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अजब मजाक है कि संसद में वो आरोप लगा रहे हैं जिनका परिवार ही कई घोटालों के चलते जमानत पर है…रविशंकर बोले इतिहास देखिए, इन सभी बड़े घोटालों में शामिल कांग्रेस नेता और गांधी परिवार 

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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी ने सख्त पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी के आरोप झूठ का पुलिंदा ही नहीं हैं, बल्कि गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निराधार, शर्मनाक और लापरवाही भरे आरोप लगाए हैं।’ बीजेपी के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि गांधी परिवार हमेशा से घोटालों में लिप्त रहा है। अजीब मजाक है कि जो परिवार खुद जमानत पर बाहर है, वो दूसरों पर आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता उन सभी बड़े घोटालों में शामिल थे, जिन्होंने भारत की छवि को धूमिल किया।’ वह चाहे नेहरू द्वारा देश का बंटवारा कराना हो या फिर चीन को बंजरभूमि के नाम पर कैलाश मानसरोवर देना हो, चाहे इंदिरा की इमरजेंसी हो या फि राहुल गांधी का बोफोर्स घोटाला। सभी में नेहरू-गांधी परिवार ने देश की इज्जत ही उछाली है। अब एक बार फिर राहुल गांधी भारत की छवि को धूमिल करने वालों का साथ दे रहे हैं। प्रसाद ने गांधी परिवार पर सीधा निशाना साधने के लिए नेशनल हेराल्ड मामले और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले का भी जिक्र किया।

नेहरू से इंदिरा तक और राजीव से राहुल तक सत्ता और पावर को बचाने खेल खेला
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में चर्चा करते हुए कारोबारी गौतम अडानी के कारोबारी भाग्य और निजी संपत्ति में भारी वृद्धि को 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने से जोड़ा था। इसके लिए उन्होंने झूठ दर झूठ का सहारा लिया और अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई डाक्युमेंट पेश नहीं किए। हालांकि राहुल ही नहीं, गांधी परिवार के लिए यह कोई नई बात नहीं है। नेहरू से लेकर इंदिरा तक, और राजीव से लेकर राहुल तक सत्ता और पावर को बचाने के लिए गांधी परिवार ने हमेशा ही ऐसा खेल खेला है। वो घोटालों में भी लिप्त रहा है और इससे बचने के लिए झूठ का भी सहारा लेता रहा है। नेशनल हेराल्ड से लेकर अगस्ता वेस्ट लैंड तक, वाड्रा के डीएलएफ घोटाले से कॉमनवेल्थ के करोड़ों के घोटाले तक, मारुति घोटाला हो या फिर हरिदास मूंदड़ा स्कैंडल, 2जी स्पैक्ट्रम घोटाला हो या फिर सत्यम घोटाला, कोयला घोटाला हो या फिर आदर्श सोसाइटी घोटाला… कांग्रेस और गांधी परिवार के घोटालों की लंबी फेहरिसत है।

राहुल बताएं, डीएलएफ से कैसे मिल गया करोड़ों रुपये का ब्याज मुक्त ऋण?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। कांग्रेस और उसके नेता उन सभी बड़े घोटालों में शामिल थे, जिन्होंने भारत की छवि को धूमिल किया। बीजेपी राहुल गांधी द्वारा संसद में सरकार के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों की निंदा करती है। मुझे उन्हें याद दिलाने की आवश्यकता है कि वह, उनकी मां और उनके बहनोई जमानत पर हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि नेशनल हेराल्ड और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले क्या हैं? ये वाड्रा डीएलएफ घोटाले में क्या हुआ। किसकी मेहरबानी से डीएलएफ से कैसे 65 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण मिल गया। और जमीन भी मिल गई। आपने सस्ती जमीन ली और महंगे दामों में बेच दी।

‘राहुल के सारे आरोप निराधार, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना गांधी परिवार का इतिहास’
प्रसाद ने कांग्रेस और गांधी परिवार के घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी, उनकी मां सोनिया गांधी और उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा जमानत पर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के दो स्तंभों पर खड़ी है और भ्रष्टाचारियों को बचा रही है। प्रसाद ने कहा, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना राहुल गांधी और उनके परिवार का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, ‘2013 में अगस्तावेस्टलैंड डील में 12 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए 360 करोड़ रुपये रिश्वत की बात सामने आई थी। राहुल के पिता के नाम पर ट्रस्ट चलता है राजीव गांधी ट्रस्ट, उसमें आपको चीन से पैसा मिला, चीन की एम्बेसी ने भी दिया। मेहुल चोकसी ने भी दिया और जाकिर नाईक ने भी दिया। राना कपूर से भी आपको पैसा मिला जो खुद जेल में है। जहां से पैसा मिले, ट्रस्ट में ले लो, भ्रष्ट तरीके से, राहुल गांधी ये है आपका आचरण और आपके परिवार का संस्कार।’ उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार को लेकर राहुल गांधी की स्मृति को ताजा करने का यह समय है।’

राजस्थान के बीकानेर में वाड्रा ने सस्ती जमीन खरीद और महंगे में बेचकर करोड़ों नहीं कमाए?
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘वाड्रा साहब आपके बहनोई हैं, जीजाजी। ये शब्द मैं इस्तेमाल नहीं करता लेकिन बहुत पीड़ा के साथ कर रहा हूं कि नरेंद्र मोदीजी जैसे ईमानदार नेता के ऊपर शर्मनाक आरोप लगाए गए तो राहुल गांधी के परिवार की सचाई को बताना जरूरी है। वाड्रा-डीएलएफ घोटाले में क्या हुआ? राजस्थान के बीकानेर में जमीन भी मिल गई। आपने सस्ती जमीन ली और महंगे में बेच दी। बीकानेर में जमीन घोटाला हुआ। 1400 बीघा जाली नाम से ली गई। इसमें से 275 बीघा रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के लोगों ने जाली तरीके से खरीदी। इसकी एफआईआर हुई और विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही हैं। क्या इस करोड़ों के घोटाले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गांधी परिवार का साथ नहीं दिया? क्या उसी घोटाले की एवज में अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बार-बार अभयदान नहीं दिया जा रहा है? कोयला घोटाला 2012, आदर्श घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला…इन सबका ट्रायल चला है।’

स्मृति ईरानी और निशिकांत दुबे ने भी खोली राहुल और कांग्रेस के कारनामों की पोल
बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद के साथ ही बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी और निशिकांत दुबे ने भी राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन राहुल गांधी को अमेठी ने बाहर किया था वे संसद में केवल आधारहीन आरोप लगाते हैं। स्मृति ईरानी ने कहा कि एक मैजिक मेरे संसदीय क्षेत्र में भी हुआ। अमेठी में 40 एकड़ जमीन का मैजिक है। 40 एकड़ जमीन का किराया मात्र 623 रुपये प्रति वर्ष। यहां एक परिवार ने 1971 में मेडिकल कॉलेज के लिए जनता से जमीन ली और लोगों को झांसा देने का काम किया। इसी तरह फुर्सतगंज नामक एक हवाई अड्डा है। जमीन सरकारी है लेकिन परिवार ने बेटे-बेटी के नाम पर हॉस्टल खोल रखा है। निशिकांत दुबे ने कहा कि राहुल गांधी जिस अडानी की बात कर रहे हैं, उन्हें किसने बनाया? विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी सब कांग्रेस की देन हैं। अडानी को 2010 में कोयला खदानों का ठेका दिया गया था। उस समय मनमोहन सिंह की सरकार थी। अडानी प्रगति के लिए राहुल गांधी के ही रास्ते पर चल रहे हैं।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने घोटालों के जिस इतिहास की बात कही है, आपके लिए यह जानना जरूरी होगा कि वो कौनसे घोटाले हैं…यहां देखिए सोनिया-राहुल के साथ किस तरह भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा है नेहरू-गांधी परिवार

नेशनल हेराल्ड स्कैंडल
गांधी परिवार पर अवैध रूप से नेशनल हेराल्ड की मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति हड़पने का आरोप है। वर्ष 1938 में  कांग्रेस नेता जवाहर लाल नेहरू ने 5000 स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई थी। जवाहर लाल नेहरू के साथ सभी 5000 स्वतंत्रता सेनानी इस कंपनी के शेयर होल्डर थे। शुरुआत से ही इस कंपनी में कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग हावी रहे। यह कंपनी नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज नाम से तीन अखबार प्रकाशित करती थी। करीब 70 साल बाद कांग्रेसी शासनकाल में कांग्रेस से मिले 90 करोड़ रुपये लोन के बावजूद घाटे के कारण एक अप्रैल, 2008 को ये अखबार बंद हो गए।

मार्च 2011 में सोनिया और राहुल गांधी ने 5 लाख रुपये की लागत से ‘यंग इंडिया लिमिटेड’ नाम की कंपनी खोली। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी हैं, जबकि मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के 12-12 प्रतिशत शेयर हैं। दोनों ही कांग्रेसी नेता अब इस दुनिया में नहीं हैं। कंपनी बनने के बाद यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) ने नेशनल हेराल्ड को चलाने के लिए ‘एजेएल’ के 90 करोड़ की देनदारियों का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया। यानी एक तरह से लोन चुकाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। इसके बाद एजेएल के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर ‘यंग इंडिया लिमिटेड’ को दे दिए गए। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडिया को इस कंपनी के 99 प्रतिशत शेयर मिल गए और इसके बदले यंग इंडिया को कांग्रेस का लोन चुकाना था। लेकिन राहुल-सोनिया की यंग इंडिया लिमिटेड ने सिर्फ 50 लाख रुपए का ही भुगतान किया था कि गांधी परिवार के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने एजेएल के बाकी बचे 89.50 करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया। लोन माफ करते ही सोनिया और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया को एजेएल की संपत्ति का मालिकाना हक मिल गया।

गांधी परिवार पर इस संपत्ति का अवैध रूप से अधिग्रहण करने के लिए पार्टी फंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। गांधी खानदान के मौजूदा दोनों नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड केस में कोर्ट से जमानत पर हैं। इन दोनों ने अपनी सरकारों के जरिए देश के कई शहरों में नेशनल हेराल्ड अखबार के नाम पर कई एकड़ जमीन आवंटित करा ली। इसकी प्रॉपर्टी की मौजूदा कीमत करीब 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है।

सिर्फ नेशनल हेराल्ड ही नहीं अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले, बोफोर्स घोटाले, जमीन घोटाले, मारुति घोटाले के साथ मूंदड़ा स्कैंडल में भी गांधी परिवार के नाम सामने आते रहे हैं। आइए डालते हैं नेहरू-गांधी परिवार के घोटालों पर एक नजर-

गांधी परिवार के लिए चित्र परिणाम

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला
वर्ष 2013 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर इटली की चॉपर कंपनी ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ से कमीशन लेने के आरोप लगे। दरअसल अगस्ता वेस्टलैंड से भारत को 36 अरब रुपये के सौदे के तहत 12 हेलिकॉप्टर ख़रीदने थे, जिसमें 360 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी की बात सामने आई। इतालवी कोर्ट ने माना कि इस मामले में भारतीय अफसरों और राजनेताओं को 15 मिलियन डॉलर रिश्वत दी गई। इतालवी कोर्ट ने एक नोट में इशारा किया था कि सोनिया गांधी सौदे में पीछे से अहम भूमिका निभा रही थीं। कोर्ट ने 225 पेज के फैसले में चार बार सोनिया का जिक्र किया।

बोफोर्स घोटाला
बोफोर्स कंपनी ने 1437 करोड़ रुपये के होवित्जर तोप का सौदा हासिल करने के लिए भारत के बड़े राजनेताओं और सेना के अधिकारियों को 1.42 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी थी। आरोप है कि इसमें दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ सोनिया गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं को को स्वीडन की तोप बनाने वाली कंपनी बोफ़ोर्स ने कमीशन के बतौर 64 करोड़ रुपये दिये थे। इस सौदे में गांधी परिवार के करीबी और इतालवी कारोबारी ओतावियो क्वात्रोकी के अर्जेंटीना चले जाने पर सोनिया गांधी पर भी आरोप लगे।

वाड्रा-डीएलएफ घोटाला
वर्ष 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी और उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर डीएलएफ घोटाले का आरोप लगा। उनपर शिकोहपुर गांव में कम दाम पर जमीन खरीदकर  भारी मुनाफे में रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को बेचने का आरोप लगा। रॉबर्ट वाड्रा पर डीएलएफ से 65 करोड़ का ब्याज-मुक्त लोन लेने का आरोप लगा। बिना ब्याज पैसे की अदायगी के पीछे कंपनी को राजनीतिक लाभ पहुंचाना मूल उद्देश्य था। यह तथ्य भी सामने आया है कि केंद्र में कांग्रेस सरकार के रहते रॉबर्ट वाड्रा ने देश के कई और हिस्सों में भी बेहद कम कीमतों पर जमीनें खरीदीं। इस मामले में हाल ही में हरियाणा सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

बीकानेर में जमीन घोटाले का मामला
राजस्थान के बीकानेर में हुए जमीन घोटालों में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों के जमीन सौदे भी शामिल हैं। अंग्रेजी न्यूज पोर्टल इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार गलत जमीन सौदों के सिलसिले में 18 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से 4 वाड्रा की कंपनियों से जुड़े हैं। ये सारी एफआईआर 1400 बीघा जमीन जाली नामों से खरीदे जाने से जुड़ी हैं, जिनमें से 275 बीघा जमीन वाड्रा की कंपनियों के लिए जाली नामों से खरीदे जाने के आरोप हैं।

मारुति घोटाला
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी को यात्री कार बनाने का लाइसेंस मिला था। वर्ष 1973 में सोनिया गांधी को मारुति टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लि. का एमडी बनाया गया, हालांकि सोनिया के पास इसके लिए जरूरी तकनीकी योग्यता नहीं थी। बताया जा रहा है कि कंपनी को सरकार की ओर से टैक्स, फंड और कई छूटें मिलीं थी।

मूंदड़ा स्कैंडल
कलकत्ता के उद्योगपति हरिदास मूंदड़ा को स्वतंत्र भारत के पहले ऐसे घोटाले के तौर पर याद किया जाता है। इसके छींटें प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी पड़े। दरअसल 1957 में मूंदड़ा ने एलआईसी के माध्यम से अपनी छह कंपनियों में 12 करोड़ 40 लाख रुपये का निवेश कराया था। यह निवेश सरकारी दबाव में एलआईसी की इंवेस्टमेंट कमेटी की अनदेखी करके किया गया। तब तक एलआईसी को पता चला उसे कई करोड़ का नुक़सान हो चुका था। इस केस को फिरोज गांधी ने उजागर किया, जिसे नेहरू ख़ामोशी से निपटाना चाहते थे। उन्होंने तत्कालीन वित्तमंत्री टीटी कृष्णामाचारी को बचाने की कोशिश भी की, लेकिन उन्हें अंतत: पद छोड़ना पड़ा।

देश के आजाद होने के बाद से ही कांग्रेस और गांधी परिवार ने 60 सालों तक देश को जमकर लूटा है। कांग्रेस की सरकारों के तहत हुए घोटालों की सूची इतनी लंबी है कि कभी खत्म ही नहीं होती। अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम, बोफोर्स घोटाला, नेशनल हेराल्ड घोटाला, जमीन घोटाला… न जाने कितने ऐसे स्कैम हैं, जो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े हैं। एक नजर कांग्रेस की सरकारों में हुए कुछ प्रमुख घोटालों पर-

2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला (2008)
भारत में सबसे बड़ा घोटाला 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला था, जिसमें दूरसंचार मंत्री ए. राजा पर निजी दूरसंचार कंपनियों को 2008 में बहुत सस्ते दरों पर 2 जी लाइसेंस जारी करने का आरोप लगाया गया था। नियमों का पालन नहीं किया गया था, लाइसेंस जारी करते समय केवल पक्षपात किया गया था। इसमें 1.96 लाख करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। दरअसल सरकार ने 2001 में स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिए प्रवेश शुल्क रखा था। इसमें दूरसंचार के बारे अनुभवहीन कंपनियों को लाइसेंस जारी किया गया था। भारत में 2001 में मोबाइल उपभोक्ता 4 मिलियन थे जो 2008 में बढ़ोतरी करके 350 मिलियन तक पहुंच गये।

सत्यम घोटाला (2009)
सत्यम कंप्यूटर सर्विसेजस के घोटाले से भारतीय निवेशक और शेयरधारक बुरी तरह प्रभावित हुए। यह घोटाला कॉरपोरेट जगत के सबसे बड़े घोटालों में से एक है, इसमें 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था। पूर्व चेयरमैन रामलिंगा राजू इस घोटाले में शामिल थे, जिन्होंने सब कुछ संभाला हुआ था। बाद में उन्होंने 1.47 अरब अमेरिकी डॉलर के खाते को किसी प्रकार के संदेह के कारण खारिज कर दिया। उस साल के अंत में, सत्यम का 46% हिस्सा टेक महिंद्रा ने खरीदा था, जिसने कंपनी को अवशोषित और पुनर्जीवित किया।

कॉमनवेल्थ गेम घोटाला (2010)
राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी और संचालन के लिए लिये लिया गया धन भारी मात्रा में घोटाले में चला गया। इसमें लगभग 70,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। इस घोटाले में कई भारतीय राजनेता नौकरशाह और कंपनियों के बड़े लोग शामिल थे। इस घोटाले के प्रमुख पुणे के निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि सुरेश कलमाड़ी थे। उस समय, कलमाड़ी दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन समिति के अध्यक्ष थे। इसमें शामिल अन्य बड़े लोगों में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री- शीला दीक्षित और रॉबर्ट वाड्रा हैं। इसका गैर-अस्तित्व वाली पार्टियों के लिए भुगतान किया गया, उपकरण की खरीद करते समय कीमतों में तेजी आई और निष्पादन में देरी हुई थी।

कोयला घोटाला (2012)
कोयला घोटाले के कारण भारत सरकार को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सीएजी ने एक रिपोर्ट पेश की और कहा कि 194 कोयला ब्लॉकों की नीलामी में अनियमितताऐं शामिल हैं। सरकार ने 2004 और 2011 के बीच कोयला खदानों की नीलमी नहीं करने का फैसला किया था। कोयला ब्लॉक अलग-अलग पार्टियों और निजी कंपनियों को बेच दिये गये थे। इस निर्णय से राजस्व में भारी नुकसान हुआ था।

टाट्रा ट्रक घोटाला (2012)
वेक्ट्रा के अध्यक्ष रवि ऋषिफॉर्मर और सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग प्रतिबंध अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला पंजीकृत किया था। इसमें सेना के लिए 1,676 टाटा ट्रकों की खरीद के लिए 14 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।

आदर्श घोटाला (2012)
इस घोटाले में मुंबई की कोलाबा सोसायटी में 31 मंजिल इमारत में स्थित फ्लैटों को बाजार की कीमतों से कम कीमत पर बेचा गया था। इस सोसायटी को सैनिकों की विधवाओं और भारत के रक्षा मंत्रालय के कर्मियों के लिए बनाया गया था। समय की अवधि में, फ्लैटों के आवंटन के लिए नियम और विनियमन संशोधित किए गए थे। इसमें महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- सुशील कुमार शिंदे, विलासराव देशमुख और अशोक चव्हाण के खिलाफ आरोप लगाये गये थे। यह जमीन रक्षा विभाग की थी और सोसायटी के लिये दी गई थी।

 

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