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प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित, दुनियाभर के 150 विशेषज्ञ करेंगे चर्चा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज, 4 अक्टूबर को ताज पैलेस होटल, नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन का यह तीसरा संस्करण है। 6 अक्टूबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में करीब 150 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविद और नीति निर्माता भारतीय अर्थव्यवस्था और ग्लोबल साउथ की अर्थव्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे।

कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन का आयोजन वित्त मंत्रालय के साथ साझेदारी में आर्थिक विकास संस्थान द्वारा किया जा रहा है। सम्मेलन को संबोधित करने वालों में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, भूटान के वित्त मंत्री ल्योनपो लेके दोरजी, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, एमेरिटस के प्रेसिडेंट मसूद अहमद, सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट यूएसए के वेरा सोंगवे शामिल हैं।

कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व झटकों से गुजरी है। लगातार सैन्य संघर्षों ने सप्लाई चेन को बाधित किया है। इससे ऊर्जा और खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है। बाधाएं सामने आई हैं लेकिन हम उससे उबरने भी लगे हैं। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत वर्ष 2021 से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। भारत की 7 प्रतिशत से अधिक की औसत वृद्धि वैश्विक औसत से दोगुनी से भी अधिक है।

इस वर्ष का सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार, हरित परिवर्तन को वित्तपोषित करना, भू-आर्थिक विखंडन और विकास के लिए निहितार्थ, भारत और मध्यम आय का टैप, नौकरियां और कौशल, आर्टफिशियल इन्टेलिजन्स और सार्वजनिक नीति डिजाइन, लचीलापन बनाए रखने के लिए नीतिगत सिद्धांत समेत कई विषयों पर विचार-विमर्श किए जाएंगे।

इन सत्रों में कुछ चर्चाएं इस प्रकार होंगी कि भारतीय अर्थव्यवस्था किस प्रकार अधिक नियमित नौकरियां पैदा कर सकती है। किस प्रकार नियम-आधारित बहुपक्षीय प्रणाली को भू-आर्थिक विखंडन को रोकने के लिए अनुकूलित किया जाना चाहिए और किस प्रकार बहुपक्षीय सहमति के माध्यम से प्रगति संभव बनाई जा सकती है। इसके साथ ही उन तरीकों पर विचार करना जिनसे भारत विकास को अधिकतम करके और नवाचार क्षमताओं को विकसित करके उत्पादकता वृद्धि को बनाए रख सकता है।

सम्मेलन में होने वाली चर्चाएं आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की आगामी वार्षिक बैठकों, सीओपी 29 और ब्राजील के जी-20 नेताओं के घोषणापत्र के लिए प्रेरक का काम करेंगी।

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