
अब तक 9.98 लाख करोड़ रुपए का आवंटन
देशभर के 20 करोड़ 24 लाख प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का फायदा उठा चुके हैं। इस योजना के तहत अब तक कुल 9.98 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना के दो उद्देश्य हैं।
पहला, स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन देना।
दूसरा, छोटे उद्यमों के जरिए रोजगार का सृजन करना।
मुद्रा योजना ने बदली जिंदगी
कई लोगों के पास हुनर तो है, लेकिन पूंजी की कमी की वजह से अपने हुनर का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देने और उनके हाथों को काम देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की थी। इस योजना ने अल्प समय में ही कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। पांच वर्षों में अब तक 20 करोड़ से अधिक लोगों को मुद्रा लोन दिया जा चुका है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक में मुद्रा योजना के तहत 104725.59 करोड़ रुपए कर्ज बांटे जा चुके हैं। वैसे ही वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3.21 लाख करोड़ रुपये, 2017-18 में 2.53 लाख करोड़ रुपये जबकि 2016-17 में 1.80 लाख करोड़ रुपये और 2015-16 में 1.37 लाख करोड़ रुपये मुद्रा योजना के तहत कर्ज बांटे गए हैं।
लाभार्थी- 3.48 करोड़
आवंटित राशि- 1.37 लाख करोड़ रुपये
लाभार्थी- 3.97 करोड़
आवंटित राशि- 1.80 लाख करोड़ रुपये
लाभार्थी- 4.81 करोड़
आवंटित राशि- 2.53 लाख करोड़ रुपये
लाभार्थी-5.98 करोड़
लाभार्थी- 1.98 करोड़


मुद्रा योजना के तहत कर्ज मिलना हुआ आसान
मुद्रा योजना से पहले तक छोटे कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से कर्ज लेने में काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं। कर्ज लेने के लिए गारंटी भी देनी पड़ती थी। इस वजह से कई लोग कारोबार तो शुरू करना चाहते थे, लेकिन बैंक से कर्ज लेने से कतराते थे। अब मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी का कर्ज मिलता है। इसके अलावा कर्ज के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में कर्ज चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
कारोबार के लिए 10 लाख रुपये तक कर्ज
कोई भी व्यक्ति जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है, वह इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकता है। पीएमएमवाई के के तहत, लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यम का विकास / विकास और वित्तपोषण की जरूरतों के स्तर को दर्शाते हुए ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ के लिए तीन श्रेणी में बांटा गया है। शिशु के तहत 50 हजार, किशोर में 50 हजार से पांच लाख तक और तरुण में पांच लाख से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा योजना की सफलता छोटे कारोबारियों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। इसका रोजगार-सृजन पर विविध और बेहद प्रभावपूर्ण असर पड़ा है। अब, सभी को इसका सीधा फायदा दिखाई दे रहा है। यह बात स्पष्ट है कि सरकार देश में सभी को नौकरियां नहीं दे सकती, लेकिन रोजगार के अवसर और धन उपलब्ध करवा करके सभी के विकास में योगदान सुनिश्चित कर सकती है।
रोजगार के बड़े अवसर पैदा कर रही है मुद्रा योजना
छोटे व्यापारी आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में असमर्थ थे, उनके लिए मुद्रा योजना वरदान साबित हुआ है। व्यापार को बढ़ावा देने के साथ दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। दर्जी, मैकेनिक, टैक्सी चलाने वाले, ऑटो चलाने वाले, बुनकर… सभी को आसानी से लोन मिल जा रहा है। मुद्रा लोन लेने वाले 20 करोड़ लोगों में से 4 करोड़ लोगों ने भी अगर एक व्यक्ति को रोजगार दिया तो सीधे तौर पर 8 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलता है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है। सही मायनों में यह योजना प्रधानमंत्री मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास का सटीक उदाहरण है।
PMMY का ऐसे उठा सकते हैं फायदा
मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन के लिए आपको सरकारी या बैंक की शाखा में आवेदन देना होगा। बैंक का ब्रांच मैनेजर आपसे कामकाज से बारे में जानकारी लेता है। उस आधार पर आपको PMMY लोन मंजूर करता है।