लोकसभा चुनाव, 2014 के बाद, जब से कांग्रेस विपक्ष में आई है, सरकार के विरोध में झूठी और एजेंडा खबरों की बाढ़ आ गई है। कांग्रेस को सत्ता से जनता ने बेदखल क्या किया कि हर कुछ महीनों के अंतराल पर किसी न किसी झूठी खबर को मीडिया और सोशल मीडिया में तूल देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध किया जाता है।
हाल ही में, फेसबुक का डेटा चुराने वाली कंपनी, कैंब्रिज एनालिटिका का कांग्रेस के लिए काम करने की मीडिया रिपोर्टों में खुलासा हुआ। इस चोरी को छिपाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के NaMo App पर डेटा चोरी का झूठा आरोप लगाकर सोशल मीडिया पर #NaMoAppdelete कैंपेन शुरु कर दिया, लेकिन इस कैंपेन का असर उल्टा पड़ा NaMo App के डाउनलोड की संख्या बढ़ने लगी और कांग्रेस को अपना INCIndia App डिलीट करना पड़ा। आइये आपको राहुल गांधी के भ्रष्ट प्रचार के तरीकों के बारे में बताते हैं-
राहुल गांधी के भ्रष्ट प्रचार का तरीका -1 राहुल गांधी ने 23 मार्च को सोशल मीडिया पर #DeleteNaMoApp कैंपेन की लिए Tweet में लिखा-
लेकिन इस एक Tweet ने राहुल गांधी की आशा पर पानी फेर दिया और NaMo App डाउनलोड की संख्या बढ़ने लगी। ऐप डाउनलोड का 23 से 26 मार्च का ग्राफ बताता है कि कितनी तेजी से NaMo App के डाउनलोड बढ़े।राहुल गांधी यह कैंपेन चला ही रहे थे कि, हैंकिग एक्सपर्ट Elliot Alderson, ने 26 मार्च को Twitter पर खुलासा किया कि कांग्रेस के INCIndia app की जानकारी सिंगापुर के सर्वर में स्टोर होती है, इस पर साझा की जाने वाली जानकारियां सुरक्षित नहीं हैं और ये सारी जानकारियां दूसरों के पास पहुंच रही है। Elliot Alderson के वे tweets हैं-
कैब्रिंज एनालिटिका के बाद INCIndia app के जरिए लोगों का डेटा चुराने की खबर फैलते ही कांग्रेस को INCIndia app को गुगल प्ले स्टोर से हटाना पड़ा-
ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी या कांग्रेस या उनके शुभचिंतक प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पहली बार कोई झूठा कैंपेन चला रहे हैं, इससे पहले 07 सिंतबर 2017 को भी #blocknarendramodi कैंपेन चलाया गया था, जिसका प्रभाव भी कांग्रेस और राहुल की अपेक्षाओं के विपरीत रहा। 07 सिंतबर और 08 सिंतबर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फॉलोअर्स घटने के बजाय 1 लाख बढ़ गए।
राहुल गांधी के भ्रष्ट प्रचार का तरीका -2 राहुल गांधी झूठी खबरों से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विरोध की हवा बनाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया के कुछ एजेंडा पत्रकारों का पूरा साथ लेते हैं। पत्रकारों का साथ लेने से राहुल गांधी को झूठी खबरों को सत्य के रुप में पेश करने में आसानी तो हो जाती है, लेकिन अंत में बैकफुट पर ही आना पड़ता है। # Delete NaMo app कैपेन के लिए भी राहुल गांधी का एजेंडा पत्रकारों ने खुब बढ़-चढ़ कर साथ दिया-
हरतोष सिंह बाल The Caravan पत्रिका के संपादक, ने Tweet किया-
NDTV की एंकर पत्रकार निधि राजदान ने हरिंदर बावजा के Tweet को Retweet किया-
राजस्थान पत्रिका के सलाहकार संपदाक ओम थानवी ने Tweet किया-
इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिखने वाली पत्रकार सीमा चिश्ती ने Tweet किया-
विभिन्न समाचार पत्रों और बेवसाइट के लिए लिखने वाले शिवम विज ने Tweet किया-
The Wire बेवसाइट के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने Tweet किया-
विभिन्न समाचार पत्रों और बेवसाइट पर लिखने वाली स्वतंत्र पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने कई Tweets लिखे-
The Caravan पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद जोश ने Tweet किया-
राहुल गांधी के भ्रष्ट प्रचार का तरीका -3 राहुल गांधी के भ्रष्ट प्रचार का एक और तरीका है कि वह प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाने के लिए झूठे आंकड़ों और खबरों को आधार बनाकर भाषण देते हैं और उसे मीडिया में एजेंडा पत्रकारों से प्रचारित करवाते हैं। राहुल गांधी के कुछ झूठ पर आधारित भाषण-
- बेरोजगारी पर झूठे आंकड़े -2017 में गुजरात चुनाव के दौरान, 24 नवंबर की दो रैलियों में राहुल गांधी ने बेरोजगारी के अलग-अलग आंकड़े पेश कर दिए। पोरबंदर में हुई जनसभा में राहुल ने सवाल पूछा कि गुजरात में 50 लाख बेरोजगार युवा क्यों हैं? उसी दिन दूसरी चुनावी सभा, जो अहमदाबाद में हुई वहां सवाल किया कि गुजरात में 30 लाख बेरोजगार क्यों हैं?
- उद्योगपतियों की मदद का झूठ-2017 में गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलने के लिए जो आंकड़ा दिया उस पर किसी को भी भरोसा नहीं हो सकता है। राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्तों को 45,000 करोड़ एकड़ जमीन दे दी, लेकिन राहुल ने जमीन का जो आंकड़ा बोला वह असंभव है। 45,000 करोड़ एकड़ जमीन इस धरती से भी तीन गुना ज्यादा है। पूरी धरती ही लगभग 13,000 करोड़ एकड़ की है, आखिर राहुल के आंकड़ों पर कौन भरोसा कर सकता है।
- प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रमों को झूठा बताना-राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव में पाटीदारों की एक सभा में कहा कि नर्मदा नदी पर बनने वाला Statue of Unity, सरदार पटेल की प्रतिमा made in China है। राहुल गांधी मतदाताओं को भावनात्मक रुप से बरगलाने के लिए झूठ का सहारा लिया-
- झूठे आंकड़ों से नाकामी साबित करना- 2017 में गुजरात विधानसभा में चुनाव प्रचार के दौरान “22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब” अभियान के दौरान राहुल गांधी ने गलत आंकड़ों के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गुजरात में महिला सुरक्षा, पोषण और महिला साक्षरता पर नाकाम साबित करने का प्रयास किया। राहुल ने 2001 से 2011 के बीच गुजरात में महिला साक्षरता दर में 70.73 से गिरकर 57.8 फीसदी हो जाने का आंकड़ा पेश किया। जबकि सरकारी आंकड़ों के के मुताबिक 2001 से 2011 के बीच महिला साक्षरता में 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने के लिए झूठी खबरों, आंकड़ों और मुद्दों का सहारा लिया है क्योंकि विरोध के लिए न तो उनके पास कोई मुद्दा है और न उनसे जुड़ी कोई खबरें। इस झूठ को प्रचारित करने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया पर एक प्रचार तंत्र को स्थापित कर रखा है और रैलियों में स्वंय इन झूठी खबरों को आधार बनाकर भाषण देते हैं।