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भव्य-दिव्य राम मंदिर के लिए गुजरात से फिर आएगी रथयात्रा, अहमदाबाद में 1 किलो सोने और 7 किलो चांदी से बनीं चरण पादुकाएं, सूरत में राम मंदिर थीम पर बना हार और राम दरबार

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पावन नगरी अयोध्या में पांच सौ साल से ज्यादा के संघर्ष के बाद बन रहे भव्य-दिव्य राम मंदिर को लेकर देशभर में तरह-तरह की तैयारियां चल रही हैं। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी चरण पादुकाएं भी रखी जाएंगी। फिलहाल ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। उधर, सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5000 अमेरिकी हीरे और दो किलो चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार और राम दरबार बनाया है। इस बीच 1990 के दशक की रथयात्रा की ही तरह एक और रथयात्रा गुजरात से 8 जनवरी को रामनगरी अयोध्या के लिए निकलेगी। यह रथयात्रा गुजरात-MP-UP के 14 शहरों से होते हुए 1400 किमी का सफर तय करेगी और 20 जनवरी को यह रामनगरी अयोध्या पहुंचेगी।

राम मंदिर का फर्स्ट फ्लोर लगभग तैयार, परिसर में VVIP विजिट रोकी गई
इधर, अयोध्या में राम मंदिर का फर्स्ट फ्लोर करीब 90% बनकर तैयार हो चुका है। अब पत्थर के फर्श की घिसाई और पिलर्स को कलाकार अंतिम रूप दे रहे हैं। राम मंदिर ट्रस्ट दिसंबर के आखिर तक फिनिशिंग और फर्स्ट फ्लोर का निर्माण पूरा करने का दावा कर रहा है। समय पर निर्माण पूरे कराने के लिए राम मंदिर परिसर में मजदूरों की संख्या 3200 से बढ़ाकर 3500 कर दी गई है। मंदिर निर्माण स्थल पर VVIP के आवागमन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके पीछे ट्रस्ट का उद्देश्य मंदिर निर्माण की गति बिना अवरोध लगातार जारी रखना है। L&T और TAC के इंजीनियर्स की देखरेख में आठ-आठ घंटे की 3 शिफ्टों में मंदिर निर्माण का काम लगातार चल रहा है।

एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाईं चरण पादुकाएं
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। भगवान राम की पादुका बनकर तैयार हो गई हैं। अयोध्या में राम लला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी चरण पादुकाएं भी रखी जाएंगी। फिलहाल ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। ये चरण पादुकाएं एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाई गई हैं। इसके अलावा पादुका में बहुमूल्य रत्न भी लगाए गए हैं। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। इसी सिलसिले में रविवार 17 दिसंबर को इन्हें रामेश्वर धाम से अहमदाबाद लाया गया। अहमदाबाद पहुंची इन चरण पादुकाओं को बालाजी मंदिर के ट्रस्‍टी के सुब्‍बारायुडू अपने सिर पर रखकर मंदिर के अंदर ले गए। इसके बाद बालाजी मंदिर के पंडितों ने इसकी विशेष पूजा की। कुछ भक्‍तों ने इन पादुकाओं को अपने सिर पर भी रखा। यहां से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग धाम, द्वारकाधीश नगरी और इसके बाद बद्रीनाथ ले जाया गया। श्रीचल्ला श्रीनिवास इन पादुकाओं को हाथ में लेकर अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की 41 दिन की परिक्रमा भी कर चुके हैं।

राम मंदिर की तर्ज पर बनाया गया हीरों का हार और राम दरबार
सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5000 अमेरिकी हीरे और दो किलो चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार और राम दरबार बनाया है। 40 कारीगरों ने 35 दिनों में डिजाइन पूरा किया। रसेश ज्वेल्स के निदेशक कौशिक काकड़िया ने बताया कि इसमें हार में 5000 से अधिक अमेरिकी हीरे का इस्तेमाल किया गया है। यह दो किलोग्राम चांदी से बना है। उन्होंने बताया, यह किसी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं है। हम अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर से प्रेरित हैं। हम इसे राम मंदिर को उपहार में देना चाहते हैं। हमने इसे इस इरादे से बनाया था कि हम भी राम मंदिर को कुछ उपहार देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि रामायण के मुख्य पात्रों को हार की डोर में उकेरा गया है। अयोध्या में राम लला (शिशु भगवान राम) के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी से शुरू होगा।

अयोध्या में बिहार की राम रसोई, घी से जलेगा दीपक,कैमूर के चावल का भोग
अयोध्या में श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसके लिए पटना के महावीर मंदिर में तैयारी चल रही है। अयोध्या में इस महा आयोजन में शामिल होने वाले भक्तों को अपनी राम रसोई से स्वादिष्ट भोजन कराएगी। 15 जनवरी से हर महीने 6 लाख लोगों को भोजन कराने की तैयारी है। सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चलने वाली राम रसोई अयोध्या में बिहार की खास पहचान बनेगी। श्रीराम मंदिर परिसर में 10 हजार स्क्वॉयर फीट में राम रसोई बनाने का प्लान भी है। अभी राम लला के सामने स्वर्णिम दीपक भी महावीर मंदिर से भेजे गए गाय के घी से जलाया जाएगा। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल बताते हैं, अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए राम रसोई का बड़ा फैसला पटना में किया गया था। श्रीराम मंदिर के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के 15 दिनों के अंदर ही अयोध्या में राम रसोई शुरू कर दी थी। इसके बाद से लगातार अयोध्या में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रतिदिन राम रसोई में प्रसाद की थाली दी जा रही है। हनुमान गढ़ी में महावीर और गर्भ गृह में राम लला के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को भोजन महावीर की राम रसोई में मिलता है।

अभिषेक समारोह के लिए 4 हजार संत, 2 हजार VIP आमंत्रित किए गए
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को अभिषेक समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। आमंत्रित लोगों की जानकारी देते हुए राय ने कहा कि आडवाणी और जोशी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों से अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा से मिलने और उन्हें समारोह का आमंत्रण देने के लिए तीन सदस्यों वाली टीम बनाई गई है। समारोह के लिए लगभग 4000 संतों और 2200 अन्य मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही छह दर्शनों (प्राचीन विद्यालयों) के शंकराचार्य और लगभग 150 साधु-संत भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे।

आडवाणी-मुरली मनोहर से अपील- जनवरी में अयोध्या न आएं
उधर, राममंदिर ट्रस्ट ने 33 साल पहले रथयात्रा के सूत्रधार रहे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आग्रह किया है कि वे जनवरी में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या न आएं। राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय ने यह जानकारी दी। चंपत राय ने कहा कि दोनों नेताओं की उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है। यहां ठंड भी ज्यादा है। इसलिए मैंने दोनों से निवेदन किया है कि समारोह में न आएं। लालकृष्ण आडवाणी 96 साल के हैं, और मुरली मनोहर जोशी जनवरी में 90 साल के हो जाएंगे। ट्रस्ट का कहना है कि दोनों वरिष्ठ हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे यह अनुरोध किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

 

33 साल बाद गुजरात से अयोध्या रथयात्रा, 14 शहरों से गुजरेगी
अयोध्या नगरी के लिए गुजरात से एक बार फिर रथयात्रा निकलेगी। 1990 के दशक की रथयात्रा की ही तरह एक और रथयात्रा गुजरात से 8 जनवरी को रामनगरी अयोध्या के लिए निकलेगी। यह रथयात्रा गुजरात-MP-UP के 14 शहरों से होते हुए 1400 किमी का सफर तय करेगी और 20 जनवरी को यह रामनगरी अयोध्या पहुंचेगी। अहमदाबाद की राम चरित मानस ट्रस्ट-न्यूराणिप रथयात्रा आयोजित कर रही है। अयोध्या पहुंचने के बाद ट्रस्ट रामलला को 51 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाएगा। इससे पहले 1990 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी ने प्रथम पूज्य सोमनाथ ज्योर्तिलिंग धाम से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली थी। रथयात्रा के बाद ही राम मंदिर आंदोलन आमजन तक पहुंचा था।
रथयात्रा के बाद राममंदिर आंदोलन और बाबरी विध्वंस की टाइम लाइन 
• 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, विनय कटियार, उमा भारती जैसे नेता मौजूद थे।
• दोपहर 12 बजे लालकृष्ण आडवाणी रामकथा कुंज में भाषण दे रहे थे तभी शेषावतार मंदिर की तरफ से बढ़ रही भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
• पुलिस के पास बचने का कोई उपाय नहीं था। वह भागे तो भीड़ ने कटीली बैरिकेडिंग तोड़ दी। भीड़ में मौजूद लोगों को कार सेवक कहा गया था।
• मंच पर आडवाणी बोल ही रहे थे कि उनके सामने ही 5 मिनट के अंदर 25 हजार कार सेवक विवादित इमारत के एकदम पास पहुंच गए। करीब दो सौ लोग गुंबद पर चढ़ गए।
• कथाकुंज में नेता लोगों से लौट जाने की अपील कर रहे थे। कार सेवकों ने किसी की नहीं सुनी। बढ़ते गए। रोकने के लिए लगे कटीले तारों को कुचलते गए।
• इसके बाद अशोक सिंघल ने माइक लिया और कहा, विवादित भवन मस्जिद नहीं मंदिर है। कार सेवक उसे नुकसान न पहुंचाएं। रामलला की सौगंध है, वे नीचे उतर आएं।
• लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। पता चला कि जो गुंबद पर चढ़े हैं वो दक्षिण के कार सेवक हैं। इसके बाद माइक दिया गया एचवी शेषाद्रि को।
• शेषाद्रि ने दक्षिण की चारों भाषाओं में लोगों से उतर जाने की अपील की। लेकिन कोई असर नहीं पड़ा।
• 2.45 मिनट पर एक गुंबद ढहा दिया गया। 5 बजे बाबरी के तीनों गुंबद ढहा दिए गए। मुरली मनोहर जोशी ने इमारत ध्वस्त होने पर कार सेवकों को बधाई दी।
• शाम 7 बजे केंद्र सरकार ने UP सरकार को बर्खास्त कर दिया। राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। लोगों को अयोध्या से बाहर निकालने के लिए 16 स्पेशल ट्रेनें लगीं।
• लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल दिल्ली लौट आए। विनय कटियार वहीं रहे। विश्व हिन्दू परिषद के बाकी नेता भी अपने-अपने घर चले गए।

 

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