प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत की सफलता का मुख्य कारण उनकी सरकार का ‘मूलभूत बातों पर वापस आना और भविष्य की ओर आगे बढ़ने’ का दृष्टिकोण है। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी 20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमारी सफलता का मुख्य कारण हमारा दृष्टिकोण है: Back to Basics, March to Future (मूलभूत बातों पर वापस आना और भविष्य की ओर आगे बढ़ना) है। हमने न केवल प्राकृतिक खेती और जैविक खेती पर, बल्कि नई तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। हमने श्री अन्न या मोटे अनाजों को बढ़ावा देकर सतत कृषि, पर्यावरण की सुरक्षा, पोषण और खाद्य सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने 2000 से अधिक जलवायु प्रतिरोधी फसल किस्में विकसित की हैं और ‘डिजिटल कृषि मिशन’ की शुरुआत की है। भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना ने सामाजिक और वित्तीय समावेश को सक्षम बनाया है।’
‘सामाजिक समावेश और भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ विषय पर जी 20 शिखर सम्मेलन के सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी और उनके शानदार आतिथ्य के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला दा सिल्वा को धन्यवाद दिया। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों पर केंद्रित ब्राजील के जी 20 एजेंडे की सराहना की और कहा कि नई दिल्ली जी 20 शिखर सम्मेलन के जन-केंद्रित निर्णयों को आगे बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए जन-केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है। यह बहुत संतोष की बात है कि हमने सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता दी। हमने समावेशी विकास, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और युवा शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया। और ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं और आकांक्षाओं को पंख दिए। यह साफ है कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य; इस शिखर सम्मेलन में भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना यह पिछले साल था।’
भूख और गरीबी से निपटने की भारत की पहल के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पिछले 10 वर्षों में हमने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। 800 मिलियन से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है। 550 मिलियन लोग दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। अब 70 वर्ष से अधिक आयु के 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिक भी मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकेंगे। महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और सामाजिक समावेश पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, सूक्ष्म क्षेत्र की 300 मिलियन से अधिक महिला उद्यमियों को बैंकों से जोड़ा गया है और उन्हें ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान की गई है। दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना के तहत, 40 मिलियन से अधिक किसानों को 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लाभ मिला है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ‘किसान योजना के तहत, 110 मिलियन किसानों को 40 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता दी गई है। किसानों को 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का संस्थागत ऋण दिया जा रहा है। भारत न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पोषण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अभियान, जो एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों और किशोरियों के पोषण पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। मिड डे मील योजना के माध्यम से स्कूल जाने वाले बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है। हमने हाल ही में मलावी, जाम्बिया और जिम्बाब्वे को मानवीय सहायता प्रदान की है।’
अफ्रीका और अन्य देशों में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर उन्होंने कहा कि ‘वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देशों पर सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हमारी चर्चा तभी सफल हो सकती है, जब हम ग्लोबल साउथ के देशों की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे। जिस तरह हमने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करके ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती दी, उसी तरह हम वैश्विक शासन की संस्थाओं में भी सुधार करेंगे।’