कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजनीतिक सफलता हासिल करने के लिए झूठ और फरेब के हथकंडे अपना रहे हैं। इस क्रम में वे कभी अपनी अधूरी जानकारी पर एक्सपोज हो रहे हैं तो कभी फर्जी खबरें फैलाकर देश को गुमराह कर रहे हैं। जब पत्रकार उनसे सवाल पूछते हैं, तो वे उनपर भड़क जाते हैं। ऐसा एक बार नहीं, बल्कि दो दिन में दो बार हुआ। मंगलवार (21 दिसंबर, 2021) को दिल्ली के विजय चौक पर जब पत्रकारों ने मॉब लिंचिंग को लेकर किए गए ट्वीट के बारे में राहुल गांधी से सवाल पूछा, तो उन्होंने एक बार फिर अपना आपा खो दिया। उन्होंने पत्रकार को सरकार का एजेंट बताते हुए कहा, “सरकार की दलाली मत कीजिए।”
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi responds when asked about his today’s tweet on ‘lynching’. pic.twitter.com/UUxi3bpSOa
— ANI (@ANI) December 21, 2021
दरअसल, मंगलवार को राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था। इसी ट्वीट पर पत्रकार ने सवाल किया कि केंद्र सरकार लिंचिंग मामले में 1984 की बात कह रही है। राहुल गांधी से जैसे ही ये सवाल दागा गया वो बिफर गए और खीझते हुए कहते हैं कि सरकार की दलाली मत करो। इतना कहते हुए वो कांग्रेस और अन्य नेताओं के साथ वहां से निकल जाते हैं। कांग्रेस नेता ने जब पत्रकार को दलाल कहा तो वहां मौजूद संजय राउत समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता हसते नजर आए।
इसके एक दिन पहले सोमवार (20 दिसंबर, 2021) को राहुल गांधी ऐसे ही आपा खो बैठे थे। संसद में विपक्ष के हंगामे पर किए गए एक सवाल पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लाल हो गए। मीडियाकर्मी ने कहा कि सरकार का कहना है कि हाउस ऑर्डर में नहीं आता है तो इस वजह से चर्चा नहीं हो रही है। सरकार हर चीज पर चर्चा करने के लिए तैयार है। मीडियाकर्मी के इतना कहते ही राहुल तमतमा उठे। प्रतिक्रिया देने के बजाय वह मीडियाकर्मी से बहस में उलझ गए। राहुल मीडियाकर्मी से ही सवाल कर बैठे कि क्या आप सरकार के लिए काम करते हैं?
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi responds when asked about the Opposition’s uproar in the Parliament. pic.twitter.com/bpnRpDcmLY
— ANI (@ANI) December 20, 2021
राहुल गांधी के दो दिन में दो बार पत्रकारों के लिए अपमानजनक बयान देने पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने निंदा की है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने लेटर जारी कर कहा कि मीडिया को जिम्मेदार व्यक्ति से सवाल पूछने का अधिकार है। पंजाब सरकार के पास अपने नागरिकों की रक्षा के लिए संवैधानिक, नैतिक, कानूनी जवाबदेही है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार और राहुल गांधी पार्टी के नेता है। ऐसे में राहुल गांधी से राज्य में बिगड़ते हालत को लेकर सवाल पूछे जा सकते हैं और उनका जवाब देने की जिम्मेदारी राहुल गांधी पर है।
राहुल गांधी के अपमानजनक बयान को लेकर पत्रकारों में काफी नाराजगी है। लेकिन इस मामले में मीडिया संस्थान बंटे हुए नजर आ रहे हैं। जहां नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने राहुल गांधी के बयान की निंदा की है, वहीं संपादकों की शीर्ष संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया इस मामले में मौन है। दोनों संस्थाओें की तरफ से मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। दोनों संस्थाओं की चुप्पी पर कई पत्रकारों ने सवाल उठाया है।
सवाल पूछने पर पत्रकार को राहुल गांधी ने कहा ‘दलाल’, अब
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने राहुल गांधी के इस कृत्य की निंदा की है। पर @IndEditorsGuild @PCITweets जैसी संस्थाएं क्यों खामोश हैं? pic.twitter.com/vvY5I8HxQS— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) December 22, 2021