में पूछताछ की जाएगी। इस मामले में ED ने अब तक दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और अन्य स्थानों सहित देश भर में 245 स्थानों पर रेड मारी है।साल 2023 में कविता को भेजे गए थे तीन समन, इस साल 2 भेजे
शराब घोटाले के मामले में अब तक AAP के मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और विजय नायर समेत कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एजेंसी अब तक 5 सप्लिमेंट्री कंप्लेंट और एक प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल कर चुकी है। साथ ही अपराध से प्राप्त आय में से अब तक 128.79 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता लगाया गया है। इसे 24 जनवरी 2023 और 3 जुलाई 2023 के वाइड प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के जरिए से अटैच किया गया है। ईडी ने शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए कविता को साल 2023 में 3 समन भेजे थे। इस साल 2 समन भेजे गए, लेकिन उन्होंने SC की कार्रवाई का हवाला देते हुए पेश होने से इनकार कर दिया।दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले में कविता का नाम कब आया?
दिल्ली शराब घोटाले केस में ईडी ने गुरुग्राम से कारोबारी अमित अरोड़ा को 30 नवंबर, 2022 में गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक अमित ने अपने बयानों में TRS नेता के. कविता के नाम का लिया था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि कविता ‘साउथ ग्रुप’ नाम की एक शराब लॉबी की एक मुख्य लीडर थीं। उन्होंने विजय नायर के माध्यम से दिल्ली में AAP सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया। फरवरी 2023 में CBI ने कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरंतला को गिरफ्तार किया। ईडी ने भी बुचीबाबू से पूछताछ की थी। फिर ईडी ने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को 7 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया। पिल्लई ने पूछताछ में बताया था कि कविता और आम आदमी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिससे कविता की कंपनी ‘इंडोस्पिरिट्स’ को दिल्ली के शराब कारोबार में एंट्री मिली।साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का है ग्रुप
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक पिल्लई ने ये भी बताया कि एक मीटिंग हुई थी, जिसमें वो, कविता, विजय नायर और दिनेश अरोड़ा मौजूद थे। इस मीटिंग में दी गई रिश्वत की वसूली पर चर्चा हुई थी। साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का ग्रुप है। इसमें अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर सरथ रेड्डी, वाईएसर कांग्रेस के लोकसभा सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल थे। इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था। तीनों को ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए हैं।

शराब घोटाला मामला: अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक 15 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, विजय नायर, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं।केजरीवाल को शराब घोटाले में नौवां और जल बोर्ड घोटाले में पहला समन
दिल्ली में एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। शराब घोटाले के बाद अब दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला सुर्खियों में है। इन दोनों घोटालों की आंच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक आ चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में नौवां और जल बोर्ड घोटाले में पहला समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। लेकिन अरविंद केजरीवाल इन दोनों समन पर ईडी कार्यालय में पेश नहीं हुए। शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के कई मंत्री जेल में बंद हैं। वहीं दूसरी तरफ जल बोर्ड में टेंडर बांटने में गबन का आरोप लग रहा है। इसी मामले में ईडी दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।जल बोर्ड घोटाला: ठेके का मूल्य 38 करोड़, खर्च किए 17 करोड़ बाकि का गबन
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया। ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे। कथित तौर पर जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। यह ठेका इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फ्लो मीटर्स की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत के लिए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पक्ष लिया। ईडी ने इस मामले में गत 31 जनवरी को जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। उधर ईडी ने मामले से जुड़ी मनी ट्रेल की जांच करते हुए आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को अनुबंध दिए जाने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खाते में रिश्वत प्राप्त हुई थी। यह पैसा अलग-अलग पार्टियों को देने का आरोप लगाया गया। वहीं आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के तौर पर भी पैसा दिया गया। बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और अन्य लोगों के यहां छापेमारी की थी।

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