सत्ता की लालच इतनी बुरी होती है कि इंसान भगवान को भी धोखा देने से बाज नहीं आता। यह बात आज उस शिवसेना के लिए बिल्कुल सही साबित हो रही है, जो खुद को राम मंदिर निर्माण आंदोलन का अगुवा बताने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। आज सत्ता की वजह से उसके सुर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। शिवसेना कोरोना वायरस का बहाना बनाकर राममंदिर के निर्माण कार्य को रूकवाना चाहती है। संजय राउत के बयान ने शिवसेना के दोगलेपन को सामने ला दिया है कि शिवसेना राम मंदिर निर्माण को सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करती है।
राम मंदिर निर्माण से दूरी बना रही शिवसेना
शिवसेना के मुख्य रणनीतिकार और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि यह वक़्त राम मंदिर और भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों को देखने का नहीं है, बल्कि कोरोना वायरस से जंग का है। उन्होंने कहा कि, ‘हमारा पूरा ध्यान कोरोना से जंग पर है। खुदाई के दौरान जो अवशेष मिलेंगे उन्हें देखने वाले और लोग हैं। अभी राम मंदिर, भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों को अलग रख दिया जाना चाहिए। अभी देश के सामने सबसे बड़ा संकट कोरोना वायरस है और उस पर फोकस करना चाहिए।’
#Breaking | @ShivSena SHOCKING ‘betrayal’ on Ram Mandir; wants to put the construction of Ram Mandir on hold.
Listen in to @RautSanjay61. | #RamMandirExisted pic.twitter.com/ep3qYIy4l8
— TIMES NOW (@TimesNow) May 21, 2020
संजय राउत के बयान पर लोगों में आक्रोश
राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए शिवसेना नेता संजय राउत के बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने संजय राउत और शिवसेना पर सत्ता की लालच में अपनी विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगाया। लोगों ने कहा कि आज शिवसेना का कांग्रेसीकरण हो गया है।
शिवसेनाने नाम बदल कर सोनियासेना करना चाहीये, वैसे भी दिन रात उसके सामने ही मुजरा करते है ?
— – Bigg Birdd – (@GZeroC) May 21, 2020
Hahahaha fake hindu changed ideology just for votes ….balasaheb we are sorry for ur kid deviating fm ideology @priyankac19 @AUThackeray
— Dr Ramashish Shukla (@drramashish1980) May 21, 2020
They’re struggling to manage Bandra East & Dharavi, why ask them questions of faraway Ayodhya?
They’re the last Mughals of Shiv Sena
— Devi Prasad Rao (@DPRArohana) May 21, 2020
संगत सावधानी से करनी चाहिये वरना फीर आप महारथी कर्ण क्यों ना हो आप का विनाश अटल हो जाता है और बुद्धी भ्रष्ट हो जाती है
शिवसेना…. ईसी अंत कि ओर बढती हुई— Shweta M (@shweta_hindu111) May 21, 2020
खुदाई के दौरान मिली देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां
दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम लॉकडाउन के कारण कुछ दिनों बंद रहने के बाद फिर से शुरू हो गया है। मंदिर के लिए जन्मभूमि स्थल की भूमि को समतल किया जा रहा है। समतलीकरण के दौरान बुधवार को वहां कई मूर्तियां, पुरातन और पौराणिक अवशेष जमीन में से निकले हैं, जो इस स्थान पर पहले एक मंदिर होने की तरफ इशारा करते हैं।
सत्ता की लालच ने बदले शिवसेना के सुर
शिवसेना ने कुछ ही माह पूर्व अपनी पुरानी साथी बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिला लिया था और महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, इसके बाद से ही शिवसेना के सुर बदल गए हैं। अब उसके हर कदम हिन्दू धर्म और हिन्दुओं के खिलाफ उठ रहे हैं।
उद्धव राज में असुरक्षित है हिंदू
महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से बनी उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार हिंदू विरोधी है। उद्धव राज में राज्य के हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही हिन्दू विरोधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। उन्हें ना तो कानून का डर है ना पुलिस का। राज्य में हिन्दुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन कुर्सी बचाने के चक्कर में उद्धव ठाकरे की सरकार तुष्टिकरण में जुटी हुई है। पालघर में जिस तरह पुलिस की मौजूदगी में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग की गई है, उससे राज्य के हिंदुओं में दहशत का माहौल है।
#महाराष्ट्र में:-
2 संतो की लिंचिंग ,पुलिस के सामने
पीट पीट कर मार डाला…!
बहुत ही दर्दनाक…कड़ा एक्शन
लीजिए
2 Saints mob #Lynched to death in front of @DGPMaharashtra in #Maharashtra Pls act @OfficeofUT @Dev_Fadnavis @AmitShah @narendramodi @swati_gspic.twitter.com/wyW5DyHeBR— Debashish Sarkar (@DebashishHiTs) April 19, 2020
उद्धव पर कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता हावी
कहा जाता है कि इंसान पर उसके संगत का भी असर होता है। यही कारण है कि आज कांग्रेस के साथ आने के बाद शिवसेना भी उसके रंग में रंगी नजर आ रही है। सत्ता बचाये रखने के लिए उद्धव ठाकरे अपने पिता बाला साहब ठाकरे के सिद्धांतों की तिलांजलि दे चुके हैं। कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता उद्धव ठाकरे पर हावी है। इस लिए वह हिन्दुओं की उपेक्षा करने लगे हैं और तुष्टिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं।
कांग्रेस और सहयोगी पार्टी के नेता किस हद तक हिंदू धर्म के विरोधी हैं, एक नजर डालते हैं-
कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है- राहुल गांधी
जम्मू कश्मीर में छपने वाले उर्दू दैनिक अखबार “इंकलाब” ने 12 जुलाई, 2018 को बहुत बड़ा खुलासा किया। फ्रंट पेज पर खबर छापी कि 11 जुलाई को राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ ‘सीक्रेट मीटिंग’ में कहा कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। इसके साथ यह खबर भी छपी है कि राहुल ने कहा कि उनका और उनकी मां का कमिटमेंट है कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और इससे वो कोई समझौता नहीं कर सकते।
गुजरात में मंदिर दर्शन के लिए राहुल ने मांगी माफी
12 तुगलक लेन स्थित अपने निवास पर राहुल गांधी ने लगभग 2 घंटे तक मुस्लिमों से बातचीत की। इस दौरान मुस्लिम नेताओं ने राहुल से आपत्त्ति दर्ज कराई और कहा कि आप तो सिर्फ मंदिर जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो मुसलमानों को भुला ही दिया है। मुस्लिम नेताओं की बात सुनकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कर्नाटक में कई मस्जिदों में भी गया हूं। अब मस्जिदों में लगातार जा रहा हूं। खबर ये भी है कि उन्होंने कहा कि गुजरात में मंदिरों में गया था उसके लिए माफी मांगता हूं।
शरिया अदालत लागू करने का राहुल ने किया वादा
सूत्रों के अनुसार 2019 में राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगें मानते हुए वादा किया था कि अगर वे 2019 में देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे।
राहुल के आदेश से हिंदुओं को ‘गाली’ दे रहे कांग्रेसी!
पिछले साल 11 जुलाई को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंदुओं को कट्टरपंथी बताते हुए ‘हिंदू पाकिस्तान’ की बात कही। इसके बाद 13 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने हिंदुओं को कट्टरपंथी कहा और भारत के पाकिस्तान बन जाने की बात कही। खबर है कि यह सब राहुल गाधी के आदेश से किया जा रहा है। गौरतलब है कि 11 जुलाई को ही राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और मुलाकात से पहले और बाद वह यही संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिमों की असल हितैषी कांग्रेस है।
कांग्रेस के डीएनए में है हिंदू विरोध
हिंदू विरोध की भावना कांग्रेस के डीएनए में है। 17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ‘भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।’ अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है। ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस हमेशा ही देश की 20 करोड़ की आबादी को खुश करने के लिए 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करती रही है।
मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम के अस्तित्व पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की हिंदू धर्म, हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। हिंदू धर्म में आस्था और जनेऊधारी हिंदू बनने का ढोंग करने वाले राहुल गांधी के खासमखास वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। दिल्ली में राष्ट्र विरोधी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम, अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि स्थल सभी को कठघरे में खड़ा कर दिया। मस्जिद और मुसलमानों के प्रेम में डूबे अय्यर ने कहा कि राजा दशरथ एक बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए ये बताना बड़ा ही मुश्किल है। इसलिए ये दावा करना कि राम वहीं पैदा हुए थे, यह ठीक नहीं है।
#WATCH Mani Shankar Aiyar, Congress, speaks on #RamMandir at ‘Ek Shaam Babri Masjid Ke Naam’ programme organised by Social Democratic Party of India in Delhi pic.twitter.com/QtckaUdW70
— ANI (@ANI) 7 January 2019
अब तक राहुल गांधी के खानदान का इतिहास हिंदुओं के खिलाफ ही रहा है। चलिए गिनते हैं राहुल गांधी के खानदान की ‘हिंदुओं विरोधी’ साजिशों के सबूत।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 1
आज़ादी के बाद से ही नेहरू गांधी ख़ानदान ने हिंदुओं को नीचा दिखाने और उनका मनोबल तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसकी शुरुआत आज़ादी के बाद से ही हो गई थी। लेकिन जब नेहरू के हिंदू विरोधी काम पर अंकुश लगाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं रहे तो नेहरू पूरी बेशर्मी से इस काम में जुट गए।
इंग्लिश अखबार ‘द हिंदू’ के मौजूदा संपादक एन. राम के पिता कस्तूरी ने तब ‘द हिंदू’ का संपादक रहते हुए लेख छापा था। मौजूदा तेलंगाना के सिकंदराबाद के के. सुब्रह्मण्यम के इस लेख में आजाद भारत में हिंदू और उनकी आस्था से हो रहे खिलवाड़ और सरकार की अल्पसंख्यकपरस्त नीतियों का खुलासा किया गया था।
के. सुब्रह्मण्यम हिंदू आस्थाओं का मजाक उड़ते देखकर ही परेशान नहीं हुए। उन्होंने ये भी देखा की नेहरू सरकार बेशर्मी से दूसरे धर्मों को हिंदू धर्म से श्रेष्ठ बताने की कोशिश कर रही है। के. सुब्रह्मण्यम ने अंबेडकर की तुलना में अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, बीएन राव जैसे दूसरे हिंदू संविधान निर्माताओं को कम महत्व देने के लिए नेहरू को जिम्मेदार माना था। के. सुब्रह्मण्यम इस बात से भी दुखी थे कि वेद और हिंदू धर्मग्रन्थों का अनुवाद करने वाले अग्रेज़ मैक्सम्यूलर का भी सरकार गुणगान करती है। जबकि वो इनके ज़रिए हिंदुओं को पिछड़ा और ईसाई धर्म की सर्वोच्चता स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सरकार हिंदुओं का अहित और अल्पसंख्यकों को बढ़ावा दे रही है। अग्रेज़ तो चले गए लेकिन हमारी सरकार अब भी उनकी नीतियों पर ही चल रही है।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 2
7 फरवरी, 1916 को मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की शादी के तीन कार्ड छपवाए गए थे। तीनों कार्ड अंग्रेजी के अलावा सिर्फ अरबी लिपि और फारसी भाषा में छपे थे। तीनों ही कार्ड में किसी भी हिन्दू देवी देवता का नाम नहीं लिखा गया था। न ही उन कार्ड पर हिन्दू धर्म से जुड़ा कोई श्लोक लिखा था। हिन्दू संस्कृति या फिर संस्कृत भाषा का कार्ड में कोई नामोनिशान तक नहीं था।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 3
आजादी के बाद जब बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के दोबारा निर्माण की कोशिश शुरू की तो महात्मा गांधी ने इसका स्वागत किया, लेकिन जवाहर लाल नेहरू इसका लगातार विरोध करते रहे। जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर गए तो नेहरू ने न केवल उन्हें जाने से मना किया और विरोध भी दर्ज कराया।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 4
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू शब्द रखने पर जवाहर लाल नेहरू को घोर आपत्ति थी, उन्होंने इस शब्द को हटाने के लिए कहा था। पंडित मदन मोहन मालवीय पर भी नेहरू ने यूनिवर्सिटी से हिंदू शब्द हटाने के लिये दबाव डाला था। हालांकि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुस्लिम शब्द रखने पर कभी आपत्ति नहीं जताई।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 5
वंदे मातरम को राष्ट्रगीत बनाने पर जवाहर लाल नेहरू ने आपत्ति जताई थी। उन्हीं की आपत्ति के बाद मुस्लिमों का मनोबल बढ़ा, जिससे आज तक मुस्लिम वंदे मातरम गाने का विरोध करते हैं।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 6
7 नवंबर, 1966 को दिल्ली में हजारों नागा साधु इकट्ठा होकर ये मांग कर रहे थे कि – गाय की हत्या बंद होनी चाहिए, इंदिरा गांधी किसी भी कीमत पर गौ हत्या बंद करने के मूड में नहीं थी। फिर क्या था, दिल्ली में ही इंदिरा गांधी ने जालियावाला कांड दोहराया और जनरल डायर की तरह हजारों नागा साधुओं के ऊपर गोलियां चलवा दीं। इस गोलीबारी में 6 साधु की मौत हो गई, यही नहीं उस समय गौभक्त माने जाने वाले गुलजारी लाल नंदा को इंदिरा ने गृहमंत्री पद से हटा दिया। इस घटना के बाद इंदिरा गांधी कई राज्यों में चुनाव हार गई थीं।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 7
साधु- संतो पर गोली चलाने से चुनाव हार चुकी इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी की शादी में हिन्दी में कार्ड तो छपवाया… लेकिन कार्ड में कहीं भी हिन्दू देवी देवता के नाम से परहेज किया गया। इसमें भगवान गणेश का भी नाम नहीं था ।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 8
नेहरू-गांधी परिवार ने कभी कोई हिन्दू त्योहार पारंपरिक रूप से नहीं मनाया। रमजान में गांधी परिवार हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करता है, वैसा आयोजन आज तक कभी नवरात्रि में उनके घर पर नहीं हुआ। कभी कन्याओं को भोजन नहीं कराया गया। कभी किसी ने इनको दिपावली में दीये जलाते नहीं देखा।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 9
राहुल गांधी की उम्र 48 साल है, जबकि प्रियंका वाड्रा की 46 साल। कभी राहुल को प्रियंका वाड्रा से किसी ने राखी बंधवाते नहीं देखा। हिन्दुओं में भाई-बहन का रिश्ता बहुत ही पवित्र माना जाता है। कोई भी हिन्दू परिवार रक्षा बंधन से परहेज नहीं करता।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 10
राहुल गांधी सिर्फ मोदी को हराने के लिए हिन्दू बने हैं… वर्ना पूरे नेहरू परिवार का कभी भी हिन्दू धर्म से नाता नहीं रहा है। यहां तक कि हिन्दू पर्व- त्योहारों में बधाई देना भी अपमान माना जाता है। उदाहरण के लिए इस साल पहली बार कांग्रेस दफ्तर में होली मनाई गई, इससे पहले अघोषित बैन था। राहुल गांधी ने पहली बार लोगों को 2017 में दिवाली की शुभकामनाएं दी।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 11
नेहरू गांधी परिवार कभी भी राम मंदिर निर्माण का समर्थन नहीं करता। बल्कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में भी कांग्रेसियों ने रोड़े अटकाने का काम किया है। कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राम मंदिर की सुनवाई जुलाई 2019 तक टाल दी जाए, ताकि लोकसभा चुनाव हो सके। कांग्रेस चाहती है कि 2019 तक वो हिन्दुओं को बरगला कर सत्ता में आ जाए और राम मंदिर का निर्माण हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाए।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 12
2007 में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम, सीता, हनुमान और वाल्मिकी काल्पनिक किरदार हैं, इसलिए रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 13
कांग्रेस ने ही पहली बार मुस्लिमों को हज में सब्सिडी देने और अमरनाथ यात्रा पर टैक्स लगाने का पाप किया। दुनिया के किसी भी देश में हज में सब्सिडी नहीं दी जाती है, सिर्फ कांग्रेस सरकारों ने भारत में मुसलमानों के वोट के लिए ये खैरात बांटना शुरू किया। लेकिन मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 14
कांग्रेस ने ही सबसे पहले दुनिया भर में हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम का शब्द गढ़ा। एक ऐसा शब्द ताकि मुस्लिम आतंकवाद की तरफ से दुनिया का ध्यान भटकाकर हिन्दुओं को आतंकवादी सिद्ध किया जा सके।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 15
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान के जरिए देश की बहुसंख्यक आबादी को चौंका दिया, जब उन्होंने कहा कि मंदिर जाने वाले लोग लड़कियों को छेड़ते हैं। हिन्दू धर्म में मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 16
तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस्लामी कुरीति की तुलना राम से कर दी। जाहिर ये कांग्रेस आलाकमान के इशारे के बिना कपिल सिब्बल ये जुर्रत नहीं कर सकते थे।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 17
राहुल गांधी ने विदेश जाकर ये फैलाने की कोशिश की कि लश्कर से भी ज्यादा कट्टर आतंकी हिन्दू होते हैं। जबकि आज तक कभी ये सामने नहीं आया कि कोई हिन्दू आतंकी बना हो।
गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 18
राहुल गांधी ने जर्मनी जाकर फिर से हिन्दू धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया। राहुल ने जर्मनी में कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है।