Home समाचार ये नया भारत है! सूरत में बनी दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस...

ये नया भारत है! सूरत में बनी दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग, पेंटागन को छोड़ दिया पीछे

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आज तरीक्के के नित नए प्रतिमान गढ़ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गई। भारत दुनिया का सबसे आकर्षक मैन्यूफैक्चरिंग हब बन गया है। पीएम मोदी ने देशवासियों में ऐसा आत्मविश्वास जगाया है कि अब वे छोटी सफलताओं से खुश नहीं होते। अब वे कुछ बड़ा करना चाहते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के नाम दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट का रिकार्ड दर्ज हो चुका है। इसी से प्रेरणा लेकर अब गुजरात के सूरत में दुनिया में सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग बनी है। अभी तक यह खिताब अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय भवन पेंटागन का नाम था। इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी काम करते थे। लेकिन अब सूरत में बने सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज ने अमेरिका के पेंटागन को पीछे छोड़ दिया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग बन गई है और यहां पर 65 हजार कर्मचारी एक साथ काम करेंगे। इस तरह रिकार्ड बुक में भारत नाम दर्ज होता जा रहा है और देश का नाम रोशन हो रहा है।

सूरत की डायमंड एक्सचेंज दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग
गुजरात का सूरत शहर वैसे तो अपने डायमंड कारोबार के लिए जाना जाता है लेकिन अब सूरत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सूरत में 4 साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज ने अमेरिका के पेंटागन को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर ये बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है।

‘वन स्‍टॉप डेस्टिनेशन’ के रूप में बनाया गया सूरत डायमंड बोर्स
इस शानदार बिल्डिंग का नाम सूरत डायमंड बोर्स रखा गया है। दुनिया के जेम कैपिटल के रूप में प्रसिद्ध सूरत की इस इमारत को ‘वन स्‍टॉप डेस्टिनेशन’ के रूप में बनाया गया है। इस बिल्डिंग को कुल 15 मंजिला बनाया गया है जो 35 एकड़ में फैली हुई है। इसमें हीरे के व्यापार से जुड़े पॉलिशर्स, कटर्स और व्यापारी सभी के लिए सुविधाएं प्रदान की गई है।

नौ आयताकार स्ट्रक्चर के रूप में बनाई गई बिल्डिंग
इस बिल्डिंग को नौ आयताकार स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया है और यह सभी एक दूसरे से सेंट्रल स्पाइन के रूप में जुड़े हुए हैं। इस बिल्डिंग को बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि इसमें कुल 71 लाख वर्ग फुट से ज्यादा की जमीन है। इस शानदार बिल्डिंग को बनने में चार साल का वक्त लगा है।

डायमंड एक्सचेंज में 65 हजार कर्मचारी एक साथ काम करेंगे
सूरत की डायमंड एक्सचेंज बिल्डिंग में 65000 डायमंड कर्मचारी काम करेंगे। इनमें डायमंड प्रोफेशनल्स, कटर्स, पॉलिशर्स और ट्रेडर्स शामिल हैं। सूरत में दुनिया के 90 फीसदी हीरे तराशे जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी नवंबर में करेंगे इमारत का उद्घाटन
बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर 2023 में इस इमारत का आधिकारिक उद्घाटन करेंगे। एसडीबी वेबसाइट के अनुसार, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में एक मनोरंजन क्षेत्र और पार्किंग क्षेत्र है जो 20 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है।

बिल्डिंग में 131 एलिवेटर्स और अन्य सुविधाएं
इस बिल्डिंग में 131 एलिवेटर्स और दूसरी फैसिलिटीज़ भी हैं। इस प्रोजेक्ट के सीईओ महेश गढ़वी का कहना है कि मुंबई से आने वाले हजारों कर्मचारियों को इससे मदद मिलने वाली है। ये लोग ट्रेन से मुंबई और सूरत के बीच चक्कर लगाते हैं लेकिन अब इस एक्सचेंज के खुलने के बाद इन लोगों को इससे राहत मिलेगी।

इमारत बनने से पहले कई लोगों ने ऑफिस खरीदे
सूरत डायमंड एक्सचेंज यानि SDB एक गैर-लाभकारी एक्सचेंज है, जो कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत कंपनी है। ये बिल्डिंग सूरत और गुजरात में डायमंड बोर्स की स्थापना और प्रचार के लिए बनाई गई है। महेश गढ़वी ने बताया कि पेंटागन को पछाड़ना उनके उद्देश्य का हिस्सा नहीं था बल्कि परियोजना का आकार मांग से तय होता है। उन्होंने बताया कि इमारत बनने से पहले कई लोगों ने यहां ऑफिस भी खरीद लिए हैं। एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता के बाद भारतीय आर्किटेक्ट कंपनी मॉर्फोजेनेसिस (Morphogenesis) ने इस इमारत का डिजाइन तैयार गया था।

भारत में बने दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस की खास बातें
# 15 मंजिल की डायमंड बोर्स बिल्डिंग 35 एकड़ भूमि में फैली हुई है। इसमें नौ आयताकार संरचनाएं भी बनी हैं जो एक केंद्र से आपस में जुड़ी हैं।
# इस खास बिल्डिंग का निर्माण करने वाली कंपनी के अनुसार, इसमें 7.1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक फर्श की जगह मौजूद है।
# मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बिल्डिंग को इस साल के अंत नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधिकारिक तौर पर खोला जाएगा।
# इस ऑफिस में 7.1 मिलियन वर्ग फुट का फर्श स्थान भी है, जो इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन से बड़ा बनाता है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत किस तरह एक के बाद एक रिकार्ड कायम कर रहा है उस पर एक नजर-

हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म भारत के कर्नाटक राज्य के हुबली में है, जिसकी कुल लम्बाई 1,505 मीटर है। इससे पहले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म था जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है लेकिन अब यह प्लेटफार्म दूसरे नंबर पर आ गया है। हुबली रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म है। इसकी लंबाई 1507 मीटर है। यानी यह डेढ़ किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। पीएम मोदी ने 12 मार्च 2023 को इस प्लेटफॉर्म को देश को समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन का पूरा नाम सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन है। कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है। यह भारतीय रेलवे में दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन का जंक्शन है। पीएम मोदी ने इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित किया है।

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्राह्मणों ने मंत्रों का जाप भी किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।

विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इसका उद्घाटन 2020 में किया गया और इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम को 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है। इस मैदान में 76 कार्पोरेट बॉक्स, 4 ड्रेसिंग रूम के अलावा 3 प्रेक्टिस ग्राउंड भी बनाया गए हैं। एक साथ 4 ड्रेसिंग रूम वाला यह दुनिया का पहला स्टेडियम हैं, बारिश का पानी को बाहर निकलने के लिए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया हैं, जिसके चलते यहां बारिश बंद होने के आधे घंटे के भीतर मैच मैच शुरू किया जा सकता है।

विश्व की सबसे लंबी सुरंग- अटल सुरंग
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। यह सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी 4 से 5 घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया इसका उद्घाटन किया था। यह देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 10 हजार फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में प्रमाणित किया गया है।

चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला। निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्‍वर डैम पर
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्वर डैम पर बनाया जा रहा है। दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगेंगे। हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा। इस प्लांट से बिजली के अलावा कई फायदे होंगे। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा।

Leave a Reply