मोदी सरकार साल भर के भीतर ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इस सुविधा से लाभार्थी देश के किसी कोने के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से अनाज प्राप्त कर सकता है। काम के अवसरों की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले श्रमिकों के लिए यह योजना बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ देने से इस प्रणाली में चोरी और धांधली रोकने में जबर्दस्त सफलता मिली है।
जल्द लागू होगा आईएमपीडीएस सिस्टम
यह योजना आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में लागू है। जहां इसे इंटीग्रेटड मैनेजमेंट आफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएमपीडीएस) के नाम से जाना जाता है। जिसमें एक लाभार्थी राज्य के किसी भी जिले से अपने हिस्से का खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। अन्य राज्यों ने भी आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द आईएमपीडीएस को लागू किया जाएगा। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
दिल्ली में हुई बैठक
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने देशभर के खाद्य सचिवों की एक बैठक गुरुवार को दिल्ली में बुलाई गई, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की नई योजना एक राष्ट्र-एक कार्ड को शुरु करने की बात कही।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री ने बताया इस योजना के लाभ
इस मौके पर केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इस योजना से उपभोक्ताओं को किसी एक दुकान से बांध कर नहीं रखा जा सकता है। राशन दुकानदारों की मनमानी और चोरी को बंद करने में मदद मिलेगी।