दुनिया में सौ साल में आई इस सबसे खतरनाक महामारी कोविड-19 ने जब दस्तक दी थी, तब इससे लड़ने का तरीका तक मालूम नहीं था। पीपीई किट और एन 95 मास्क जैसी चीजों का भारत में न के बराबर ही उत्पादन होता था। पीएम मोदी के आठ साल के कार्यकाल की भी यह सबके बड़ी आपदा थी। जब दुनिया कोरोना के चलते त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही थी, उस मुश्किल वक्त में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘जान है तो जहान है’ और ‘जान भी, जहान भी’ के मंत्रों के साथ भारत ने कोविड का डटकर मुकाबला किया। पीएम मोदी की कुशल रणनीति, विजन, दूरदृष्टि, अटल इरादों और अनथक प्रयासों का ही सुपरिणाम है कि भारत ने अपने करोड़ों नागरिकों को कोरोना से लड़ने का सुरक्षा कवच देने में तेजी से सफलता हासिल की। इतना ही नहीं, भारत 98 देशों में भी करोड़ों लोगों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर मददगार की भूमिका में भी है। पीएम मोदी के विजन और रणनीति से भारत के कोरोना की जंग जीतने से दुनिया चमत्कृत है और मुक्त कंठ में भारत सरकार के प्रयासों की तारीफ कर रही है। हाल ही में जापान में क्वाड शिखर बैठक में विश्व के नेताओं ने एक बार फिर भारत की एक स्वर से प्रशंसा की है।
पीएम मोदी के अनथक प्रयासों से आठ माह में दो-दो वैक्सीन भारत को मिल गईं
कोविड महामारी से लड़ने के लिए भारत के प्रयासों की बात करें तो इसकी दस्तक के साथ ही भारत ने जहां सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया, वहीं दूसरी ओर अपने स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही इस बीमारी से लड़ाई की जोरदार तैयारियां शुरू कर दीं। अप्रैल 20 में वैक्सीन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया। बजट में 35000 करोड़ रुपये वैक्सीन के शोध और विकास के लिए रखे गए। पीएम केयर्स फंड बनाकर कोविड के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया गया। मात्र आठ माह में ही न केवल दो-दो वैक्सीन भारत को मिल गईं, बल्कि इनके भंडारण, परिवहन, खरीद, कोल्ड चेन से लगाने तक की पूरी रूपरेखा बनाकर 16 जनवरी 2021 से विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया गया।
जन्मदिन पर एक दिन में 2.5 करोड़ वैक्सीन लगाने का कीर्तिमान कोई देश नहीं तोड़ पाया
पीएम मोदी के कार्यकाल की आठ साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों की बात करें तो उनमें कोविड महामारी के खिलाफ जंग प्रमुख है। इस जंग के तहत पीएम मोदी के नेतृत्व में हर घर दस्तक और सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन जैसे अभियान चलाकर भारत ने रिकॉर्ड समय में अधिकतम लोगों तक वैक्सीन पहुंचाई। साथ ही टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट की रणनीति के साथ कोविड जैसी भयंकर महामारी के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी। पीएम मोदी के जन्मदिन पर एक दिन में 2.5 करोड़ वैक्सीन लगाने का कीर्तिमान बनाया गया, जिस तक दुनिया का कोई देश कभी नहीं पहुंच पाया। कोविड के खिलाफ प्रत्येक अभियान की समीक्षा खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। हाल ही में 27 अप्रैल को एक बार फिर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में उन्होंने कोविड के नए मामलों की समीक्षा की थी।
विपक्ष ने वैक्सीन पर भी सियासत की, पर 100 करोड़ का जादुई आंकड़ा कम समय में छूआ
भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन के जादुई आंकड़े को बहुत कम समय में पार कर करोड़ों देशवासियों को वैश्विक महामारी से सुरक्षा कवच मुहैया कराया। कोरोना की शुरुआत में जब दुनिया के पास भी वैक्सीन ही नहीं थी, तब यह लक्ष्य बेहद दुरूह नजर आता था। महामारी के बीच में ही मोदी की देशभक्ति, दूरदृष्टि और अटल इरादों ने करोड़ों भारतीयों को कोरोना से सुरक्षा कवच के रूप में वैक्सीन दी। हालांकि विपक्ष ने अपनी आदत के अनुसार इस नेक प्रयास में भी रोड़े अटकाने का काम किया। वैक्सीन पर सियासत की। बीजेपी की वैक्सीन बताया गया। लेकिन पीएम मोदी वैक्सीन बनाकर विश्व कल्याण के एकमेव लक्ष्य से आगे बढ़ते चले गए। लगातार प्रयासों से भारत में अब तक 192.67 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। 12 से 14 आयु वर्ग में भी 3.31 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। भारत जल्द ही 200 करोड़ वैक्सीन का आंकड़ा छू लेगा।
आइये सिलसिलेवार तरीके से तारीखों और प्रमाणों के साथ जानते हैं कि कोरोना की काली छाया पड़ने के बाद वैक्सीन बनाने, बहु-विविधता वाले देश में सुदूर गांवों तक पहुंचाने और वैक्सीनेशन का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने की दिशा में पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कैसे बढ़ाए कदम…
विश्व कल्याण के एकमेव लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते चले गए
Under Narendra Modiji’s vision for improving health care in #India, many hurdles that vaccine manufacturers faced have been cleared leading to a never before seen development cycle for the #COVIDー19 vaccine @PMOIndia @TimesNow @navikakumar https://t.co/qEesy1QuIu
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) April 29, 2020
5 मई 2020
वैक्सीन टास्क फ़ोर्स की बैठक। भारत में ही वैक्सीन निर्माण का फैसला। वैक्सीन निर्माण की सारी बाधाओं को हटाने का रास्ता साफ। कच्चे माल और जरूरी नियमों के पालन के लिए दूसरे राष्ट्रों और वैश्विक संस्थाओं से बातचीत का दौर शुरू।
Chaired a meeting on the Task Force on Corona Vaccine Development, Drug Discovery, Diagnosis and Testing. https://t.co/CPTSFBMeBM
— Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2020
17 मई 2020
अप्रूवल या अन्य किसी भी तरह की बाधाएं वैक्सीन के रिसर्च और उत्पादन में रोड़ा ना डाल सकें। उसके लिए पूरा सिस्टम दुरुस्त किया गया। वैक्सीन उत्पादक और रिसर्च करने वाली कम्पनियों की सारी परेशानियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब कुछ सीधा अपनी ही देखरेख में ले लिया।
Thanks to your speedy and timely approvals, @narendramodi ji, India will have a made-in-India vaccine for a made-in-China virus.@PMOIndia @PiyushGoyal @MoHFW_INDIA @drharshvardhan https://t.co/NN8trkQdrx
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) May 17, 2020
13 जून 2020
पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका के बीच अपने उत्पाद का निर्माण करने के लिए एक करार हुआ। विशेष रूप से भारत और गावी देशों के लिए सालाना एक अरब वैक्सीन का। ताकि सभी भारतीयों तक वैक्सीन यथाशीघ्र पहुंचाई जा सके।
We finally have a deal signed with @AstraZeneca, to exclusively manufacture their product for India and @gavi countries, up to a billion doses annually. This will ensure supply and access to all Indians. https://t.co/i35Cq3AaLr
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) June 13, 2020
30 जून 2020
अभी वैक्सीन पर रिसर्च ही चल रही थी, इससे पहले ही 140 करोड़ की जनसँख्या वाले इतने बड़े देश में वैक्सीन की पहुँच हर व्यक्ति तक सुगम हो। इसके लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने जनता को वैक्सीन लगाने सम्बन्धी प्रक्रिया, टेक्नोलॉजी इत्यादी पर मंथन किया। तय हुआ कि कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस और सेना के जवानो, अन्य फ्रंट लाइन कर्मचारी और बुजुर्गो को है, अतः उनको प्राथमिकता देते हुए टीकाकरण का प्लान बनाया जाए।
ये भी निर्णय किया गया कि उत्पादन से लेकर प्रत्येक भारतीय के टीकाकरण तक की निगरानी के लिए technology का प्रयोग किया जाए। CoWIN एप्प की उत्पत्ति इसी के चलते हुई । जनवरी से मार्च तक 30 करोड़ वैक्सीन डोज़ के उत्पाद और वितरण का खाका तैयार किया गया और वैक्सीन को नाम मिला कोविशील्ड। दूसरी ओर आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने भी कौवैक्सीन के निर्माण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
Another update… https://t.co/FfK12Vsdjy
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) July 21, 2020
12 अगस्त 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर COVID-19 (NEGVAC) का गठन किया। वैक्सीन को देश के हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, सप्लाई चेन के लिए पूरा विचार विमर्श हुआ और भविष्य की रूपरेखा तैयार की गयी।
15 अक्टूबर 2020
थोक में वैक्सीन की खरीद, सप्लाई चेन और उसके उपकरण की खरीद और उपयोग का पूरा प्लान तैयार हो चुका था. इसके साथ ही केंद्र सरकार किस तरह से वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को सहयोग आगे बढ़ाएगी, उसकी भी आगे की रूपरेखा निर्धारित हुई।
Reviewed aspects relating to research and vaccine development during a meeting earlier today. Reiterated GOI support for the vaccine development eco-system, which has been working tirelessly over the past few months. https://t.co/TwjO6Z8iJV
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2020
17 अक्टूबर 2020
कोल्ड स्टोरेज चेन, वितरण नेटवर्क और प्रणाली, मोनिटरिंग कार्यप्रणाली एडवांस असेसमेंट और अन्य उपकरणों की जरुरत के हिसाब से खरीद और उपयोग के लिए विचार विमर्श हुआ। 20 नवम्बर को देश की जनसँख्या में किसको, कब वैक्सीन लगाई जाएगी। technology प्लेटफार्म और कोल्ड स्टोरेज के सही उपयोग की प्रणाली की समीक्षा हुई।
Held a meeting to review India’s vaccination strategy and the way forward. Important issues related to progress of vaccine development, regulatory approvals and procurement were discussed. pic.twitter.com/nwZuoMFA0N
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2020
28 नवम्बर 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में बनने वाली वैक्सीन के तीनों प्लांट पर हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे पहुंचे और हर तैयारी का खुद निरीक्षण किया और जायजा लिया। इससे रात दिन मेहनत कर रहे हमारे वैज्ञानिको में एक नए उत्साह का संचार हुआ।
Had a good interaction with the team at Serum Institute of India. They shared details about their progress so far on how they plan to further ramp up vaccine manufacturing. Also took a look at their manufacturing facility. pic.twitter.com/PvL22uq0nl
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2020
7 दिसंबर 2020
कोविशील्ड के अप्रूवल के लिए एप्लीकेशन डाली गयी। इसके बाद दिसंबर में ही वैक्सीन और उससे सम्बंधित सप्लाई चेन और अन्य उपकरणों को विस्तार से ड्राई रन किया गया।
इस तरह ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ने दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना वैक्सीन कोविडशील्ड बनाई। भारत में पहली बार कोवैक्सीन नाम से स्वदेशी वैक्सीन विकसित की गई। आज विश्व के सभी देश इस वैक्सीन को मान्यता दे चुके हैं। इसे भारत की ICMR और भारत बायोटेक ने मिलकर तैयार किया।
16 जनवरी 2021
भारत में विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। यह मुफ्त टीकाकरण अभियान है। भारत ने विश्व में सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए स्वदेश में ही CO-win सॉफ्टवेयर विकसित किया, जिसे विश्व में सभी देशों की मांग पर Open Source कर दिया गया है।
10 अप्रैल 2021
भारत ने 85 दिनों में ही 10 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया जो विश्व में सबसे तेज गति का टीकाकरण रहा, इससे पहले चीन को 89 दिन और अमेरिका को 102 दिनों का समय लगा। टीकाकरण के लिए उपयोग में आने वाले सिरिंज का सबसे बड़ा विश्व में उत्पादक भारत है।
17 सितंबर 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के मौके पर देश में कोरोना टीकाकरण के सारे कीर्तिमान टूट गए हैं। इस दिन रिकॉर्ड 2.50 करोड़ से अधिक टीके लगाए गए। भारत की इस उपलब्धि ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया, जिसने एक दिन में करीब 2.47 करोड़ टीके लगाए थे।
21 अक्टूबर 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन, दूरदृष्टि और अटल इरादों के साथ आज देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार कर लिया। एक सदी में आई सबसे बड़ी महामारी का मुकाबला करने के लिए अब देशवासियों के पास 100 करोड़ डोज का मजबूत सुरक्षा कवच था। देशवासियों को तीसरी लहर के कहर से इसी वैक्सीनेशन ने बचाया।
22 नवंबर 2021
केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह के मुताबिक भारत ने 22 नवंबर तक 95 देशों को कोविड-19 की करीब 7.07 करोड़ खुराकों की आपूर्ति कर दी थी। इनमें से भारत सरकार ने 47 देशों को 1.27 करोड़ खुराकें दीं। बाकी की 5.8 करोड़ खुराकों की आपूर्ति सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने व्यावसायिक और कोवैक्स वादों के तहत की। नवंबर के बाद तीन और नए देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की गई है।3 जनवरी 2022
कोरोना के बाद ओमिक्रोन संक्रमण का कहर भी कई देशों में तेजी से फैला। इसके बढ़ते खतरे के बीच भारत सरकार ने 15 से 18 वर्ष आयु के युवाओं को संक्रमण से बचाने के लिए तीन जनवरी से विशेष टीकाकरण अभियान शुरू किया। किशोर और युवाओं को वैक्सीनेशन से अभिभावकों में विश्वास जागा। इसके बाद स्कूल-कालेजों में पहले की तरह ऑफलाइन पढ़ाई सुनिश्चित हुई।7 जनवरी 2022
इस दिन भारत ने कोरोना टीकाकरण के मामले में मील का पत्थर हासिल किया। देश में 150 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन का आंकड़ा पार हुआ। इसके साथ ही देश में 62 करोड़ से ज्यादा लोगों को पूर्ण टीकाकरण भी हो गया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। दुनिया के अधिकतर देशों के लिए ये आश्चर्य से कम नहीं। भारत के लिए ये नई इच्छा शक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखती है।
16 मार्च 2022
पीएम मोदी की लगातार निगरानी और समीक्षा से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जेट स्पीड से चला। देश में 16 मार्च से 15 साल से छोटे बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने तब ट्वीट इसकी जानकारी दी थी कि 16 मार्च से 12, 13 और 14 साल के बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी। इस आयुवर्ग के बच्चों की अनुमानित संख्या 7.5 करोड़ के आसपास है।
कोविड के खिलाफ लड़ाई में भारत के महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पड़ाव
- भारत आज पीपीई किट और एन 95 मास्क का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 48 देशों को हम पीपीई किट सप्लाई कर रहे हैं।
- 2020 में जब भारत में पहला कोविड केस सामने आया था, तब इसकी जांच के लिए देश में केवल एक लैब होती थी। अब 3360 लैब में जांच हो रही है।
- Co-WIN डिजिटल प्लेटफार्म के माध्मम से सुलभ पंजीकरण। देशभर में 4143 नए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट। इमरजेंसी रिस्पांस पैकेज के अंतर्गत 631 जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट।
- 189.23 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं 2 मई तक। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश है।
- 27 अप्रैल 2022 तक 96 प्रतिशत वयस्कों को खुराक का कम से कम एक टीका लगाया जा चुका है।
- इसके अलावा 15 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 85 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
- साथ ही 26 अप्रैल 2022 को 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन के टीके की अनुमति दे दी गई है।
- भारत में अब तक 192.67 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। 12 से 14 आयु वर्ग में भी 3.31 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। भारत जल्द ही 200 करोड़ वैक्सीन का आंकड़ा छू लेगा।