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शर्म उनको मगर नहीं आती: दूसरे के काम का क्रेडिट लेते पकड़े गए राहुल गांधी

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कांग्रेस का नेहरू-गांधी खानदान शुरुआत से ही दूसरे के किए कार्यों को इस तरह से प्रस्तुत करता है जैसे कि उस काम को करने में नेहरू खानदान ने खून-पसीना एक किया हो। दूसरे के काम को अपना बताकर पेश करने का नया मामला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़ा हुआ है। राहुल गांधी का फेसबुक पर वैरिफाइड पेज है। उस पर राहुल गांधी ने शिवरात्री की शुभकामना देते हुए शिव की एक पेंटिंग का इस्तेमाल तो कर लिया लेकिन पेंटिंग इस्तेमाल करने के लिए कलाकार से इजाजत लेना तो दूर खानदानी आदत को बरकरार रखते हुए उसका क्रेडिट भी उस कलाकार को नहीं दिया।

भगवान शिव की पेंटिंग बनाने वाले कलाकार ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर कड़ी आपत्ति जताई। राहुल गांधी के बहाने उन्होंने जिस तरह भारत के राजनेताओं पर कटाक्ष किए, उसे पढ़कर किसी भी स्वाभिमानी भारतीय का सिर शर्म से झुक जाएगा। लेकिन कांग्रेस है कि शर्म उनको मगर नहीं आती। आप भी पढ़िए, पेंटिंग बनाने वाली कलाकार ने क्या लिखा अपने पोस्ट में।


दूसरे लोगों के द्वारा किए गए काम का क्रेडिट लेने की आदत कांग्रेसी नेताओं की यह कोई पहली घटना नई है। कांग्रेस ने तो अपने ऑफिसियल साइट पर तो इस तरह के कार्यों की एक लिस्ट प्रकाशित की हुई है। जिसे कोई कभी भी देख सकता है। उसकी एक फेहरिस्त –

सोनिया गांधी के काल में कांग्रेस की ‘उपलब्धियां’ 

उपलब्धि नंबर 1 : 2007 में विश्वनाथन आनंद निर्विवाद रूप से विश्व शतरंज चैंपियन बने।

उपलब्धि नंबर 2 : 2008 में अभिनव बिंद्रा ओलंपिक में व्यक्तिगत रूप से स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने।

उपलब्धि नंबर 3 : 2008 में सचिन तेंदुलकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले और टेस्ट क्रिकेट में 12000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने।90 के दशक में कांग्रेस सरकार की ‘उपलब्धियां’
इसे कांग्रेस की निर्लज्जता की पराकाष्ठा कहिए या कुछ और लेकिन उसकी ये झूठी उपलब्धियां आज भी उसके आधिकारिक वेबसाइट पर देखी जा सकती है। कांग्रेस ने अपनी ‘उपलब्धियों’ में उन दो ‘सफलताओं’ को भी शामिल किया है, जब उसकी फर्स्ट फैमिली सीधे तौर पर सत्ता से दूर नजर आती थी।

उपलब्धि नंबर 4 : 1992 में सत्यजीत रे को ऑस्कर का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला।

उपलब्धि नंबर 5: 1994 में सुष्मिता सेन पहली भारतीय मिस यूनिवर्स बनीं।

इंदिरा-राजीव के कार्यकाल की ‘उपलब्धियां’

ऊपर के दो उपलब्धियों को छोड़ दें तो कांग्रेस की कामयाबी की फर्जी लिस्ट में पूरी तरह से पार्टी की फर्स्ट फैमिली का ही कब्जा दिखाया गया है। 

उपलब्धि नंबर 6: 1984 में बछेंद्री पाल एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

उपलब्धि नंबर 7: सुनील गावस्कर 1987 में टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने।

उपलब्धि नंबर 8: माइकल फेरेरा ने 1977 में विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप जीती।

उपलब्धि नंबर 9: मदर टेरेसा को 1979 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला।

नेहरू-इंदिरा के कार्यकाल की ‘सफलता’
दरअसल पंडित जवाहर लाल नेहरू के शासनकाल के दौरान भी जिन भारतीयों ने अपने दम पर देश का नाम रोशन किया था, कांग्रेस उसे भी अपनी ही सफलता के रूप में ही दिखाना चाहती है। अब ये कांग्रेस की सोच पर निर्भर है कि इन हरकतों से वह अपने नेताओं का सम्मान करना चाहती है या देश के इतिहास में उनके योगदानों को भी धूल में मिलाना चाहती है।

उपलब्धि नंबर 10: मिल्खा सिंह 1960 के ओलंपिक में रिकॉर्ड तोड़ने वाले पहले भारतीय बने।

उपलब्धि नंबर 11: 1962 में भारतीय फुटबॉल टीम ने एशियन गेम्स में स्वर्ण जीता और रैंकिंग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।

उपलब्धि नंबर 12: 1966 में रीता फारिया मिस वर्ल्ड का ताज जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

उपलब्धि नंबर 13: 1967 में पंडित रविशंकर ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने।

उपलब्धि नंबर 14: 1968 में फिजीओलॉजी या मेडिसिन में हर गोबिंद खुराना को नोबल पुरस्कार मिला

कांग्रेस की ऑफिशियल वेबसाइट पर इन उपलब्धियों को देखकर इसे हासिल करने वाले भी अपना सिर पकड़ लें, लेकिन शायद कांग्रेस को तब भी शर्म न आए। हालांकि कांग्रेस इन उपलब्धियों को लेकर ये तर्क दे सकती है कि ये सब कांग्रेस पार्टी की नहीं बल्कि भारत की सफलता है और उसे ही कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर डाला है। लेकिन इस तर्क के बाद भी कई सवाल खड़े होते हैं।

सवाल नंबर 1 – आखिर कांग्रेस ने अपनी वेबसाइट में  Our Achievements के सेक्शन में क्यों डाला है?

सवाल नंबर 2 – आखिर इन उपलब्धियों को पार्टी ने अपने Organization के कॉलम में क्यों डाला है?

सवाल नंबर 3 – अगर ये भारत की उपलब्धियां ही हैं तो क्या कांग्रेस की नजर में 2014 के बाद इस देश ने कोई नई उपलब्धि हासिल नहीं की?

सवाल नंबर 4 – जिस प्रकार इंदिरा गांधी इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया मानती थी, क्या अब भी कांग्रेस पार्टी की यही तानाशाही सोच जारी है? 

सवाल नंबर 5 – कांग्रेस पार्टी ने 1966 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली रीता फारिया को अपनी उपलब्धि बताया था, क्या अब उसी कांग्रेस पार्टी के लिए मिस वर्ल्ड बनी मानुषी छिल्लर उपलब्धि नहीं हैं?

सवाल कई हैं, लेकिन जिस प्रकार कांग्रेसी नेता अब भी अपने तानाशाही मानसिकता को छोड़ने को तैयार नहीं है और पार्टी एक परिवार की जागीर बन चुकी है, वैसे में अगर यह देश पूरी तरह कांग्रेस मुक्त हो जाए तो कोई अचरज की बात नहीं होगी।

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