धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की जनता-जनार्दन जम्हूरियत का जोरदार जश्न मना रही है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग में कभी आतंकवाद का गढ़ रहे दक्षिण कश्मीर में मतदान के सारे रिकॉर्ड टूट गए। तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ही जम्मू-कश्मीर की जनता ने यहां के लोकतांत्रिक इतिहास में नई इबारत लिख दी। पहले फेज के तहत करीब 60 प्रतिशत वोटिंग हुई। यह आंकड़ा पिछले 7 चुनावों में सबसे ज्यादा है। इसके मायने साफ हैं कि जम्मू-कश्मीर की जनता आर्टिकल-370 के खात्मे से न सिर्फ खुश है, बल्कि लोकतंत्र के पर्व को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मना रही है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहा है। दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होगा। उधर पीएम मोदी ने कटड़ा की विशाल जनसभा में जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाने के वादे से जनता-जनार्दन के जोश को कई गुना बढ़ा दिया।जनता ने लोकतंत्र में आस्था जताते हुए चुनाव में नया इतिहास लिखा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 7 जिलों की 24 सीटों के लिए वोट डाले गए। मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में चुनाव शांतिपूर्ण रहा। कहीं से भी किसी भी तरह की हिंसा की खबर सामने नहीं आई। दिलचस्प है कि पिछले 10 साल के अंतराल के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहा है। बीजेपी के साथ ही कांग्रेस, नेशनल कॉफ्रेंस, पीडीपी समेत छोटी-छोटी पार्टियां चुनाव मैदान में हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की जनता ने लोकतंत्र में आस्था जताते हुए विधानसभा चुनाव में नया इतिहास लिख दिया है। आर्टिकल-370 हटने और घाटी में अमन-चैन बहाल होने से मतदाता EVM का बटन दबाने के लिए बड़ी तादाद में अपने-अपने घरों से निकले। मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) पीके पोले के मुताबिक पहले चरण में हुए मतदान में करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।आतंक के गढ़ में पिछले सात चुनावों से इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग
विधानसभा चुनाव में वोटिंग के रिकार्ड की बात करें तो पिछले 7 चुनावों में इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है। मुख्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो पिछले 7 चुनावों (4 लोकसभा और 3 विधानसभा चुनाव) में सबसे ज्यादा है। वोटिंग बढ़ने का सबसे बड़ा कारण जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद अमन-चैन की बहाली है। भारी मतदान करके राज्य की जनता ने लोकतंत्र में विश्वास जताया है। इसके अलावा बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की सक्रिय भागीदारी भी अहम रही। किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 77 फीसद तक वोटिंग हुई है, वहीं पुलवामा में सबसे कम 46 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला। अब दो फेज का चुनाव बाकी है जो 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा।शांति और सद्भावना के लिए 35 हजार कश्मीरी पंडितों ने डाले वोट
देश के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले 35 हजार से ज्यादा कश्मीरी पंडितों ने भी मताधिकार का उपयोग किया। विस्थापित पंडितों के लिए 24 विशेष बूथ बनाए गए थे। इनमें जम्मू में 19, दिल्ली में 4 और उधमपुर में एक बूथ बनाया था। उल्लेखनीय है कि आर्टिकल- 370 को निरस्त करने व तत्कालीन राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नापाक इरादों और हिंसा को दरकिनार कर अवाम ने शांति, सौहार्द और सद्भावना के लिए बंपर मतदान किया। किश्तवाड़ जिले की तीन विधानसभा सीटों पर मतदाताओं ने सबसे ज्यादा उत्साह दिखाया और रिकॉर्ड (80.14 प्रतिशत) मतदान किया। यहां सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लग गई थीं। अनंतनाग की सात सीटों पर 57.84 प्रतिशत मतदान हुआ। डोडा जिले में तीन सीटों पर 71.34 प्रतिशत, कुलगाम में तीन सीटों पर 62.46 प्रतिशत, रामबन में दो सीटों पर 70.55 प्रतिशत, शोपियां में दो सीटों पर 55.96 प्रतिशत मतदान हुआ है। खास यह रहा कि कश्मीर में जमात के प्रभाव वाले पुलवामा, शोपियां व कुलगाम जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ा है, जबकि पीडीपी के गढ़ अनंतनाग में मत प्रतिशत गिरा है।
जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाने के वादे से जनता का जोश कई गुना बढ़ा
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के कटड़ा की विशाल जनसभा में जनता-जनार्दन के जोश को कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि मां के इस पावन धाम से मैं आपको एक और बात के लिए फिर आश्वस्त करता हूं। जम्मू-कश्मीर को हम फिर से राज्य बनाएंगे। ऐसा मैं चुनाव के चलते नहीं कह रहा हूं, बल्कि ये हमने देश की संसद में, पार्लियामेंट में घोषणा की हुई है। इसलिए मैं जम्मू-कश्मीर के मेरे भाइयों-बहनों से यही कहूंगा कि अगले दोनों चरणों में भारी मतदान करके नए रिकॉर्ड बनाएं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को लेकर जम्मू-कश्मीर में भले ही, उत्साह न हो, लेकिन पड़ोसी देश इन्हें लेकर बहुत उत्साह में है। यहां तो इनको कोई पूछने वाला नहीं है। लेकिन पाकिस्तान में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलायंस की बल्ले-बल्ले हो रही है।हम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के एजेंडे को लागू नहीं होने देंगे- पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो से पाकिस्तान बहुत खुश नजर आ रहा है। पाकिस्तान के रक्षामंत्री का कहना है कि आर्टिकल 370 और 35A को लेकर कांग्रेस और NC का एजेंडा वही है, जो पाकिस्तान का एजेंडा है। यानि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस यहां पर पाकिस्तान का एजेंडा लागू करना चाहते हैं। पाकिस्तान के जिस एजेंडे ने जम्मू-कश्मीर की पीढ़ियां बर्बाद कीं। हमारा खून बहाया, वही ये लोग यहां फिर से लागू करना चाहते हैं। दशकों तक कांग्रेस-NC ने यहां वही काम किया, जो आतंक के आका पाकिस्तान को सूट करता था। आज भी ये आतंक के आका के उसी एजेंडे को लागू करना चाहते हैं। लेकिन मोदी आज कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को डंके की चोट पर कह रहा है, हम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के एजेंडे को लागू नहीं होने देंगे। दुनिया की कोई ताकत जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती।रिकॉर्ड मतदान हिंसा के खिलाफ बुलंद हौसलों की तस्वीर : आयोग
चुनाव आयोग ने कहा कि वोट डालने के लिए मतदाताओं का उत्साह बहिष्कार और हिंसा के खिलाफ बुलंद हौसलों की तस्वीर है। यह लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था को दिखाता है। कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं ने भी जम्मू के 19, उधमपुर के एक व दिल्ली के 4 मतदान केंद्रों पर मताधिकार का प्रयोग किया। इनके लिए 24 विशेष बूथ बनाए गए थे। 85 वर्ष से अधिक उम्र के बहुत से मतदाताओं व दिव्यांगों को उनके घर से मतदान की सुविधा दी गई। पहले चरण में कुल 219 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 9 महिलाएं हैं। इसके अलावा 90 निर्दलीयों की किस्मत भी ईवीएम में कैद हुई है। मतदान में युवा व महिला मतदाताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, जो जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की आस्था के प्रति जन विश्वास का प्रतीक बन गया। विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिले की 16 सीटों पर मतदान किया। दूसरे और तीसरे चरण के लिए मतदान क्रमशः 25 सितंबर और 1 अक्तूबर को होगा। मतों की गिनती 8 अक्तूबर को होगी।