कांग्रेस का दोहरा चरित्र कई मौकों पर सामने आ चुका है। कांग्रेस की कथनी और करनी में काफी फर्क है। शनिवार को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के नये विधानसभा भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया, जबकि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कोरोना का हवाला देकर नई दिल्ली में बनने वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना का विरोध कर चुकी हैं। अप्रैल 2020 में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना संकट के मद्देनजर सरकार के खर्च में 30 फीसदी की कटौती और ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को स्थगित करने सहित कई कदम उठाए जाएं। सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना संकट के मद्देजनर 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा’ ब्यूटीफिकेशन एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को स्थगित किया जाए। कांग्रेस के इस दोहरे चरित्र को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों खबरों को मिलाकर पोस्ट किया जा रहा है।
सवाल ये उठ रहे हैं कि कोरोना के मद्देजनर ने सेंट्र विस्टा परियोजना का विरोध करने वाली आखिरकार कांग्रसे शासित राज्य छत्तीसगढ़ के नये विधानसभा भवन का शिलान्यास में भाग क्यों लिया। क्या यह मान लिया जाए कि कोरोना का संकट खत्म हो गया है। अगर कोरोना का संकट खत्म हो गया है तो फिर कांग्रेस JEE-NEET को रद्द करने की क्यों मांग कर रही है?
कांग्रेस का दोहरा चरित्र कोई पहली बार उजागार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई मौकों पर भी कांग्रेस का दोगलपन सामने आ चुका है।
कोरोना काल में छात्रों की परीक्षाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी दोगली बातें कर रही है। एक तरफ तो कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी NEET-JEE की परीक्षा का विरोध कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी की सरकार राजस्थान में 31 अगस्त को पूरे प्रदेश में 7 लाख परीक्षार्थियों के लिए टीचर ट्रेनिंग कोर्स की परीक्षा का आयोजन करने जा रही है। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि सोनिया गांधी नीट-जेईई का विरोध करने से पहले कांग्रेस शासित राज्य में लाखों छात्रों की परीक्षा स्थगित करने से क्यों नहीं रोकती हैं।
Rahul Gandhi is Opposing NEET-JEE Exam
His Govt in Rajasthan is going to conduct Rajasthan BSTC exam on August 31. pic.twitter.com/Ln9M4gbjK7
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 26, 2020
बताया जा रहा है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने करीब सात लाख छात्रों को 31 अगस्त की होने वाली बेसिक एलिमेंट्री एजुकेशन ट्रेनिंग की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। इतना ही नहीं राज्य में सितंबर में फॉरेस्ट रेंजर और फॉरेस्ट कंजरवेटर के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की परीक्षा 7 दिनों तक आयोजित कराने की तैयारी की जा रही है।
Congress Party Drama Exposed Again
Rajasthan BSTC Exam Is On 31 August
Admit Card Just Released, Note 6 Lakh Students Will Give Exam
Same Congress Doing Hunger Strike Drama Against NEET JEE Exams. #PostponeNEETJEE_Today pic.twitter.com/Sx1KLhwN8B https://t.co/fWTh4ZOPqC
— Kul Bhushan (@kulbh1609) August 26, 2020
इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कह चुके हैं कि कोरोना संकट का लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है कि अब JEE-NEET परीक्षा कराने का उनकी पार्टी विरोध कर रही है।